नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दलाई लामा द्वारा एक बच्चे को होठों पर चूमकर कथित तौर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाने के मामले में दलाई लामा के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दलाई लामा ने इसके लिए माफी मांगी और कहा था इसे तिब्बती संस्कृति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.
हाईकोर्ट ने कहा कि यह घटना डेढ़ साल से अधिक पुरानी है और यह पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से हुई थी और बच्चे ने ही दलाई लामा से मिलने की इच्छा और मंशा व्यक्त की थी. ऐसे में इस मामले पर पॉक्सो के तहत कार्रवाई के मामले पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं बनता. इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में वीडियो प्ले कर दिखाया गया. वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि दलाई लामा ने इसके लिए माफी मांगी है और इसे तिब्बती संदर्भ में देखा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि दलाई लामा एक धार्मिक समुदाय के मुखिया हैं और कोर्ट की मंशा उन्हें कोर्ट के स्कैनर पर रखने की नहीं है.
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दलाई लामा ऑफिस ने जारी किया था माफीनामाः पिछले साल दलाई लामा से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में वो एक नाबालिग बच्चे के होंठ चूमते दिख रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखे कमेंट्स देखने को मिले थे. विवाद बढ़ने के बाद दलाई लामा की ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया था. बयान में दलाई लामा ने उस बच्चे और उसके परिवार से माफी मांगी और घटना पर अफसोस जताया था. इस दौरान यह भी कहा गया था कि दलाई लामा जिनसे मिलते हैं, उन्हें अक्सर मासूमियत से और मजाकिया लहजे में चिढ़ाते हैं.