ETV Bharat / bharat

राजस्थान में नया बवाल, चार राज्यों के आदिवासी समाज ने मांगा नया भील प्रदेश - demand of Bhil Pradesh

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर गुरुवार को भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने भील प्रदेश की मांग की. सांस्कृतिक महारैली के नाम से आयोजित कार्यक्रम में करीब एक लाख आदिवासियों के शामिल होने का दावा किया गया. 40 वक्ताओं ने रैली में एक स्वर में भील प्रदेश निर्माण की मांग उठाई.

भील प्रदेश बनाने की मांग
भील प्रदेश बनाने की मांग (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 19, 2024, 11:42 AM IST

जयपुर. गुरुवार को बांसवाड़ा में आयोजित आदिवासी समाज के कार्यक्रम में देश के चार राज्यों को मिलाकर भील प्रदेश के गठन की मांग ने जोर पकड़ा है. आदिवासी समाज ने राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात के 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की गई है. इसमें राजस्थान के पुराने 33 जिलों में से उदयपुर समेत 12 जिलों को शामिल करने की मांग है. मंच पर कहा गया कि आदिवासी समाज ऐसा प्रदेश चाहता है जिसमें कलेक्टर, एसपी, एसडीएम से लेकर हर कर्मचारी आदिवासी होगा. इनमें केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल करने की मांग है. संस्कृतिक सम्मेलन के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और दादर नगर हवेली से भी समाज जन के आने का दावा किया गया. इन जिलों में अपने-अपने राज्यों से अलग करने की मांग की गई. इस रैली में प्रदेश से एक आदिवासी सांसद और एक विधायक ने भी शिरकत की.

राजकुमार रोत बोल गलत पढ़ाया इतिहास : बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि अब तक हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया था. उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम पर शहीद हुए हमारे 1500 पूर्वज भील प्रदेश की रूपरेखा तैयार करने आए थे, जबकी धर्म सभा एक बहाना था. उन्होंने कहा क अंग्रेजी हुकुमत के वक्त से ही भील प्रदेश की मांग चली आ रही है.

पढ़ें: विधायक ने विधानसभा में उठाई भील प्रदेश की मांग, मंत्री बोले- जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए अलग राज्य

आदिवासी कानून की उठाई मांग : बांसवाड़ा में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल ने कहा कि अब प्रशासन और सरकार को संभल जाना चाहिए कि मनमर्जी नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि हम ग्राम पंचायत में ‘मांजगडा (विवादों का निपटारा करने की आदिवासियों की परंपरा) में जो फैसला ले लेंगे यह मानना होगा.

मानगढ़ धाम पर आदिवासी समाज ने भरी हुंकार
मानगढ़ धाम पर आदिवासी समाज ने भरी हुंकार (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

इन राज्यों के जिलों से भील प्रदेश की मांग : आदिवासी समाज ने राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात के 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की है. इसमें राजस्थान के पुराने 33 जिलों में से उदयपुर समेत 12 जिलों को शामिल करने की मांग है.

इन क्षेत्रों को भील प्रदेश में शामिल करने की मांग:-

  1. राजस्थान के : बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली
  2. गुजरात के : अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा, भरूच, वलसाड़
  3. मध्यप्रदेश के : इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
  4. महाराष्ट्र के : नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार

जयपुर. गुरुवार को बांसवाड़ा में आयोजित आदिवासी समाज के कार्यक्रम में देश के चार राज्यों को मिलाकर भील प्रदेश के गठन की मांग ने जोर पकड़ा है. आदिवासी समाज ने राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात के 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की गई है. इसमें राजस्थान के पुराने 33 जिलों में से उदयपुर समेत 12 जिलों को शामिल करने की मांग है. मंच पर कहा गया कि आदिवासी समाज ऐसा प्रदेश चाहता है जिसमें कलेक्टर, एसपी, एसडीएम से लेकर हर कर्मचारी आदिवासी होगा. इनमें केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल करने की मांग है. संस्कृतिक सम्मेलन के नाम पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और दादर नगर हवेली से भी समाज जन के आने का दावा किया गया. इन जिलों में अपने-अपने राज्यों से अलग करने की मांग की गई. इस रैली में प्रदेश से एक आदिवासी सांसद और एक विधायक ने भी शिरकत की.

राजकुमार रोत बोल गलत पढ़ाया इतिहास : बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि अब तक हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया था. उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम पर शहीद हुए हमारे 1500 पूर्वज भील प्रदेश की रूपरेखा तैयार करने आए थे, जबकी धर्म सभा एक बहाना था. उन्होंने कहा क अंग्रेजी हुकुमत के वक्त से ही भील प्रदेश की मांग चली आ रही है.

पढ़ें: विधायक ने विधानसभा में उठाई भील प्रदेश की मांग, मंत्री बोले- जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए अलग राज्य

आदिवासी कानून की उठाई मांग : बांसवाड़ा में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल ने कहा कि अब प्रशासन और सरकार को संभल जाना चाहिए कि मनमर्जी नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि हम ग्राम पंचायत में ‘मांजगडा (विवादों का निपटारा करने की आदिवासियों की परंपरा) में जो फैसला ले लेंगे यह मानना होगा.

मानगढ़ धाम पर आदिवासी समाज ने भरी हुंकार
मानगढ़ धाम पर आदिवासी समाज ने भरी हुंकार (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

इन राज्यों के जिलों से भील प्रदेश की मांग : आदिवासी समाज ने राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात के 49 जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की है. इसमें राजस्थान के पुराने 33 जिलों में से उदयपुर समेत 12 जिलों को शामिल करने की मांग है.

इन क्षेत्रों को भील प्रदेश में शामिल करने की मांग:-

  1. राजस्थान के : बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली
  2. गुजरात के : अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा, भरूच, वलसाड़
  3. मध्यप्रदेश के : इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
  4. महाराष्ट्र के : नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.