रांची/सरायकेला: चांडिल डैम में समा चुके ट्रेनी एयरक्राफ्ट के पायलट जीत शत्रु आनंद की डेड बॉडी बरामद हो गयी है. इंडियन नेवी की टीम ने उनके शव को चांडिल डैम से बरामद किया है. आज सुबह ही ट्रेनी पायलट सुब्रोदीप दत्ता का शव चांडिल डैम से बरामद हुआ. अब नेवी की टीम एयरक्राफ्ट को खोजने में जुट गई है. कैप्टन जीत शत्रु की उम्र महज 30 साल थी. सुब्रोदीप दत्ता भी उनसे कम उम्र के थे. दोनों का शव मिलने के बाद दोनों परिवारों में चीख पुकार मची हुई है. एक अनुमान के मुताबिक विमान के लापता होने के करीब 42 घंटे बाद ट्रेनी सुब्रोदीप और करीब 50 घंटे बाद कैप्टन जीत शत्रु की डेड बॉडी बरामद हुई.
एविएशन पर गंभीर आरोप
पायलट जीत शत्रु आनंद के बड़े भाई ने एविएशन कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि 20 अगस्त को सुबह 11.30 के करीब एयरक्राफ्ट का एटीसी से संपर्क टूट गया था. लेकिन एविएशन वालों ने शाम चार बजे के बाद इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी. उनका आरोप है कि एविएशन वालों ने एयरक्राफ्ट लापता होने की सूचना उनके परिवार को भी नहीं दी. इसकी जानकारी पटना में एक परिचित ने दी थी. यह सूचना मिलते ही वह अपनी मां के साथ सोनारी एयरपोर्ट स्थित एविएशन के दफ्तर में पहुंचे. तब वहां ट्रेनी पायलट सुब्रोदीप के परिजन को ऑफिस में जाने नहीं दिया जा रहा था. हद तो ये है कि एविएशन कंपनी के लोगों ने ना कोई सूचना दी और ना ही किसी तरह की मानवीय मदद की. जिला प्रशासन के किसी कर्मी की मदद से उनका परिवार चांडिल डैम तक पहुंचा.
अब सवाल है कि इतने गंभीर मामले की जानकारी पीड़ित परिवार को क्यों नहीं दी गई. क्योंकि मीडियाकर्मी भी जब इस मामले में अपडेट लेना चाह रहे थे तो एविएशन कंपनी के लोग कुछ भी कहने से बच रहे थे. सवाल है कि एयरक्राफ्ट का एटीसी से संपर्क टूटने के करीब साढ़े चार घंटे बाद जिला प्रशासन को सूचना क्यों दी गई. वैसे चांडिल डैम में एयरक्राफ्ट के गिरने की जानकारी मिलते ही वहां के जिला प्रशासन ने सबसे पहले एनडीआरएफ को बुलाया. 21 अगस्त को जब एनडीआरएफ की टीम लापता विमान और दोनों पायलट को नहीं ढूंढ पाई तो रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर नेवी को बुलाया गया.
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