नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी को निर्देश दिया है कि वो एक्स (ट्विटर) पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर रेप का आरोप लगाने वाले पोस्ट को हटाएं. शुक्रवार को जस्टिस विकास महाजन ने अमित मालवीय की मानहानि याचिका पर ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान अमित मालवीय की ओर से वरिष्ठ वकील अरविंद नय्यर औऱ नलिन कोहली ने कहा कि मालवीय बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख हैं और उन्होंने अपनी अच्छी छवि अर्जित की है.
याचिका में कहा गया है कि अयोध्या के रेप मामले में समाजवादी पार्टी के नेताओं को आरोपी बनाया गया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 3 अगस्त को एक्स पर पोस्ट किया कि इस मामले में डीएनए टेस्ट होना चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिल सके. लेकिन अगर आरोप गलत साबित होते हैं तो जो अधिकारी इसमें लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो.
3 अगस्त को हुआ था ट्वीटः समाजवादी पार्टी के ट्वीट पर अमित मालवीय ने 3 अगस्त को ही एक्स पर पोस्ट करते हुए पूछा कि अखिलेश यादव डीएनए टेस्ट की मांग कर क्या साबित करना चाहते हैं? मालवीय ने उसी ट्वीट पर लिखा है कि जहां से समाजवादी पार्टी जीतती है वहां बेटियों के खिलाफ ऐसे कृत्य सुनने को मिलेंगे. ट्वीट में लिखा गया है कि समाजवादी पार्टी एक राजनीतिक दल कम और अपराधियों की गैंग ज्यादा है.
इस ट्वीट पर दर्ज है मामलाः अमित मालवीय के इस जवाबी ट्वीट पर समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन बीजेपी नेताओं के फोटो डाले जिनके खिलाफ रेप के आरोप हैं. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर आसाराम बापू के साथ वाली फोटो भी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ स्वामी चिन्मयानन्द की फोटो लगाई गई. आसाराम बापू और स्वामी चिन्मयानन्द दोनों ही रेप के आरोपी हैं. समाजवादी पार्टी के ट्वीट में यहां तक कहा गया था कि अमित मालवीय होटल में लड़कियों को बुलाते थे और रेप करते थे.