गुवाहाटी/नई दिल्ली: चक्रवात रेमल का असर असम पर अभी भी बना हुआ है. इसे देखते हुए बुधवार को राज्य के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. राज्य सरकार ने उन जिलों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है जहां रेड अलर्ट जारी किया गया है. रेड अलर्ट वाले जिलों में क्रमशः नागांव, होजाई, वेस्ट कार्बी आंगलोंग, कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज शामिल हैं.
पेड़ गिरने से बिजली सेवाएं बाधित
सोमवार रात से राज्य के कई जिलों में भारी तूफान के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसके अलावा भारी बारिश जारी है. दीमा हसाओ समेत कई पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन ने जटिल स्थिति पैदा कर दी है. कई जगहों पर संचार व्यवस्था टूट गई है. बड़े-बड़े पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित होने से बिजली सेवाएं बाधित हो गई हैं. इस बीच, मंगलवार को पूर्वोत्तर में चक्रवात के दस्तक देने के बाद पेड़ गिरने से राज्य में तीन लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा पेड़ गिरने की घटनाओं में छात्रों समेत कई लोगों के घायल होने की खबर है. वहीं, असम के नागांव जिले के कामपुर इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि बोरपानी नदी का अतिरिक्त पानी इलाके के कई गांवों में पानी भर गया है. चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण लगातार बारिश के बाद दो पनबिजली परियोजनाओं के बांध के गेट खोले जाने के बाद नदी उफान पर आ गई.
राज्य सरकार ने कहा है कि बुधवार को रेमल की तीव्रता काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन लोगों में अभी भी भय का माहौल है. इसके चलते राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देश पर मुख्य सचिव रवि कोटा की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को दिसपुर में तत्काल बैठक हुई. आईएमडी ने संभावना जताई है कि राज्य के लगभग सभी हिस्सों में आसमान में बादल छाए रहेंगे. कुछ इलाकों में बिजली के खंभे उखड़ने के कारण क्षेत्र के हिसाब से बिजली सेवाएं नहीं मिल पाएंगी. बिजली विभाग के अधिकारी इस सेवा को फिर से चालू करने के लिए जरूरी काम जारी रखे हुए हैं. राज्य में कई नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की स्थिति पैदा होने की आशंका जताई गई है.
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की बैठक
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. उन्होंने चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया, जिसने असम में तबाही और जानमाल का नुकसान पहुंचाया है. सरमा ने असम के चक्रवात प्रभावित जिलों के जिला आयुक्तों को प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक सहायता और घायलों को समय पर उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
उन्होंने मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कुरिचू से पानी छोड़े जाने की स्थिति में बरपेटा, चिरांग और बक्सा के डीसी भूटान के अपने-अपने समकक्षों के साथ अग्रिम सूचना के बारे में बात करें. सरमा ने कहा कि कुरिचू से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने पर भूटान के अधिकारियों की ओर से अग्रिम चेतावनी मिलने से हम लोगों को स्थानांतरित करने में सक्षम होंगे. पिछली बार दोनों पक्षों की ओर से समन्वय किसी भी संभावित घटना को टालने के लिए पर्याप्त था. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भारी से बहुत भारी वर्षा के आईएमडी पूर्वानुमान के मद्देनजर यथासंभव शीघ्र आपात स्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने एपीडीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों को चक्रवात प्रभावित सभी क्षेत्रों में बिजली बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने को कहा. उन्होंने बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में बिजली बहाल करने के लिए बिजली भवन (बिजली विभाग) में जीएम के साथ तत्काल बैठक करने को भी कहा. मुख्यमंत्री ने एनएचएआई से कहा कि बारिश का पानी कम होने के बाद हरंगाजाओ और जटिंगा के बीच सतही संचार बहाल किया जाए. उन्होंने बराक घाटी के तीन जिलों के डीसी को असम और पड़ोसी राज्यों मणिपुर और मिजोरम में नदियों के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए खाद्यान्न और अन्य पीडीएस वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक रखने को भी कहा है.
बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारियों से प्रभावित लोगों तक पहुंचने और हर संभव सहायता प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ने को कहा. सूत्रों ने बताया, 'मुख्यमंत्री ने डीसी से मृतकों के परिजनों को तत्काल अनुग्रह राशि देने को कहा. लोकसभा चुनाव की मतगणना के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों के डीसी को राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए अलग-अलग टीमें बनाने का निर्देश दिया'.
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