नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जून महीने में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के टी-1 समेत देश के तीन एयरपोर्ट की छत गिरने के मामले की एसआईटी जांच की मांग करने वाली याचिका को बंद कर दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार की दलीलें सुनने के बाद याचिका का निस्तारण करने का आदेश दिया.
याचिका सिविल सेफ्टी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से इसके अध्यक्ष यतीन स्वामी ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि देश के तीन अलग-अलग हवाई अड्डों पर तीन दिनों में तीन दुर्घटनाएं हुईं जो हवाई अड्डों को लेकर गंभीर चिंता का विषय है. देश के एयरपोर्ट की छत गिरने से हवाई अड्डों की सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है. याचिका में हवाई अड्डों के भवनों के निर्माण की गुणवत्ता और दिल्ली समेत सभी हवाई अड्डा टर्मिनलों में अफसरों की ओर से दी गई मंजूरी की पड़ताल इंजीनियरों के विशेष समूह या सीबीआई को सौंपी जाए.
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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 337 और 304ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और उसकी जांच चल रही है. केंद्र सरकार ने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आईआईटी के इंजीनियर्स की एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है जो इसकी जांच कर रिपोर्ट देगा.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया कि देश के सभी हवाई अड्डा संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे आईआईटी से भवन सुरक्षा का ऑडिट कराएं. सभी हवाई अड्डों को हर साल मानसून शुरू होने से पहले बिल्डिंग के डिजाइन और छत के ढांचे समेत सभी तकनीकी पहलूओं की जांच करने का भी निर्देश दिया गया है. केंद्र की सभी सूचनाओं के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया.
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