नई दिल्ली: दिल्ली से ब्रिटेन जा रही फ्लाइट में बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ गई. ऐसे में फोर्टिस हॉस्पिटल शालीमार बाग में प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के निदेशक डॉ. रिची गुप्ता ने एक विशेष परिस्थिति में अपने कौशल का परिचय दिया. उन्होंने सही समय पर इलाज कर उनकी जान बचा ली. बताया जा रहा है कि डॉ. गुप्ता ब्रिटेन के लिए एक उड़ान में यात्रा कर रहे थे. उन्होंने देखा कि एक बुजुर्ग सहयात्री बार-बार वॉशरूम जा रहे थे और उनकी हालत गंभीर लग रही थी.
65 वर्षीय बुजुर्ग एक्यूट यूरीनरी रिटेंशन का सामना कर रहे थे. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मूत्राशय से पेशाब करना असंभव हो जाता है. ऐसे में एयर हॉस्टेस और सह-पायलट ने सहायता की गुहार लगाई. एयर हॉस्टेस ने डॉ. गुप्ता से संपर्क किया. उनको बताया कि मरीज को राहत देने के लिए ड्राई आइस दी गई है, लेकिन राहत नहीं मिल रही है. 30 मिनट बीत जाने के बाद भी मरीज को आराम नहीं मिला और उनकी हालत खराब होने लगी.
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चिकित्सकीय सहायता का प्रदर्शन: डॉ. गुप्ता ने त्वरित निर्णय लिया और मरीज को पिछली पैंट्री में ले जाकर लेटाया. उन्होंने मरीज की स्थिति का मूल्यांकन किया और पाया कि मूत्राशय में 800 मिलीलीटर पेशाब रुका हुआ था. मरीज ने बताया कि उन्हें पहले कभी इस प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था और वह न तो डायबिटीज़ और न ही किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित थे.
उड़ान में मौजूद सीमित मेडिकल किट की जांच करने पर डॉ. गुप्ता ने पाया कि इसमें कुछ यूरीनरी कैथेटर, ज़ायलोकेन जेली, सीरिंज और ग्लव्स उपलब्ध थे. इसी किट की सहायता से डॉ. गुप्ता ने मरीज का कैथेटराइज़ेशन किया और 800 मिलीलीटर पेशाब को सफलतापूर्वक बाहर निकाला. इस प्रक्रिया के बाद मरीज को काफी राहत मिली और उसके मूत्राशय का आकार भी सामान्य हुआ.
डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान यदि समय पर उपचार नहीं किया जाता, तो मरीज को मूत्रमार्ग के संक्रमण, गुर्दों के नुकसान या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता था.
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