नई दिल्ली : दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने पैनल गठित होने तक स्थायी समिति के कार्यों का संचालन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा करने की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
इस घटनाक्रम से करीब एक पखवाड़ा पहले एमसीडी के एक विशेष सत्र के दौरान ओबेरॉय ने सदन में स्थायी समिति की शक्तियों को सदन को सौंपने का प्रस्ताव रखा था, जबकि भाजपा सदस्यों ने इस कदम का विरोध करते हुए हंगामा किया था. भाजपा ने आरोप लगाया था कि यह कदम अवैध और असंवैधानिक था. याचिका में उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय को प्रतिवादी बनाया गया है और इसमें नगर निकाय के सुचारु कामकाज के लिए निर्देश देने की मांग की है.
इसमें कहा गया कि 17 मई, 2023 को शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की सहायता और सलाह के बिना एमसीडी में नामांकित व्यक्तियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
ओबेरॉय ने अपनी याचिका में कहा, 'नामांकित व्यक्तियों की नियुक्तियों की वैधता का निर्णय स्थायी समिति के 18 सदस्यों में से 12 के चुनाव पर सीधे और महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव डालेगा, यानी यह सीधे तौर पर इसके भीतर विशेष बहुमत का निर्धारण करेगा. इसलिए स्थायी समिति का गठन अभी तक नहीं किया जा सका है.'
याचिका में कहा गया है कि एमसीडी शक्ति और जवाबदेही, दोनों ही लिहाज से स्थायी समिति से बेहतर निकाय है, इसलिए यह उचित होगा कि पैनल के कानूनी रूप से गठित होने तक समिति के कार्यों का संचालन एमसीडी द्वारा किया जाए.
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