नई दिल्ली: भारत में इस साल सामान्य बारिश हो सकती है. मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी स्काईमेट (Skymet) ने इस बार मॉनसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है. ईटीवी भारत से बात करते हुए स्काईमेट के प्रमुख जीपी शर्मा ने कहा कि मॉनसून को लेकर हमने अपने पूर्वानुमान बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि स्काईमेट को उम्मीद है कि जून से सितंबर तक चार महीने की लंबी अवधि के दौरान आगामी मॉनसून में 102 प्रतिशत या औसत 868.6 मिमी तक बारिश हो सकती है. 96-104 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य मॉनसून मानता जाता है. 12 जनवरी, 2024 को जारी अपने पहले पूर्वानुमान में स्काईमेट ने 2024 में सामान्य मॉनसून का आकलन किया था.
मॉनसून के समय पर आने के सवाल पर जीपी शर्मा ने कहा, मॉनसून जून से सितंबर तक माना जाता है. अभी मॉनसून की शुरुआत पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हम आमतौर पर 15-20 दिन पहले इस पर टिप्पणी करते हैं. केरल और खाड़ी द्वीप समूह के लिए मॉनसून की दस्तक का निर्धारित समय 1 जून है. कभी-कभी यह 15 मई के आसपास भी दस्तक दे सकता है. 1 जून के आसपास यह मुख्य हिस्से में प्रवेश करता है.
देश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी और लू की भविष्यवाणी पर उन्होंने कहा, दिल्ली सहित उत्तर भारत में इस समय सामान्य स्थिति है. दिल्ली में मंगलवार को पहली बार तापमान 38 सेल्सियस के करीब पहुंचा, लेकिन अप्रैल के पहले हफ्ते में तापमान काफी अनुकूल रहा है. एक दिन पहले राजधानी का तापमान 37 सेल्सियस था. हरियाणा, राजस्थान और यहां तक कि उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में कमोबेश यही स्थिति है. इन क्षेत्रों में अभी काफी आरामदायक तापमान है.
उत्तर भारत में अप्रैल के आखिरी सप्ताह में बढ़ सकती है गर्मी
उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में आगे भी आरामदायक स्थिति बनी रहेगी. इस सप्ताह के आखिर में पूरे उत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू होने वाला है, जो अगले सप्ताह में कुछ दिनों तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले, इस समय दिल्ली में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता था. साल 2012 को छोड़कर पिछले 15 वर्षों से यही ट्रेंड रहा है. लेकिन अभी दिल्ली में अगले 10 दिनों तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम रहने की संभावना है. अगर सब कुछ अनुमान के मुताबिक चलता है, तो अप्रैल के आखिरी सप्ताह में तापमान में वृद्धि हो सकती है.
जीपी शर्मा ने कहा कि भारत का दक्षिणी हिस्सा ज्यादा गर्म है. यह एक अच्छा संकेत भी है. जहां तक अन्य भागों- मध्य, दक्षिणी और पश्चिमी भागों में मानसून का सवाल है, इस बार इन क्षेत्रों में सूखा नहीं पड़ेगा, जैसा कि अक्सर होता है. कुल मिलाकर, पिछले वर्ष सामान्य से कम बारिश होने के कारण कुछ इलाकों में चिंता पैदा हुई थी. इस बार शायद ऐसा न हो. हमने पिछले साल जो अनुभव किया था, यह उससे कहीं बेहतर होगा.
कर्नाटक, तेलंगाना समेत इन राज्यों में उच्च तापमान
उन्होंने कहा कि उत्तरी कर्नाटक, तेलंगाना सहित कई गर्म इलाके हैं, जहां तापमान 39 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को छू चुका है. तेलंगाना, विदर्भ, मराठवाड़ा और कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों सहित कई राज्यों में उच्च तापमान दर्ज किया गया है. लेकिन अगले चार दिनों तक इन क्षेत्रों में गर्मी और लू से राहत मिल सकती है.
उन्होंने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि लू या गर्म हवाएं लगातार चलने वाली घटना नहीं है. यह आमतौर पर चार दिनों तक रहती है. लेकिन इस बार देश के दक्षिणी हिस्सों इसका असर है. अब कच्छ और सौराष्ट्र सहित गुजरात में इसका असर दिख सकता है. लेकिन मध्य क्षेत्र में अगले कुछ दिनों तक लू चलने की संभावना नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बार लंबे समय तक लू चलने की उम्मीद है और 15 जून तक लू को प्रकोप बना रह सकता है.
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