लखनऊ: छह जुलाई 2017, दिल्ली के एक डॉक्टर श्रीकांत गौड़ का कुछ बदमाशों ने अपहरण कर लिया. फिरौती में डॉक्टर के परिवार से पांच करोड़ रुपयों की डिमांड की गई. दिल्ली की स्पेशल सेल किडनैपर्स की तलाश में जुटी थी, लेकिन न ही डॉक्टर का कोई सुराग लग रहा था और न ही अपहरणकर्ताओं की कोई भनक मिली. सूचना मिली की डॉक्टर को बदमाशों ने मेरठ में छिपा कर रखा हुआ है. तब क्या था कि, तत्कालीन एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार और एसएसपी मंजिल सैनी ने मोर्चा संभाला. 19 जुलाई को डॉक्टर का अपहरण करने वाले चार बदमाशों को एनकाउंटर कर गिरफ्तार कर लिया. इसी सहासीय कार्य के लिए इस बार गणतंत्र दिवस पर डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को उनका चौथा और एसपी एनएसजी के पद पर तैनात मंजिल सैनी (SP NSG Manzil Saini will get Gallantry Award on Republic Day 2024) को पहला गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा जाएगा.
ओला कैब समेत डॉक्टर का कर लिया दिल्ली से किडनैप: आंध्र प्रदेश निवासी 29 वर्षीय डॉ. श्रीकांत गौड़ दिल्ली में मेट्रो हार्ट एवं कैंसर अस्पताल प्रीत विहार में तैनात थे. छह जुलाई 2017 को वे हॉस्पिटल से गौतम नगर दिल्ली स्थिति अपने घर जा रहे थे. इसी दौरान कुछ बदमाशों ने उनका ओला कैब समेत अपहरण कर लिया. अपहरणकर्ताओं ने ओला कैब के कॉल सेंटर को कॉल की और उनसे पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी. जिसके बाद डॉक्टर के साथ काम करने वाले डॉ. राकेश ने दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 13 दिनों तक दिल्ली पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी रही, जब उन्हे कोई सुराग नहीं मिला तो यूपी पुलिस से मदद मांगी गई. जिसके बाद यूपी पुलिस एक्टिव हुई और दिल्ली पुलिस की मदद में जुट गई.
प्रशांत कुमार को मिलेगा चौथा राष्ट्रपति पदक: वर्ष 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार, मौजूदा समय सबसे महत्वपूर्ण पद डीजी कानून व्यवस्था के तौर पर तैनात है. 26 जनवरी को प्रशांत कुमार को उनका चौथा गैलेंट्री अवार्ड दिया जाएगा. वर्ष 2007 से अब तक प्रशांत कुमार को 15 पदक मिल चुके है, जिसमें तीन बार वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक, दीर्घकालीन व सराहनीय कार्य के लिए एक एक बार राष्ट्रपति पदक शामिल है. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक, डीजी यूपी कमेंडेशन डिस्क गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम मिला है.
कौन हैं DG प्रशांत कुमार: प्रशांत कुमार वर्ष 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था. आईपीएस बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था. बतौर IPS प्रशांत कुमार को तमिलनाडु कैडर मिला था, हालांकि 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिम्पल वर्मा से शादी के बाद उनका यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गया. प्रशांत कुमार फैजाबाद (अयोध्या), मिर्जापुर और सहारनपुर रेंज में तैनात रहे है.
इसके अलावा भदोही, पौरी गढ़वाल (अब उत्तराखंड का हिस्सा), जौनपुर, सोनभद्र, फैजाबाद (अब अयोध्या) गाजियाबाद, बाराबंकी और सहारनपुर में कप्तान के रूप में काम कर चुके है. प्रशांत कुमार लगभग 3 वर्ष मेरठ जोन के एडीजी थे. उनके एडीजी रहते हुए सबसे अधिक एनकाउंटर मेरठ जोन में ही हुए. वे अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं. मेरठ जोन के एडीजी रहते यूपी में खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी, साबिर गैंग के कई अपराधियों का सफाया किया. हालही में प्रशांत कुमार एडीजी से डीजी के पद पर प्रोन्नति हुए है.