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विधानसभा सत्र का पहला दिनः कैग रिपोर्ट को लेकर बीजेपी विधायकों का हंगामा, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित - Delhi Assembly Session

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 20 hours ago

Updated : 11 hours ago

Delhi Assembly Session today: दो दिन के दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी विधायक अध्यक्ष की ऑफिस के बाहर जाकर धरने पर बैठ गए. आप के विधायकों ने अपने मुद्दों को लेकर तेवर सख्त रखे. बता दें कि अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने और आतिशी के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद ये सत्र बुलाया गया है.

दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज से शुरू
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज से शुरू (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई. गुरुवार को निर्धारित समय से तकरीबन 15 मिनट की देरी से विधानसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो उस समय सदन में मुख्यमंत्री आतिशी मौजूद नहीं थीं. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के आदेश पर कार्यवाही शुरू हुई तो सत्ता पक्ष के विधायक डीटीसी से हटाए गए 10 हज़ार बस मार्शलों के मुद्दे को अपनी बात रखने के लिए प्रस्ताव पेश किया. शाम में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण के बाद कार्यवाही सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

विपक्ष की तरफ से बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में कैग के रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर अपनी बात रखीं. विधानसभा अध्यक्ष में सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. उस दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप ने कहा कि बीजेपी विधायक नहीं चाहते थे बस मार्शलों के मुद्दे पर चर्चा हो. बीजेपी गरीबों की विरोधी पार्टी है. बीजेपी के विधायक जब लगातार सदन में कैग रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे तब विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता, अभय वर्मा, ओपी शर्मा को मार्शल द्वारा सदन से बाहर करने के आदेश दिया. उसके विरोध में अन्य सभी बीजेपी विधायक सदन से चले गए. वे अध्यक्ष की ऑफिस के बाहर जाकर धरने पर बैठ गए.

आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप ने कहा कि 10 हज़ार बस मार्शलों को पूरी प्लानिंग के तहत हटाने का काम किया गया है. इसके साथ ही उपराज्यपाल का कहना है कि बसों में पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए इसलिए बस मार्शलों की जरूरी नहीं है. तो क्या उपराज्यपाल निवास में भी सीसीटीवी कैमरे हैं वहां की सभी सिक्योरिटी हटा दें. दिल्ली में भी जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं तो वहां से पुलिस को हटा दें. यह सही नहीं है. आज विधानसभा में इस मुद्दे आप विधायक अब्दुल रहमान, रोहित महरोलिया बात रखना चाहते हैं कि हटाए गए बस मार्शलों की बहाली कब होगी.

UPDATES

  • वे अध्यक्ष की ऑफिस के बाहर जाकर धरने पर बैठ गए.
  • विरोध में अन्य सभी बीजेपी विधायक सदन से चले गए
  • विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता, अभय वर्मा, ओपी शर्मा को मार्शल द्वारा सदन से बाहर करने के आदेश दिया.
  • 15 मिनट बाद दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब भी बीजेपी विधायक कैग रिपोर्ट पेश करने की मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन करने लगे.
  • आप विधायक कुलदीप ने कहा, उपराज्यपाल ने 10 हज़ार बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया. आज सरकार चाह रही है इस पर सदन में चर्चा हो तो बीजेपी के लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
  • 10 हज़ार बस मार्शलों को पूरी प्लानिंग के तहत हटाया गया-विधायक कुलदीप कुमार
  • आप विधायक कुलदीप ने कहा बीजेपी गरीबों की विरोधी पार्टी है.
  • बीजेपी विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश
  • विधानसभा अध्यक्ष ने कहा यह महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर नहीं है.
  • विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू
  • कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने की मांग को लेकर विधानसभा परिसर में बीजेपी विधायकों ने प्रदर्शन किया.
  • विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
  • स्थगन के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया
  • आम आदमी पार्टी के विधायक बस मार्शलों की बहाली की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे. तो वहीं बीजेपी विधायक कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग कर रहे थे.

