ETV Bharat / bharat

एशियाई देशों में बढ़ रही अलीगढ़ में बनी हथकड़ियों की मांग, जानें खासियत - ALIGARH HANDCUFFS

अलीगढ़ की हथकड़ियों की डिमांड कई देशों में लगातार बढ़ रही है. इनकी कीमत 2000 रुपये तक होती है.

ETV Bharat
विदेशों में बढ़ रही अलीगढ़ के हथकड़ियों की मांग (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2024, 8:39 PM IST

अलीगढ़: शायद बहुत कम लोगों को पता है कि अकेले हिन्दुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के करीब दो दर्जन से ज्यादा देशों के अपराधियों को जिस हथकड़ी से जकड़ा जाता है, वो भी अलीगढ़ में ही बनती है. इस हथकड़ी की डिमांड बढ़ रही है. दिल्ली की स्मार्ट पुलिस हो या मुंबई की हाईटेक पुलिस या फिर दुबई की दबंग पुलिस, अपराधियों को पकड़ने और उन्हें कलाई से जकड़ने के लिए दुनियाभर में अलीगढ़ की हथकड़ियों का इस्तेमाल होता है.

तीसरी पीढ़ी बना रही हथकड़ी: अलीगढ़ थाना सासनी गेट के इलाके खीरनी गेट में रूद्रा इंटरप्राइजेज को चलाने वाले सुधांशु मिश्रा के मुताबिक ये उनका खानदानी पेशा है. इसकी शुरुआत उनके बाबा एसपी मिश्रा ने 1932 में की थी. ये फैक्टरी अलीगढ़ की 90 साल पुरानी फैक्टरी है, जो हिन्दुस्तान के साथ ही दुनिया के कई देशों की पुलिस के लिए हथकड़ी बनाती है. हिमांशु ने बताया कि हिंदुस्तान में सिर्फ अलीगढ़ में ही हथकड़ियां बनाई जाती हैं. हमारी हथकड़ियों की मांग एशिया के देशों में ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें - जीआई टैग मिलने से अलीगढ़ के ताले को मिली नई पहचान, नकली उत्पादों को रोकने में मिलेगी मदद - अलीगढ़ के ताले को मिला जीआई टैग


वन क्लिक हैंडकफ : वन क्लिक हैंडकफ को भारत और कई देशों की पुलिस इस्तेमाल करती है. इसमें डबल लॉक होता है. ये हथकड़ी वजन में काफी हल्की है. कार्बन स्टील से तैयार होने वाली ये 350 ग्राम की हथकड़ी बेहद मजबूत है. हिंजेस मोड हैंडकफ बनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी. यह एक झटके से कलाई में पहनाई जा सकती है.

फिक्सड साइज की हथकड़ी: पुराने जमाने की फिक्सड साइज की हथकड़ी का वजन लगभग 450 से 500 ग्राम का होता था. उसके चार साइज होते थे. दो इंच, सवा दो इंच, ढाई इंच और पौने तीन इंच. लेकिन, उन्हें अपने साथ लेकर चलना और उसका इस्तेमाल करना कठिन होता है. साथ ही उसका वजन अधिक होता है.


विदेशी पैटर्न की हथकड़ियां : दो प्रकार की विदेशी हथकड़ियां बनाई जाती हैं, जो आजकल फिल्मों में दिखाई देती हैं. यह देखने में पतली और हल्की होती हैं. लेकिन, एक क्लिक में अपराधी को लग जाती हैं और एक ही क्लिक में खुल भी जाती है. मजबूत भी काफी होती हैं. विदेशी हथकड़ियों की मांग अब हिंदुस्तान में भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. दोनों हथकड़ियों में बस इतना फर्क है, एक में हथकड़ी के बीच में चेन होती है और दूसरे में चेन नहीं होती. इसमें हथकड़ी कलाई मोड़ने तक का मौका नहीं देती है.

हिंदुस्तानी पैटर्न की हथकड़ियां : सुधांशु मिश्रा ने कहा कि हम लोग दो हिंदुस्तानी पैटर्न की हथकड़ियां बनाते हैं, जो विदेशी हथकड़ियों के मुकाबले में देखने में बड़ी और भारी दिखाई देती हैं. दोनों हथकड़ियों में अलग-अलग चाबियां भी होती हैं. विदेशी हथकड़ियां के मुकाबले हिंदुस्तानी हथकड़ियों की मांग हिंदुस्तान में भी कम होती जा रही है.

देश विदेश में होती है सप्लाई : हिंदुस्तान में इन हथकड़ियों की सप्लाई होती है. विदेशों में भी ऑनलाइन ही डिमांड आती है. इसके बाद सप्लाई की जाती है. हिंदुस्तान में सिर्फ सरकारी विभागों में ही हथकड़ियां दी जाती हैं.

क्या है हथकड़ियों की कीमत: देसी और विदेशी हथकड़ियां की कीमत लगभग 1000 से 2000 रुपये के बीच होती है. इनको ऑनलाइन देश-विदेश में सप्लाई किया जाता है.

