देहरादूनः अयोध्या में 22 जनवरी को हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. रोजाना बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पूरी कैबिनेट का भी 2 फरवरी को राम मंदिर दर्शन का कार्यक्रम था. लेकिन अयोध्या में अत्यधिक भीड़ होने के कारण कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था. ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 20 फरवरी को सीएम धामी समेत पूरी कैबिनेट भगवान राम के दर्शन करने जा रही है.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने के बाद ही उत्तराखंड सरकार ने अयोध्या जाकर भगवान राम के दर्शन करने का निर्णय लिया था. ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी कैबिनेट मंत्री 20 फरवरी को भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जा रहे हैं. वहीं, अयोध्या जाने के सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि अयोध्या जाने का पहले से ही प्लान था. इसके तहत 2 फरवरी को रामलला के दर्शन करने का कार्यक्रम बना था. लेकिन अयोध्या में बहुत अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण सरकार को कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था.
सीएम धामी ने बताया कि उस दौरान निर्णय लिया गया था कि जब अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ कुछ कम हो जाएगी, तब उत्तराखंड सरकार अपनी पूरी कैबिनेट के साथ भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाएगी. ऐसे में भगवान राम के दर्शन के लिए कुछ तिथियां उत्तर प्रदेश सरकार से व्यवस्था के तहत आई हैं. ऐसे में उन तिथियों में किसी भी एक तिथि, जिस दिन भगवान राम बुलाएंगे उस दिन वे और उनकी पूरी कैबिनेट दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएगी. हालांकि, सूत्र बताते हैं कि 20 फरवरी को उत्तराखंड कैबिनेट अयोध्या दर्शन के लिए जाएगी.
वहीं, आगामी विधानसभा सत्र देहरादून स्थित विधानसभा में आहूत होने जा रहा है. इसपर बुधवार को हुए धामी मंत्रिमंडल की बैठक में सहमति जता दी है. विधानसभा सत्र के सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र देहरादून में ही होगा. क्योंकि पक्ष और विपक्ष के अधिकांश विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष और उन्हें लिखित रूप से पत्र देने के साथ ही मुलाकात कर देहरादून में विधानसभा सत्र आहूत करने की बात कही है. कुछ विधायक बीमार हैं और अचानक विधानसभा सत्र गैरसैंण में करने से व्यवस्थाओं की कमी भी हो जाती है. ऐसे में सभी विधायकों के अनुरोध करने पर निर्णय लिया गया है कि सत्र देहरादून में ही कराया जाएगा.
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