उधर, विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज दिल्ली विधानसभा में दिल्ली के रिज से चोरी छिपे काटे गए करीब 1100 पेड़ों का हिसाब मांगा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला चल रहा है और आरोप है कि भाजपा शासित डीडीए और उपराज्यपाल की मिलीभगत के चलते पेड़ काटे गए हैं.

बीजेपी विधायकों का विरोध प्रदर्शन
बीजेपी विधायकों का विरोध प्रदर्शन (SOURCE: ETV BHARAT)
कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग कर रहे थे बीजेपी विधायक
कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग कर रहे थे बीजेपी विधायक (SOURCE: ETV BHARAT)

क्या केजरीवाल की कुर्सी छोड़ कर दूसरी कुर्सी पर बैठेंगी आतिशी
दिल्ली सचिवालय में सोमवार पदभार संभालने के दौरान जिस तरह आतिशी केजरीवाल की कुर्सी को खाली छोड़ अलग कुर्सी पर बैठी थीं, विधानसभा सत्र के दौरान भी क्या वह है केजरीवाल जिस सीट पर बैठते थे, उस सीट को छोड़ अन्य सीट पर बैठेगी. इस पर भी निगाहें रहेंगीं. विधानसभा में अध्यक्ष के दाहिनी तरफ सत्ता पक्ष के विधायक बैठते हैं तो बाई तरफ विपक्ष को सीटें आवंटित की गई है. अरविंद केजरीवाल जब मुख्यमंत्री थे तो वह एक नंबर सीट के लिए आवंटित था.

8 अक्टूबर से पहले सत्र बुलाया जाना आवश्यक
विधानसभा का यह सत्र एक औपचारिकतावश आनन-फानन में बुलाया गया है. क्योंकि मार्च महीने में बजट सत्र के बाद से लेकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. उसके बाद अरविंद केजरीवाल जेल चले गए थे. नियमानुसार 8 अक्टूबर से पहले अगर सत्र नहीं बुलाया जाता तो संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता था. इसलिए आतिशी के मुख्यमंत्री बनने और मंत्रिमंडल का गठन होने के तुरंत बाद यह सत्र बुलाया गया है. विधानसभा सत्र बुलाए जाने के बाद विपक्ष में बैठे बीजेपी के विधायक इस बात की लगातार मांग कर रहे हैं कि सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए और इसमें प्रश्नकाल भी हो, ताकि दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके और मंत्री भी जवाब दें. मगर अभी तक सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. इसके अलावा विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता दिल्ली में पानी के मुद्दे, गरीबों को पेंशन, राशन कार्ड, दिल्ली की खस्ताहाल सड़कें, आदि जनसमस्याओं को लेकर सरकार से जवाब चाहते हैं.

सत्र में जनसमस्याओं पर हो चर्चा-कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस की भी मांग है कि दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में आतिशी दिल्ली के लोगों की समस्याओं पर चर्चा करें. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि विशेष विधानसभा सत्र में दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के जेल में रहने के कारण पिछले 8 महीनों से कोई कैबिनेट की बैठक भी नहीं हुई, जिससे पिछले एक साल से भी अधिक समय से दिल्ली की जनता की परेशानियों का हल निकालने के लिए कोई फैसला नही लिया गया. कांग्रेस की ये भी मांग है कि आतिशी को उपराज्यपाल के निर्देशानुसार कैग के निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा में 12 लंबित कैग रिपोर्ट पेश करनी चाहिए.

बता दें कि इस विधानसभा सत्र के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बुधवार को उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव व वित्त सचिव को पत्र लिखकर कहा गया कि वह सत्र के दौरान कैग की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री को संज्ञान में लाएं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने पत्र में लिखा है कि कैग की लंबित 12 रिपोर्ट जो वर्ष 2020-21 तक कि सदन पटल पर नहीं रखी गयी है वह पेश किया जाए.

