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कर्नाटक में सीएम पद की लड़ाई! श्रीशैला पीठ के जगद्गुरु ने लिंगायतों के लिए कांग्रेस सरकार के समक्ष रखी बड़ी डिमांड - Karnataka CM post to Lingayats

Demand of CM post to Lingayats: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. वोक्कालिगा समुदाय के एक महंत ने कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया से पद छोड़ने और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के लिए सत्ता सौंपने की अपील की थी. जिसके बाद वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख महंत ने भी कहा कि, लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

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फोटो (ANI and ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 28, 2024, 10:39 PM IST

चिक्कोडी: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर सत्ता को लेकर संघर्ष जारी है. गुरुवार को आयोजित केम्पेगौड़ा जयंती समारोह के मंच से वोक्कालिगा समुदाय के महंत चंद्रशेखर स्वामी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पद छोड़ने और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के लिए सत्ता सौंपने की अपील की. इसके साथ ही अब वीरशैव लिंगायतों को भी सीएम पद दिए जाने की मांग उठने लगी है. शुक्रवार (28 जून) को श्रीशैला पीठ के जगद्गुरु (वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख महंत ) डॉ. चन्नासिद्दाराम पंडिताराध्य शिवाचार्य स्वामीजी ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी आलाकमान की तरफ से लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, वीरशैव लिंगायतों का ने पार्टी के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है. वीरशैव लिंगायत के धर्मगुरु ने 2 डिप्टी सीएम पद के लिए 3 नाम सुझाए.

स्वामीजी ने कहा कि,यदि मुख्यमंत्री पद में बदलाव होता है और एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाया जाते हैं तो ऐसी स्थिति में, मैं कांग्रेस पार्टी और सरकार से आग्रह करता हूं कि वीरशैव लिंगायत समुदाय से आने वाले मंत्रियों को प्राथमिकता दी जाए. बता दें कि, कर्नाटक की राजनीति में इस समय कई दिलचस्प बहस को जन्म दे रही है. बेलगावी जिले के चिक्कोडी तालुक के यदूरा गांव में मीडिया से बात करते हुए वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख महंत ने कहा कि, लिंगायत मतदाताओं ने पिछले चुनाव में भरोसा जताया था और अधिक वोट देकर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाया था. फिलहाल चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद पर किसी और को लाया जाए और राज्य में उपमुख्यमंत्री के और पद बनाए जाएं. स्वामीजी ने कहा, अगर कोई बदलाव होता है तो वीरशैव लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि, उनके समुदाय के कई नेता पहले से ही कैबिनेट में हैं. एमबी पाटिल, ईश्वर खंड्रे, एसएस मल्लिकार्जुन, शमनूर शिवशंकरप्पा को मौका दिया जाना चाहिए. इस बारे में काशी, उज्जैन के संतों से भी चर्चा की गई है. वीरशैव लिंगायत मंत्रियों को उच्च दर्जा दिया जाना चाहिए. यदि बुजुर्गों को अधिक जिम्मेदारी दी जाती है, तो वीरशैव समुदाय को न्याय मिलेगा.

स्वामीजी ने कहा कि, वीरशैव लिंगायत समुदाय की अनदेखी करने वाली कोई भी पार्टी अच्छी तरह से विकसित नहीं होगी. कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर कौन कितने वर्षों तक सीएम रहेगा, इस समझौते के बारे में हमें नहीं पता. स्वामीजी ने कहा, अगर ऐसी किसी बात पर चर्चा होती है तो उसी तरह आगे बढ़ना अच्छा है.

ये भी पढ़ें: लिंगायत संत दिंगलेश्वर स्वामी ने नामांकन वापस लिया, कहा- प्रह्लाद जोशी के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई

चिक्कोडी: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर सत्ता को लेकर संघर्ष जारी है. गुरुवार को आयोजित केम्पेगौड़ा जयंती समारोह के मंच से वोक्कालिगा समुदाय के महंत चंद्रशेखर स्वामी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पद छोड़ने और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के लिए सत्ता सौंपने की अपील की. इसके साथ ही अब वीरशैव लिंगायतों को भी सीएम पद दिए जाने की मांग उठने लगी है. शुक्रवार (28 जून) को श्रीशैला पीठ के जगद्गुरु (वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख महंत ) डॉ. चन्नासिद्दाराम पंडिताराध्य शिवाचार्य स्वामीजी ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी आलाकमान की तरफ से लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, वीरशैव लिंगायतों का ने पार्टी के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है. वीरशैव लिंगायत के धर्मगुरु ने 2 डिप्टी सीएम पद के लिए 3 नाम सुझाए.

स्वामीजी ने कहा कि,यदि मुख्यमंत्री पद में बदलाव होता है और एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाया जाते हैं तो ऐसी स्थिति में, मैं कांग्रेस पार्टी और सरकार से आग्रह करता हूं कि वीरशैव लिंगायत समुदाय से आने वाले मंत्रियों को प्राथमिकता दी जाए. बता दें कि, कर्नाटक की राजनीति में इस समय कई दिलचस्प बहस को जन्म दे रही है. बेलगावी जिले के चिक्कोडी तालुक के यदूरा गांव में मीडिया से बात करते हुए वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख महंत ने कहा कि, लिंगायत मतदाताओं ने पिछले चुनाव में भरोसा जताया था और अधिक वोट देकर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाया था. फिलहाल चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद पर किसी और को लाया जाए और राज्य में उपमुख्यमंत्री के और पद बनाए जाएं. स्वामीजी ने कहा, अगर कोई बदलाव होता है तो वीरशैव लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि, उनके समुदाय के कई नेता पहले से ही कैबिनेट में हैं. एमबी पाटिल, ईश्वर खंड्रे, एसएस मल्लिकार्जुन, शमनूर शिवशंकरप्पा को मौका दिया जाना चाहिए. इस बारे में काशी, उज्जैन के संतों से भी चर्चा की गई है. वीरशैव लिंगायत मंत्रियों को उच्च दर्जा दिया जाना चाहिए. यदि बुजुर्गों को अधिक जिम्मेदारी दी जाती है, तो वीरशैव समुदाय को न्याय मिलेगा.

स्वामीजी ने कहा कि, वीरशैव लिंगायत समुदाय की अनदेखी करने वाली कोई भी पार्टी अच्छी तरह से विकसित नहीं होगी. कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने पर कौन कितने वर्षों तक सीएम रहेगा, इस समझौते के बारे में हमें नहीं पता. स्वामीजी ने कहा, अगर ऐसी किसी बात पर चर्चा होती है तो उसी तरह आगे बढ़ना अच्छा है.

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