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CM केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित, CBI ने शराब घोटाले का बताया सूत्रधार - Arvind Kejriwal bail plea

Arvind Kejriwal bail plea: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े CBI केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. सीबीआई की तरफ से पेश वकील ने बताया कि केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है.

अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 29, 2024, 4:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी (शराब) घोटाला मामले के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई से जुड़े मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सोमवार को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान CBI के वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है, लिहाजा वो ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करें. इस पर केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की इन दलीलों का विरोध किया. तब हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि अगर गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका में लाभ मिलता है तो इसका अंतिम परिणाम क्या होगा. तब डीपी सिंह ने कहा कि फिर उनकी यह जमानत अर्जी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

घोटाले के सूत्रधार हैं केजरीवालः CBI ने कहा कि केजरीवाल आबकारी घोटाले के सूत्रधार हैं. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बिना जांच पूरी नहीं हो सकती थी. एक महीने के अंदर हमने इसमें चार्जशीट दाखिल की है. इसका मतलब है कि हमारी जांच एडवांस स्टेज पर थी. पिछले एक महीने में जितने भी साक्ष्य मिले हैं वो इस ओर ही इशारा करते हैं. छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, जिसमें से पांच लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक महीने में कई अहम सबूत सामने आए हैं और हमने एक महीने में जांच पूरी कर चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. केजरीवाल मंत्रिमंडल के प्रमुख भी हैं और उन्होंने ही इस नीति पर हस्ताक्षर किए. इतना ही नहीं उन्होंने इसे अपने सहयोगियों में वितरित करवाया और एक ही दिन में सभी ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए और यह सब कोरोना काल के दौरान हुआ.

इससे पहले दो जुलाई को हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था. दरअसल 26 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजा था. तब कोर्ट में ड्यूटी जज अमिताभ रावत ने कहा था कि सीबीआई की ओर से की गई केजरीवाल की गिरफ्तारी गैरकानूनी नहीं है. बाद में 29 जून को सीबीआई की गिरफ्तारी खत्म होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर भी फैसला सुरक्षितः केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की हुई गिरफ्तारी की तुलना पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से की थी. सिंघवी ने कहा था कि सीबीआई ने इंश्योरेंस अरेस्ट के तौर पर केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की है. इसका मतलब है कि जब गिरफ्तारी यह सुनिश्चित करने के लिए की जाए कि आरोपी जेल से बाहर न आ सके. अरविंद केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं कोई आतंकवादी नहीं कि उनको जमानत ना मिले. सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी की कोई जरूरत नही थी.

यह भी पढ़ें- LG ने बढ़ाई केजरीवाल सरकार की मुसीबत, रिश्तेदार से जुड़े मामले की सीबीआई जांच के आदेश

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में साफ कहा है कि पूछताछ, गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा था कि 25 जून को सीबीआई की ओर से ट्रायल कोर्ट में अरविंद की गिरफ्तारी को लेकर एक अर्जी दाखिल की गई. ट्रायल कोर्ट ने केवल एक आधार पर गिरफ्तारी की इजाजत दे दी. इस मामले में केवल एक आधार था कि वो जवाब नही दे रहे हैं. सीबीआई ने अपनी अर्जी में गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं दिया. केवल कहा था कि मुझे गिरफ्तार करना है.

यह भी पढ़ें- CM केजरीवाल को जेल में वकील से दो अतिरिक्त मुलाकात की अनुमति मिली

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली आबकारी (शराब) घोटाला मामले के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई से जुड़े मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सोमवार को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान CBI के वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है, लिहाजा वो ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करें. इस पर केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की इन दलीलों का विरोध किया. तब हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि अगर गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका में लाभ मिलता है तो इसका अंतिम परिणाम क्या होगा. तब डीपी सिंह ने कहा कि फिर उनकी यह जमानत अर्जी का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

घोटाले के सूत्रधार हैं केजरीवालः CBI ने कहा कि केजरीवाल आबकारी घोटाले के सूत्रधार हैं. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बिना जांच पूरी नहीं हो सकती थी. एक महीने के अंदर हमने इसमें चार्जशीट दाखिल की है. इसका मतलब है कि हमारी जांच एडवांस स्टेज पर थी. पिछले एक महीने में जितने भी साक्ष्य मिले हैं वो इस ओर ही इशारा करते हैं. छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, जिसमें से पांच लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक महीने में कई अहम सबूत सामने आए हैं और हमने एक महीने में जांच पूरी कर चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. केजरीवाल मंत्रिमंडल के प्रमुख भी हैं और उन्होंने ही इस नीति पर हस्ताक्षर किए. इतना ही नहीं उन्होंने इसे अपने सहयोगियों में वितरित करवाया और एक ही दिन में सभी ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए और यह सब कोरोना काल के दौरान हुआ.

इससे पहले दो जुलाई को हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया था. दरअसल 26 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजा था. तब कोर्ट में ड्यूटी जज अमिताभ रावत ने कहा था कि सीबीआई की ओर से की गई केजरीवाल की गिरफ्तारी गैरकानूनी नहीं है. बाद में 29 जून को सीबीआई की गिरफ्तारी खत्म होने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर भी फैसला सुरक्षितः केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की हुई गिरफ्तारी की तुलना पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से की थी. सिंघवी ने कहा था कि सीबीआई ने इंश्योरेंस अरेस्ट के तौर पर केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की है. इसका मतलब है कि जब गिरफ्तारी यह सुनिश्चित करने के लिए की जाए कि आरोपी जेल से बाहर न आ सके. अरविंद केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं कोई आतंकवादी नहीं कि उनको जमानत ना मिले. सीबीआई की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी की कोई जरूरत नही थी.

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केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में साफ कहा है कि पूछताछ, गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा था कि 25 जून को सीबीआई की ओर से ट्रायल कोर्ट में अरविंद की गिरफ्तारी को लेकर एक अर्जी दाखिल की गई. ट्रायल कोर्ट ने केवल एक आधार पर गिरफ्तारी की इजाजत दे दी. इस मामले में केवल एक आधार था कि वो जवाब नही दे रहे हैं. सीबीआई ने अपनी अर्जी में गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं दिया. केवल कहा था कि मुझे गिरफ्तार करना है.

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