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भाजपा के खिलाफ विज्ञापन छपवाने का मामला : कोर्ट में पेश हुए सीएम सिद्धारमैया और शिवकुमार - Defamatory advertisement - DEFAMATORY ADVERTISEMENT

Defamatory advertisement against BJP : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान समाचारपत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराने के आरोप में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार विशेष अदालत में पेश हुए. भाजपा ने केस दायर किया था.

karnataka Court
कर्नाटक कोर्ट (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 1, 2024, 3:17 PM IST

बेंगलुरु: पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर विभिन्न पदों के लिए दरें तय करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने 'भ्रष्टाचार दर सूची' के नाम से राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया था. इस संबंध में मानहानि का मामला दायर किया गया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार शनिवार को शहर के जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत में पेश हुए.

जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने भाजपा द्वारा दायर मामले के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को समन जारी किया था. इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कोर्ट में हाजिर हुए.

ये है मामला : पिछले विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में भ्रष्टाचार को भाजपा के खिलाफ मुख्य हथियार बनाने वाली कांग्रेस ने 5 मई 2023 को सभी प्रमुख अखबारों के पहले पन्ने पर एक विज्ञापन प्रकाशित कराया था. आरोप लगाया कि बीजेपी ने 'भ्रष्टाचार रेट लिस्ट' के नाम पर विभिन्न पदों के लिए रिश्वत तय कर रखी है. साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि कोविड सामग्री की आपूर्ति, सार्वजनिक उपयोगिता अनुबंध, गणित को अनुदान, स्कूलों को अंडा आपूर्ति और सड़क कार्यों में कमीशन प्राप्त किया जा रहा है.

शिकायत में बीजेपी ने लगाया आरोप, 'अखबारों को दिए गए विज्ञापन के अंत में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि 40 फीसदी कमीशनखोर (बीजेपी) सरकार ने पिछले चार साल में 1.5 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं. यह कहकर कि यह डबल इंजन सरकार की बजाय ट्रबल इंजन सरकार है. और इसने बीजेपी के करिश्मे को नुकसान पहुंचाया है और चुनाव में उसकी जीत में बाधा डाली है. अंत में आरोपियों ने उनसे कांग्रेस को वोट देने को कहा. झूठा विज्ञापन देने के लिए सीधे तौर पर सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार और राहुल गांधी जिम्मेदार हैं.'

बीजेपी ने दर्ज कराई शिकायत में कहा है कि 'राहुल गांधी ने इस झूठे विज्ञापन को अपने ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर शेयर कर बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश की है. इसलिए कांग्रेस, सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार और राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाना चाहिए.'

इस पर विचार करते हुए विशेष अदालत ने 23 फरवरी को मानहानि का मुकदमा दायर करने का आदेश दिया और आरोपियों को समन जारी किया. लेकिन सिद्धारमैया और शिवकुमार को समन नहीं पहुंचा. फिर इसे दोबारा भेजा गया.

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जन प्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने भाजपा द्वारा दायर मामले के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को समन जारी किया था. इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कोर्ट में हाजिर हुए.

ये है मामला : पिछले विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में भ्रष्टाचार को भाजपा के खिलाफ मुख्य हथियार बनाने वाली कांग्रेस ने 5 मई 2023 को सभी प्रमुख अखबारों के पहले पन्ने पर एक विज्ञापन प्रकाशित कराया था. आरोप लगाया कि बीजेपी ने 'भ्रष्टाचार रेट लिस्ट' के नाम पर विभिन्न पदों के लिए रिश्वत तय कर रखी है. साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि कोविड सामग्री की आपूर्ति, सार्वजनिक उपयोगिता अनुबंध, गणित को अनुदान, स्कूलों को अंडा आपूर्ति और सड़क कार्यों में कमीशन प्राप्त किया जा रहा है.

शिकायत में बीजेपी ने लगाया आरोप, 'अखबारों को दिए गए विज्ञापन के अंत में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि 40 फीसदी कमीशनखोर (बीजेपी) सरकार ने पिछले चार साल में 1.5 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं. यह कहकर कि यह डबल इंजन सरकार की बजाय ट्रबल इंजन सरकार है. और इसने बीजेपी के करिश्मे को नुकसान पहुंचाया है और चुनाव में उसकी जीत में बाधा डाली है. अंत में आरोपियों ने उनसे कांग्रेस को वोट देने को कहा. झूठा विज्ञापन देने के लिए सीधे तौर पर सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार और राहुल गांधी जिम्मेदार हैं.'

बीजेपी ने दर्ज कराई शिकायत में कहा है कि 'राहुल गांधी ने इस झूठे विज्ञापन को अपने ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट पर शेयर कर बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश की है. इसलिए कांग्रेस, सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार और राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाना चाहिए.'

इस पर विचार करते हुए विशेष अदालत ने 23 फरवरी को मानहानि का मुकदमा दायर करने का आदेश दिया और आरोपियों को समन जारी किया. लेकिन सिद्धारमैया और शिवकुमार को समन नहीं पहुंचा. फिर इसे दोबारा भेजा गया.

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