यह भी पढ़ें - संभल-बनारस के बाद अलीगढ़ में भी मिला प्राचीन मंदिर; मुस्लिम बाहुल्य इलाके में 49 साल से था बंद - ALIGARH SHIV MANDIR

अलीगढ़: शायद बहुत कम लोगों को पता है कि अकेले हिन्दुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के करीब दो दर्जन से ज्यादा देशों के अपराधियों को जिस हथकड़ी से जकड़ा जाता है, वो भी अलीगढ़ में ही बनती है. इस हथकड़ी की डिमांड बढ़ रही है. दिल्ली की स्मार्ट पुलिस हो या मुंबई की हाईटेक पुलिस या फिर दुबई की दबंग पुलिस, अपराधियों को पकड़ने और उन्हें कलाई से जकड़ने के लिए दुनियाभर में अलीगढ़ की हथकड़ियों का इस्तेमाल होता है.

तीसरी पीढ़ी बना रही हथकड़ी: अलीगढ़ थाना सासनी गेट के इलाके खीरनी गेट में रूद्रा इंटरप्राइजेज को चलाने वाले सुधांशु मिश्रा के मुताबिक ये उनका खानदानी पेशा है. इसकी शुरुआत उनके बाबा एसपी मिश्रा ने 1932 में की थी. ये फैक्टरी अलीगढ़ की 90 साल पुरानी फैक्टरी है, जो हिन्दुस्तान के साथ ही दुनिया के कई देशों की पुलिस के लिए हथकड़ी बनाती है. हिमांशु ने बताया कि हिंदुस्तान में सिर्फ अलीगढ़ में ही हथकड़ियां बनाई जाती हैं. हमारी हथकड़ियों की मांग एशिया के देशों में ज्यादा है.

इसे भी पढ़ें - जीआई टैग मिलने से अलीगढ़ के ताले को मिली नई पहचान, नकली उत्पादों को रोकने में मिलेगी मदद - अलीगढ़ के ताले को मिला जीआई टैग


वन क्लिक हैंडकफ : वन क्लिक हैंडकफ को भारत और कई देशों की पुलिस इस्तेमाल करती है. इसमें डबल लॉक होता है. ये हथकड़ी वजन में काफी हल्की है. कार्बन स्टील से तैयार होने वाली ये 350 ग्राम की हथकड़ी बेहद मजबूत है. हिंजेस मोड हैंडकफ बनाने की शुरुआत 2010 में हुई थी. यह एक झटके से कलाई में पहनाई जा सकती है.

फिक्सड साइज की हथकड़ी: पुराने जमाने की फिक्सड साइज की हथकड़ी का वजन लगभग 450 से 500 ग्राम का होता था. उसके चार साइज होते थे. दो इंच, सवा दो इंच, ढाई इंच और पौने तीन इंच. लेकिन, उन्हें अपने साथ लेकर चलना और उसका इस्तेमाल करना कठिन होता है. साथ ही उसका वजन अधिक होता है.


विदेशी पैटर्न की हथकड़ियां : दो प्रकार की विदेशी हथकड़ियां बनाई जाती हैं, जो आजकल फिल्मों में दिखाई देती हैं. यह देखने में पतली और हल्की होती हैं. लेकिन, एक क्लिक में अपराधी को लग जाती हैं और एक ही क्लिक में खुल भी जाती है. मजबूत भी काफी होती हैं. विदेशी हथकड़ियों की मांग अब हिंदुस्तान में भी धीरे-धीरे बढ़ रही है. दोनों हथकड़ियों में बस इतना फर्क है, एक में हथकड़ी के बीच में चेन होती है और दूसरे में चेन नहीं होती. इसमें हथकड़ी कलाई मोड़ने तक का मौका नहीं देती है.

हिंदुस्तानी पैटर्न की हथकड़ियां : सुधांशु मिश्रा ने कहा कि हम लोग दो हिंदुस्तानी पैटर्न की हथकड़ियां बनाते हैं, जो विदेशी हथकड़ियों के मुकाबले में देखने में बड़ी और भारी दिखाई देती हैं. दोनों हथकड़ियों में अलग-अलग चाबियां भी होती हैं. विदेशी हथकड़ियां के मुकाबले हिंदुस्तानी हथकड़ियों की मांग हिंदुस्तान में भी कम होती जा रही है.

देश विदेश में होती है सप्लाई : हिंदुस्तान में इन हथकड़ियों की सप्लाई होती है. विदेशों में भी ऑनलाइन ही डिमांड आती है. इसके बाद सप्लाई की जाती है. हिंदुस्तान में सिर्फ सरकारी विभागों में ही हथकड़ियां दी जाती हैं.

क्या है हथकड़ियों की कीमत: देसी और विदेशी हथकड़ियां की कीमत लगभग 1000 से 2000 रुपये के बीच होती है. इनको ऑनलाइन देश-विदेश में सप्लाई किया जाता है.

यह भी पढ़ें - संभल-बनारस के बाद अलीगढ़ में भी मिला प्राचीन मंदिर; मुस्लिम बाहुल्य इलाके में 49 साल से था बंद - ALIGARH SHIV MANDIR

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.