ये भी पढ़ें- दिल्ली LG ऑफिस ने CS को लिखा पत्र, कहा- सीएम से बोलिए पेंडिंग 12 CAG रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करें - Delhi Assembly CAG report

ये भी पढ़ें- Good News...! दिल्ली में बढ़ा न्यूनतम वेतन, आतिशी सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई. गुरुवार को निर्धारित समय से तकरीबन 15 मिनट की देरी से विधानसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो उस समय सदन में मुख्यमंत्री आतिशी मौजूद नहीं थीं. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के आदेश पर कार्यवाही शुरू हुई तो सत्ता पक्ष के विधायक डीटीसी से हटाए गए 10 हज़ार बस मार्शलों के मुद्दे को अपनी बात रखने के लिए प्रस्ताव पेश किया. शाम में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण के बाद कार्यवाही सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

विपक्ष की तरफ से बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में कैग के रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर अपनी बात रखीं. विधानसभा अध्यक्ष में सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. उस दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप ने कहा कि बीजेपी विधायक नहीं चाहते थे बस मार्शलों के मुद्दे पर चर्चा हो. बीजेपी गरीबों की विरोधी पार्टी है. बीजेपी के विधायक जब लगातार सदन में कैग रिपोर्ट पेश करने की मांग को लेकर खड़े होकर प्रदर्शन करने लगे तब विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता, अभय वर्मा, ओपी शर्मा को मार्शल द्वारा सदन से बाहर करने के आदेश दिया. उसके विरोध में अन्य सभी बीजेपी विधायक सदन से चले गए. वे अध्यक्ष की ऑफिस के बाहर जाकर धरने पर बैठ गए.

आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप ने कहा कि 10 हज़ार बस मार्शलों को पूरी प्लानिंग के तहत हटाने का काम किया गया है. इसके साथ ही उपराज्यपाल का कहना है कि बसों में पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए इसलिए बस मार्शलों की जरूरी नहीं है. तो क्या उपराज्यपाल निवास में भी सीसीटीवी कैमरे हैं वहां की सभी सिक्योरिटी हटा दें. दिल्ली में भी जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं तो वहां से पुलिस को हटा दें. यह सही नहीं है. आज विधानसभा में इस मुद्दे आप विधायक अब्दुल रहमान, रोहित महरोलिया बात रखना चाहते हैं कि हटाए गए बस मार्शलों की बहाली कब होगी.

UPDATES

  • वे अध्यक्ष की ऑफिस के बाहर जाकर धरने पर बैठ गए.
  • विरोध में अन्य सभी बीजेपी विधायक सदन से चले गए
  • विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता, अभय वर्मा, ओपी शर्मा को मार्शल द्वारा सदन से बाहर करने के आदेश दिया.
  • 15 मिनट बाद दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब भी बीजेपी विधायक कैग रिपोर्ट पेश करने की मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन करने लगे.
  • आप विधायक कुलदीप ने कहा, उपराज्यपाल ने 10 हज़ार बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया. आज सरकार चाह रही है इस पर सदन में चर्चा हो तो बीजेपी के लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
  • 10 हज़ार बस मार्शलों को पूरी प्लानिंग के तहत हटाया गया-विधायक कुलदीप कुमार
  • आप विधायक कुलदीप ने कहा बीजेपी गरीबों की विरोधी पार्टी है.
  • बीजेपी विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश
  • विधानसभा अध्यक्ष ने कहा यह महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर नहीं है.
  • विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू
  • कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने की मांग को लेकर विधानसभा परिसर में बीजेपी विधायकों ने प्रदर्शन किया.
  • विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित
  • स्थगन के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया
  • आम आदमी पार्टी के विधायक बस मार्शलों की बहाली की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे. तो वहीं बीजेपी विधायक कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग कर रहे थे.

