नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजेंद्र नगर में तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी है. न्यायालय ने इस निर्णय के पीछे घटनाओं की गंभीरता और लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार की संभावित संलिप्तता को कारण बताया. साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सिविल सेवा उम्मीदवारों की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रही है कि छात्र बाहर क्यों नहीं आ पाए? एमसीडी अधिकारियों ने इलाके में खराब बरसाती नालों के बारे में कमिश्नर को क्यों नहीं बताया? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एमसीडी अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है और यह आम बात हो गई है.
The High Court remarked that it would not be wrong to conclude that Delhi's civic agencies lack the necessary funds for major infrastructure projects. The court noted that much of Delhi’s physical infrastructure, such as drains, is outdated, having been laid nearly 75 years ago,…
— ANI (@ANI) August 2, 2024
दिल्ली पुलिस पर की गंभीर टिप्पणीः अदालत ने पुलिस पर कटाक्ष करते हुए कहा, "शुक्र है कि आपने बेसमेंट में घुसने वाले बारिश के पानी का चालान नहीं काटा, जिस तरह से आपने एसयूवी चालक को वहां कार चलाने के लिए गिरफ्तार किया." डीसीपी ने कोर्ट को बताया कि जब पानी आया तो वहां पर करीब 20 से 30 बच्चे थे. अचानक काफी तेजी से पानी आया. जब ये हुआ तो वहां का लाइब्रेरियन भाग गया था. काफी बच्चे निकालने में कामयाब हुए लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था की शीशा टूट गया. टेबल के कारण भी अभ्यर्थियों को निकलने में दिक्कत आई.
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