इंदौर। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाल का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग को इस सर्वे से जुड़ी एक रिपोर्ट2 जुलाई यानि मंगलवार को इंदौर हाई कोर्ट में पेश करनी थी, लेकिन विभाग ने आज रिपोर्ट पेश नहीं की. इससे पहले भी एएसआई समय मांग चुका है. आज हुई सुनवाई में विभाग ने हाई कोर्ट से चार हफ्ते का समय मांगा है. जिसके बाद इंदौर खंडपीठ ने 4 जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की है.
भोजशाला सर्वे मामले में 4 जुलाई को होगी सुनवाई
4 जुलाई को कोर्ट इस पूरे मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग सहित अन्य पक्षों को सुनेगा. उसके बाद जिस तरह से भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने चार सप्ताह का समय जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए मांगा है, उसके बारे में जानकारी लेगा और उसके बाद भारतीय सर्वेक्षण विभाग को चार सप्ताह का समय देता है या फिर कोर्ट उन्हें जल्द ही रिपोर्ट पेश करने के आदेश देता है. इस पर आदेश जारी करेगा. फिलहाल कोर्ट ने अब इस पूरे मामले में 4 जुलाई की सुनवाई तय की है. इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका लगाई है. जिस पर भी आने वाले दिनों में सुनवाई होनी है.
2 जुलाई को रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई एएसआई
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 11 मार्च को ज्ञानवापी की तर्ज पर भोजशाला का सर्वे करने के निर्देश दिए थे. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को सर्वे के लिए 6 सप्ताह का समय दिया गया था. पांच सदस्यों की टीम ने हर दिन भोजशाला का सर्वे कर रही थी. हालांकि तय समय में सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका. सर्वे में ज्यादा समय लगने पर एएसआई के आवेदन पर कोर्ट ने 2 जुलाई का समय दिया था, लेकिन आज टीम रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई है. जिसके बाद हाई कोर्ट ने 4 जुलाई को अगली सुनवाई रखी है.
98 दिन के सर्वे में मिली कई चीजें
22 मार्च से शुरु हुआ सर्वे 98 दिन तक चला. इस दौरान अलग-अलग पद्धति से जांच की गई. सर्वे के दौरान कई स्थानों की खुदाई की गई है, जहां कई धार्मिक चिन्ह और पुरानी मूर्तियां मिली है. सर्वे के दौरान दोनों पक्षों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते थे. जिससे कोई सर्वे की प्रक्रिया पर सवाल न उठा सके. धार भोजशाल को हिंदू समाज सरस्वती माता का मंदिर तो मुस्लिम समाज इसे मस्जिद बताता है. इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है.