उधर, विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज दिल्ली विधानसभा में दिल्ली के रिज से चोरी छिपे काटे गए करीब 1100 पेड़ों का हिसाब मांगा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला चल रहा है और आरोप है कि भाजपा शासित डीडीए और उपराज्यपाल की मिलीभगत के चलते पेड़ काटे गए हैं.

बीजेपी विधायकों का विरोध प्रदर्शन
बीजेपी विधायकों का विरोध प्रदर्शन (SOURCE: ETV BHARAT)
कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग कर रहे थे बीजेपी विधायक
कैग की रिपोर्ट टेबल करने की मांग कर रहे थे बीजेपी विधायक (SOURCE: ETV BHARAT)

क्या केजरीवाल की कुर्सी छोड़ कर दूसरी कुर्सी पर बैठेंगी आतिशी
दिल्ली सचिवालय में सोमवार पदभार संभालने के दौरान जिस तरह आतिशी केजरीवाल की कुर्सी को खाली छोड़ अलग कुर्सी पर बैठी थीं, विधानसभा सत्र के दौरान भी क्या वह है केजरीवाल जिस सीट पर बैठते थे, उस सीट को छोड़ अन्य सीट पर बैठेगी. इस पर भी निगाहें रहेंगीं. विधानसभा में अध्यक्ष के दाहिनी तरफ सत्ता पक्ष के विधायक बैठते हैं तो बाई तरफ विपक्ष को सीटें आवंटित की गई है. अरविंद केजरीवाल जब मुख्यमंत्री थे तो वह एक नंबर सीट के लिए आवंटित था.

8 अक्टूबर से पहले सत्र बुलाया जाना आवश्यक
विधानसभा का यह सत्र एक औपचारिकतावश आनन-फानन में बुलाया गया है. क्योंकि मार्च महीने में बजट सत्र के बाद से लेकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. उसके बाद अरविंद केजरीवाल जेल चले गए थे. नियमानुसार 8 अक्टूबर से पहले अगर सत्र नहीं बुलाया जाता तो संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता था. इसलिए आतिशी के मुख्यमंत्री बनने और मंत्रिमंडल का गठन होने के तुरंत बाद यह सत्र बुलाया गया है. विधानसभा सत्र बुलाए जाने के बाद विपक्ष में बैठे बीजेपी के विधायक इस बात की लगातार मांग कर रहे हैं कि सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए और इसमें प्रश्नकाल भी हो, ताकि दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके और मंत्री भी जवाब दें. मगर अभी तक सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. इसके अलावा विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता दिल्ली में पानी के मुद्दे, गरीबों को पेंशन, राशन कार्ड, दिल्ली की खस्ताहाल सड़कें, आदि जनसमस्याओं को लेकर सरकार से जवाब चाहते हैं.

सत्र में जनसमस्याओं पर हो चर्चा-कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस की भी मांग है कि दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में आतिशी दिल्ली के लोगों की समस्याओं पर चर्चा करें. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि विशेष विधानसभा सत्र में दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के जेल में रहने के कारण पिछले 8 महीनों से कोई कैबिनेट की बैठक भी नहीं हुई, जिससे पिछले एक साल से भी अधिक समय से दिल्ली की जनता की परेशानियों का हल निकालने के लिए कोई फैसला नही लिया गया. कांग्रेस की ये भी मांग है कि आतिशी को उपराज्यपाल के निर्देशानुसार कैग के निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए विधानसभा में 12 लंबित कैग रिपोर्ट पेश करनी चाहिए.

बता दें कि इस विधानसभा सत्र के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बुधवार को उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव व वित्त सचिव को पत्र लिखकर कहा गया कि वह सत्र के दौरान कैग की रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री को संज्ञान में लाएं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने पत्र में लिखा है कि कैग की लंबित 12 रिपोर्ट जो वर्ष 2020-21 तक कि सदन पटल पर नहीं रखी गयी है वह पेश किया जाए.

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