कोलकाता: बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान रेमल के बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात के तट से टकराने की प्रक्रिया 4 घंटे तक जारी रहेगी. मौसम विभाग ने कहा कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात 'रेमल' उत्तर की ओर सागर द्वीप से लगभग 130 किमी दक्षिण-पूर्व में खेपुपारा (बांग्लादेश) से 140 किमी दक्षिण-पश्चिम, कैनिंग से 140 किमी दक्षिण-पूर्व, बांग्लादेश के मोंगला से 160 किमी दक्षिण-पश्चिम में आगे बढ़ेगा और तट को पार करेगा. बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों पर रविवार आधी रात तक 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.
पीएम मोदी ने तैयारियों की समीक्षा
इधर, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात रेमल के संभावित प्रभाव से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि एनडीआरएफ पश्चिम बंगाल सरकार के साथ लगातार संपर्क में है. सभी मछुआरों को दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है. तटीय इलाकों से करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. आईएमडी नियमित अपडेट के साथ बांग्लादेश को भी सूचना प्रदान कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने बंगाल सरकार को पूरा समर्थन दिया है और आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करने और चक्रवात के टकराने के बाद की स्थिति की समीक्षा करने को कहा है, ताकि क्षेत्र में जरूरी सहायता प्रदान की जा सके. प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से तैनात 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा और अधिक टीमों को स्टैंडबाय पर रखा जाए, जो जरूरत पड़ने पर एक घंटे में मौके पर पहुंच सकें. भारतीय तटरक्षक बल किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने तंत्र को तैनात करेगा. उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बंदरगाहों, रेलवे और राजमार्गों पर कड़ी निगरानी रखी जाए.
वहीं, चक्रवात 'रेमल' के प्रभाव से बंगाल के तटीय जिलों में तेज हवाएं चल रही हैं. साथ ही तटीय जिलों में भारी बारिश भी होने की सूचना है. कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में भी बारिश हो रही है.
तटीय जिलों में ट्रेनों का संचालन रद्द
चक्रवाती तूफान को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर के साथ अन्य तटीय जिलों में कई ट्रेन रद्द कर दी हैं. वहीं, कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारियों ने तूफान के संभावित प्रभाव के कारण रविवार को दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ानों का संचालन निलंबित करने का फैसला लिया है. इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मिलाकर कुल 394 फ्लाइट्स प्रभावित होंगी.
कोलकाता बंदरगाह का परिचालन 12 घंटे के लिए निलंबित
कोलकाता एयरपोर्ट पर कई छोटे विमानों को खड़ा कर दिया गया है. इसके अलावा कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर भी रविवार शाम से 12 घंटे के लिए कार्गो और कंटेनर परिचालन की गतिविधियां भी निलंबित रहेंगी. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तटीय इलाकों में नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल को तैनात किया गया है.
मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार सुबह 8:30 बजे तक चक्रवात रेमल उत्तरी बंगाल की खाड़ी में सागर द्वीप समूह से 240 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में स्थित था और यह 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था. इस दौरान 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं.
समुद्र में एक मीटर ऊंची लहर उठने की आशंका
मौसम विभाग ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में मूसलाधार बारिश और उत्तरी ओडिशा में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. 27-28 मई को असम और मेघालय के साथ मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में भारी बारिश का अनुमान है. तूफान के बंगाल के तट से टकराते समय समुद्र में एक मीटर ऊंची लहर उठ सकती है. जिसके कारण तटीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निचले इलाकों में पानी भर जाने की आशंका है. खतरे को देखते हुए मछुआरों को 27 मई की सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है.
बंगाल के इन जिलों में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका जताई है. कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से भारी बारिश हो सकती है. नदिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी बारिश होने की संभावना है. उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की उम्मीद है, जो 120 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं. जबकि कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं, जिसकी अधिकतम रफ्तार 90 किमी प्रति घंटा हो सकती है.
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