रतलाम: सोया स्टेट मध्य प्रदेश में आजकल सोयाबीन के हाल-चाल ठीक नहीं चल रहे हैं. एमपी में सोयाबीन की कीमत लगातार गिर रही है. कहीं येलो मोजैक वायरस सोयाबीन की फसल को खराब कर रहा है, तो कहीं किसान कम दाम मिलने से हताश होकर सोयाबीन की फसल नष्ट कर रहे हैं, लेकिन अब रतलाम में सोयाबीन पर अजीबोगरीब संकट आ गया है. यहां के नीमन और उपलई गांव से गुजर रहा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे सोयाबीन की नींद उड़ा रहा है. जी हां सोयाबीन को एक्सप्रेस वे पर लगे हाई मास्ट की लाइट सोने नहीं दे रही है.
यह आरोप है यहां के किसानों का जो पिछले 3 सालों से फसल खराब होने से परेशान हैं. किसानों का कहना है की 'दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के हाई मास्ट की तेज रोशनी की वजह से सोयाबीन में अफलन की समस्या आ गई है. किसानों ने इसके लिए एसडीएम और जिला प्रशासन से गुहार भी लगाई है.'
असामान्य तरीके लंबी हो रही फसलें
दरअसल, जावरा के पास से गुजरने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे नीमन और उपलई गांवों के बीच से गुजर रहा है. इस जगह एक्सप्रेस वे पर होटल अस्पताल एवं एंट्री- एग्जिट पॉइंट बना हुआ है. जिसकी वजह से यहां पर बड़े-बड़े हाई मास्ट और फ्लड लाइट्स लगाए गए हैं. इस रोड के 200 मीटर के रेडियस में करीब सौ डेढ़ सौ बीघा जमीन पर सोयाबीन की फसल असामान्य तरीके से लंबी हो गई है. पौधे काफी बड़े और घने जरूर हो गए हैं, लेकिन इसमें फूल और फलिया नहीं लगी है. अफलन की समस्या से 3 साल से जूझ रहे किसानों ने इस बार आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
लाइटों से नहीं सो पा रही सोयाबीन की फसलें
इसके बाद अब कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया है. गांव के किसान भंवरलाल धाकड़ का कहना है कि 'केवल सोयाबीन ही नहीं बल्कि मक्का, गेहूं और सब्जियों में भी अफलन की समस्या आ रही है. यहां के किसान बता रहे हैं कि यह 8 लेन की लाइटों की वजह से ही हो रहा है, क्योंकि पेड़ की छाया में दबे हुए फसल के पौधों पर फलिया लग रही है. जबकि रोशनी पड़ने वाले हिस्से में अफलन की स्थिति है.' नंदराम डायरी बताते हैं कि 'एसडीएम, कलेक्टर और विधायक सहित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र लिखा है, लेकिन किसी ने अब तक सुनवाई नहीं की है.'
कृषि विभाग के सहायक संचालक बिका वास्कले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के साधनों पर निरीक्षण करने पहुंचे थे. उनका कहना है कि 24 घंटे लगातार रोशनी मिलने की वजह से पौधों में असामान्य बढ़वार हो गई है. इसी वजह से अब इसमें फलियां कम या नहीं आई हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने भी माना है कि फसल पर तेज रोशनी का प्रभाव पड़ा है.'
जापान में होता है फसल पर विशेष रोशनी का प्रयोग
कृषि में हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले जापान में पॉली हाउस के अंदर किसान सब्जियों व अन्य प्रकार की फसलों से जल्दी और ज्यादा उत्पादन लेने के लिए विशेष प्रकार की कंट्रोल्ड रोशनी का इस्तेमाल करते है. यह रोशनी पौधे को सोने नहीं देती है और ओवरटाइम करवाती है. जिससे पौधे की बढ़वार तेजी से होती है. साथ ही सब्जियों का उत्पादन भी जल्दी प्राप्त हो जाता है. बहरहाल यहां सोयाबीन की फसल पर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगे हाई मास्ट की तेज रोशनी का विपरीत प्रभाव पड़ा है. वहीं, किसानों की मांग है की एक्सप्रेस वे पर लगी लाइटों को बंद किया जाए और उन्हें खराब हुई फसल का मुआवजा भी दिया जाए.