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दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज एफआईआर अब होगी रद, जानिए पूरा मामला - Bhartiya Nyaya Sanhita

दिल्ली में सोमवार को भारतीय संहिता के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई थी. अब उसे रद करने की तैयारी की जा रही है. जानिए, क्या है इसके पीछे का कारण और क्या कहते हैं नियम...

भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज पहली एफआईआर रद करने की तैयारी
भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज पहली एफआईआर रद करने की तैयारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 2, 2024, 10:57 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत दर्ज पहली एफआईआर को रद करने की प्रक्रिया शुरू होगी. दरअसल, कमला मार्केट थाने में एक शख्स के खिलाफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के समीप सड़क मार्ग अवरुद्ध कर रेहड़ी पर पानी, बीड़ी और सिगरेट बेचे वाले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने बीएनएस की धारा 285 के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ की गई कार्रवाई को मोबाइल में ई-प्रमाण एप्लीकेशन पर वीडियो भी बनाया था और भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत सोमवार को मुकदमा दर्ज कर लिया था. लेकिन इस मुकदमा के बाद पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक होने वाली बैठक रद्द हो गई. कुछ देर बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब स्पष्ट किया कि दिल्ली में दर्ज एफआईआर पहली एफआईआर नहीं है, इसे खारिज किया जाएगा.

उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बाइक चोरी को लेकर दर्ज एफआईआर को देश की पहली एफआईआर बताया. गृह मंत्री के इस बयान के बाद पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली में दर्ज भारतीय न्याय संहिता के मामले को समीक्षा और एफआईआर को खारिज करने का आदेश दे दिया. हालांकि दर्ज एफआईआर अब रद क्यों की जाएगी, इसको लेकर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी की तरफ से कुछ भी ठोस नहीं बताया जा रहा है.

जानिए, क्या कहना है सुप्रीम कोर्ट के वकील का?
दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एलएन राव का कहना है कि एक बार अगर दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज कर लेती है तो उसे खारिज करने की अधिकार दिल्ली पुलिस के पास नहीं है. पुलिस को कोर्ट जाकर इसे खारिज करवाना होगा. अगर पुलिस ने यह प्रक्रिया शुरू कर करेगी तभी जाकर एफआईआर खारिज हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में यह अपने आप में पहला मामला होगा कि भारतीय न्याय संहिता के लागू होने के बाद पहली एफआईआर को कुछ ही घंटे में खारिज करने का निर्णय लिया गया है.

बता दें कि 1 जुलाई से देश भर में भारतीय न्याय संहिता लागू हो चुका है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से जानकारी दी. इस नए कानून के तहत पुलिस और अदालत में किस तरह काम हो इसको लेकर जागरूकता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत सोमवार को कमला मार्केट थाने में एक मुकदमा दर्ज किया. इसके तहत जो भी सार्वजनिक आवाजाही में बाधा पैदा करता है, जिससे किसी को खतरा हो और उसे चोट पहुंचे, ऐसे मामलों में 5000 रुपये तक जुर्माना अदा करना होगा. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज के नीचे पुलिस ने रेहड़ी विक्रेता पंकज के खिलाफ इस धारा में एफआईआर दर्ज किया था.

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नई दिल्ली: दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत दर्ज पहली एफआईआर को रद करने की प्रक्रिया शुरू होगी. दरअसल, कमला मार्केट थाने में एक शख्स के खिलाफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के समीप सड़क मार्ग अवरुद्ध कर रेहड़ी पर पानी, बीड़ी और सिगरेट बेचे वाले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने बीएनएस की धारा 285 के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ की गई कार्रवाई को मोबाइल में ई-प्रमाण एप्लीकेशन पर वीडियो भी बनाया था और भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत सोमवार को मुकदमा दर्ज कर लिया था. लेकिन इस मुकदमा के बाद पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक होने वाली बैठक रद्द हो गई. कुछ देर बाद ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब स्पष्ट किया कि दिल्ली में दर्ज एफआईआर पहली एफआईआर नहीं है, इसे खारिज किया जाएगा.

उन्होंने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बाइक चोरी को लेकर दर्ज एफआईआर को देश की पहली एफआईआर बताया. गृह मंत्री के इस बयान के बाद पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली में दर्ज भारतीय न्याय संहिता के मामले को समीक्षा और एफआईआर को खारिज करने का आदेश दे दिया. हालांकि दर्ज एफआईआर अब रद क्यों की जाएगी, इसको लेकर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी की तरफ से कुछ भी ठोस नहीं बताया जा रहा है.

जानिए, क्या कहना है सुप्रीम कोर्ट के वकील का?
दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एलएन राव का कहना है कि एक बार अगर दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज कर लेती है तो उसे खारिज करने की अधिकार दिल्ली पुलिस के पास नहीं है. पुलिस को कोर्ट जाकर इसे खारिज करवाना होगा. अगर पुलिस ने यह प्रक्रिया शुरू कर करेगी तभी जाकर एफआईआर खारिज हो जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में यह अपने आप में पहला मामला होगा कि भारतीय न्याय संहिता के लागू होने के बाद पहली एफआईआर को कुछ ही घंटे में खारिज करने का निर्णय लिया गया है.

बता दें कि 1 जुलाई से देश भर में भारतीय न्याय संहिता लागू हो चुका है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से जानकारी दी. इस नए कानून के तहत पुलिस और अदालत में किस तरह काम हो इसको लेकर जागरूकता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत सोमवार को कमला मार्केट थाने में एक मुकदमा दर्ज किया. इसके तहत जो भी सार्वजनिक आवाजाही में बाधा पैदा करता है, जिससे किसी को खतरा हो और उसे चोट पहुंचे, ऐसे मामलों में 5000 रुपये तक जुर्माना अदा करना होगा. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज के नीचे पुलिस ने रेहड़ी विक्रेता पंकज के खिलाफ इस धारा में एफआईआर दर्ज किया था.

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