ETV Bharat / bharat

सहमति से बने यौन संबंध अपराध नहीं, भले उनकी शादी हुई हो या नहींः हाईकोर्ट - Delhi High Court - DELHI HIGH COURT

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को जमानत देते हुए अहम टिप्पणी की है. कहा कि दो बालिग अगर सहमति से यौन संबंध बनाते हैं तो उसे अपराध नहीं माना जा सकता. भले ही उनकी शादी हुई हो या नहीं.

d
d (दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को दी जमानत. ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 3, 2024, 9:08 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर दो वयस्क सहमति से यौन संबंध बनाते हैं तो उसे अपराध नहीं माना जा सकता है. भले ही उनकी शादी हुई हो या नहीं. जस्टिस अमित महाजन की बेंच ने रेप के आरोपी को जमानत देते हुए ये टिप्पणी की. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यौन अपराध से जुड़े झूठे केस आरोपी की छवि को खराब करते हैं.

कोर्ट ने कहा कि समाज के मानदंड आदर्श रूप से यौन संबंध को शादी के दायरे में मानता है, लेकिन अगर दो वयस्कों के बीच सहमति से यौन संबंध बनते हैं तो उन्हें किसी अपराध के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. महिला ने आरोप लगाया था कि पुरुष ने उसके साथ जबरन कई बार यौन संबंध बनाए थे और शादी का वादा किया था. बाद में महिला को आरोपी के शादीशुदा होने और दो बच्चों की जानकारी मिली.

यह भी पढ़ेंः के कविता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सशरीर पेश करने की मांग की, ED और CBI को नोटिस जारी

महिला का आरोप था कि आरोपी उससे गिफ्ट मांगता था. इसके बाद उसने आरोपी को डेढ़ लाख रुपये कैश भी दिए थे. कोर्ट ने कहा कि घटना के समय महिला बालिग थी. कोर्ट ने कहा कि जमानत के समय यह स्थापित नहीं किया जा सकता कि शादी के वादे से उसकी सहमति प्रभावित हुई थी. इससे साफ है कि महिला शिकायत दर्ज कराने के कुछ समय पहले तक आरोपी से मिल रही थी और शादीशुदा होने की जानकारी के बाद भी रिश्ता जारी रखना चाह रही थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपी मार्च 2023 से हिरासत में है, ऐसे में उसे जेल में रखने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज, कहा- याचिका सुनवाई योग्य नहीं

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर दो वयस्क सहमति से यौन संबंध बनाते हैं तो उसे अपराध नहीं माना जा सकता है. भले ही उनकी शादी हुई हो या नहीं. जस्टिस अमित महाजन की बेंच ने रेप के आरोपी को जमानत देते हुए ये टिप्पणी की. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यौन अपराध से जुड़े झूठे केस आरोपी की छवि को खराब करते हैं.

कोर्ट ने कहा कि समाज के मानदंड आदर्श रूप से यौन संबंध को शादी के दायरे में मानता है, लेकिन अगर दो वयस्कों के बीच सहमति से यौन संबंध बनते हैं तो उन्हें किसी अपराध के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. महिला ने आरोप लगाया था कि पुरुष ने उसके साथ जबरन कई बार यौन संबंध बनाए थे और शादी का वादा किया था. बाद में महिला को आरोपी के शादीशुदा होने और दो बच्चों की जानकारी मिली.

यह भी पढ़ेंः के कविता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सशरीर पेश करने की मांग की, ED और CBI को नोटिस जारी

महिला का आरोप था कि आरोपी उससे गिफ्ट मांगता था. इसके बाद उसने आरोपी को डेढ़ लाख रुपये कैश भी दिए थे. कोर्ट ने कहा कि घटना के समय महिला बालिग थी. कोर्ट ने कहा कि जमानत के समय यह स्थापित नहीं किया जा सकता कि शादी के वादे से उसकी सहमति प्रभावित हुई थी. इससे साफ है कि महिला शिकायत दर्ज कराने के कुछ समय पहले तक आरोपी से मिल रही थी और शादीशुदा होने की जानकारी के बाद भी रिश्ता जारी रखना चाह रही थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपी मार्च 2023 से हिरासत में है, ऐसे में उसे जेल में रखने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज, कहा- याचिका सुनवाई योग्य नहीं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.