नई दिल्ली : बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को एक सैन्य विमान से चुपचाप देश छोड़कर भारत पहुंच गईं. वहीं बांग्लादेश की सेना ने सत्ता के खालीपन को भरने के लिये कदम उठाते हुए अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की है. बांग्लादेश के हालात को लेकर अंतराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल ने कहा कि एक्सपोर्ट या कॉटन के व्यापार से कोई फर्क नहीं पड़ता यदि कोई प्रभाव पड़ेगा तो वो है सुरक्षा का, क्योंकि भारत बांग्लादेश के साथ सबसे लंबा बॉर्डर शेयर करता है.
उन्होंने कहा कि यहां तक कि एक समय ऐसा था की भारत और बांग्लादेश की सीमा के बीच फेंसिंग तक नहीं थी, मगर बाद में इस सरकार ने कुछ बॉर्डर की सुरक्षा फेंसिंग कर दुरुस्त जरूर की. उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने ट्रेन और प्लेन सेवा फिलहाल रद्द कर दी है लेकिन बांग्लादेश के साथ ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी इस कदर जुड़ी हैं जैसे वो मित्रवत देश के समान ही है. उन्होंने कहा कि यदि सबसे ज्यादा असर पड़ेगा तो वो बांग्लादेश से घुसपैठ का खतरा और बढ़ेगा क्योंकि बांग्लादेश के बॉर्डर से हमारे कई राज्यों के बॉर्डर सटे हुए हैं. इसके अलावा अब जिस तरह की वहां स्थिति है ऐसे में हथियार और ड्रग्स की तस्करी के अलावा नकली करेंसी के अवैध व्यापार को बढ़ावा मिल सकता है और ये सरकार और बॉर्डर फोर्सेस के लिए अब एक बड़ी चुनौती बन सकती है.
रक्षा विशेषज्ञ सहगल ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इसका फायदा आतंकियों को भेजने में चीन और पाकिस्तान भी उठा सकता है. इस सवाल पर कि क्या बांग्लादेश की स्थिति के पीछे आप अमेरिका का भी हाथ देखते हैं. इसपर रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल ने कहा कि वहां की स्थिति को अस्थिर करने में अमेरिका और चीन का बड़ा हाथ है, छात्रों के आंदोलन को हवा देना,उन्हे डॉलर्स में मदद मिल रही थी. उन्होंने कहा कि यदि देखा जाए तो भारत जिस तरह हर क्षेत्र में तरक्की कर एक विकसित देश की दिशा में आगे बढ़ रहा है वो चीन और उनके आकाओं को बर्दाश्त नहीं हो रहा और बांग्लादेश की स्थिति का असर भारत पर निश्चित तौर पर पड़ेगा और इसमें साफ-साफ अंतराष्ट्रीय साजिश की बू आ रही है.
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