नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह की ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को निलंबित करने की मांग खारिज कर दिया है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने सजा निलंबित करने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि दोषी ने अभी करीब तीन साल की सजा ही काटी है, जो मिली दस साल कैद की सजा के आधी से कम है.
हाईकोर्ट ने अतुल सिंह के मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करते हुए कहा कि उसकी तबीयत ऐसी नहीं है कि वो जेल में सजा नहीं काट सकता. कोर्ट ने कहा कि अतुल सिंह के खिलाफ आरोप काफी गंभीर है. ऐसे में सजा को निलंबित नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी. 4 जून 2017 को पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था. रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.
तीस हजारी कोर्ट ने 13 मार्च 2020 को उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसके साथ कोर्ट ने कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सिंह समेत सभी 7 आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माना लगाया था.
इससे पहले, 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीपर सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की रकम में से 10 लाख रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया था. हालांकि कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया.