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तेलंगाना में साइबर अपराध में 18 फीसदी की वृद्धि, ₹1866 करोड़ का हुआ नुकसान - CYBERCRIMES SURGE

तेलंगाना में साइबर अपराध पर लगाम लगाने को लेकर काफी सक्रिय है. बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया गया है.

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तेलंगाना में साइबर अपराध का ब्यौरा देते अधिकारी (ETV Bharat Telangana Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 14 hours ago

हैदराबाद: तेलंगाना में साइबर अपराधों में पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी की चिंताजनक वृद्धि हुई. टीजी साइबर सुरक्षा ब्यूरो की निदेशक शिखा गोयल ने सोमवार को ब्यूरो की 2024 वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के दौरान इसका खुलासा किया.

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से दर्ज की गई एक लाख 14 हजार से अधिक शिकायतों में से पीड़ितों को 1866.9 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. हालांकि, साइबर पुलिस के प्रयासों से पीड़ितों को 176.71 करोड़ रुपये की वसूली हुई है.

रिपोर्ट का अनावरण बंजारा हिल्स पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर में शिखा गोयल द्वारा किया गया. उनके साथ एसपी देवेंद्र सिंह और डीएसपी केवीएम प्रसाद, हरिकृष्ण, भीक्षम रेड्डी, वासु और सूर्यप्रकाश भी मौजूद थे.

कंबोडियाई चीनी साइबर अपराध सिंडिकेट

एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कंबोडिया में रहने वाले चीनी नागरिक किस तरह साइबर धोखाधड़ी के लिए भारतीय युवाओं का शोषण कर रहे हैं. नौकरी के अवसरों का वादा करके इन व्यक्तियों को ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से पर्यटक वीजा पर बैंकॉक ले जाया जाता है और बाद में वियतनाम और कंबोडिया ले जाया जाता है. यहां उन्हें साइबर अपराध चलाने के लिए टेलीकॉलर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है.

शिखा गोयल ने बताया कि 30 पीड़ितों को कंबोडिया से सुरक्षित बचाया गया है. इसके अलावा इस रैकेट में शामिल 20 ट्रैवल एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें से एक मास्टरमाइंड दाऊद है जो दुबई से काम करता है और हाल ही में पकड़ा गया है.

साइबर अपराध पुलिस स्टेशन और जागरूकता अभियान

तेलंगाना में इस साल 19,653 साइबर अपराध मामले दर्ज किए गए. इनमें 1,057 आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई. जांच में पता चला है कि देशभर में 116421 से अधिक मामलों में उनकी संलिप्तता है. वारंगल, खम्मम, करीमनगर, सिद्दीपेट, रामागुंडम और निजामाबाद कमिश्नरेट में अप्रैल से साइबर अपराध पुलिस स्टेशन चालू हो गए हैं.

बढ़ते खतरे से निपटने के लिए राज्य ने 20,677 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए. जांच के लिए 850 'साइबर वॉरियर' को प्रशिक्षित किया और 1930 साइबर अपराध हेल्पलाइन पर कॉल का प्रबंधन करने के लिए एआई का उपयोग करना शुरू किया.

राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई

तेलंगाना ने राजस्थान में अपना पहला अंतर-राज्यीय साइबर अपराध अभियान चलाया. इसमें देश भर में 2,000 से अधिक मामलों और राज्य के भीतर 189 मामलों में शामिल 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. डेटा विश्लेषण ने साइबर धोखाधड़ी से जुड़े 1,057 व्यक्तियों की पहचान और गिरफ्तारी में मदद की. ब्यूरो ने पूरे भारत में 325 साइबर अपराध हॉटस्पॉट भी मैप किए. इनमें से कोई भी तेलंगाना में नहीं है.

सबसे आम साइबर अपराधों में ये हैं शामिल

निवेश धोखाधड़ी (व्यवसाय/शेयर)

फर्जी जॉब ऑफर

डिजिटल अरेस्ट

कस्टमर केयर बताकर धोखाधड़ी

डेबिट-क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी

सबसे अधिक मामले वाले क्षेत्र

साइबराबाद: 25,112 मामले

हैदराबाद: 20,299 मामले

राचकोंडा: 14,815 मामले

वारंगल: 3,531 मामले

संगारेड्डी: 3,132 मामले

किन्हें बनाया गया निशाना

निजी कर्मचारी: 56फीसदी

स्व-रोजगार वाले व्यक्ति: 10फीसदी

व्यापारी: 9 फीसदी

छात्र: 9प्रतिशत

सरकारी कर्मचारी: 5 फीसदी

गृहिणियाँ: 5 प्रतिशत

अन्य: 6फीसदी

मुख्य बातें

साइबर अपराधों में वृद्धि इस बात को रेखांकित करती है कि इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सतर्कता, मजबूत जागरूकता अभियान और नवीन तकनीकी उपकरणों की आवश्यकता है. तेलंगाना का सक्रिय दृष्टिकोण एक मिसाल है, लेकिन साइबर अपराधियों के खिलाफ लड़ाई निरंतर प्रयास और राष्ट्रव्यापी सहयोग की मांग करती है.

ये भी पढ़ें- क्या है डिजिटल अरेस्ट, जिसमें फोन कॉल काट नहीं पाते लोग? इससे कैसे रहें सुरक्षित? जानें

हैदराबाद: तेलंगाना में साइबर अपराधों में पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी की चिंताजनक वृद्धि हुई. टीजी साइबर सुरक्षा ब्यूरो की निदेशक शिखा गोयल ने सोमवार को ब्यूरो की 2024 वार्षिक रिपोर्ट जारी करने के दौरान इसका खुलासा किया.

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से दर्ज की गई एक लाख 14 हजार से अधिक शिकायतों में से पीड़ितों को 1866.9 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. हालांकि, साइबर पुलिस के प्रयासों से पीड़ितों को 176.71 करोड़ रुपये की वसूली हुई है.

रिपोर्ट का अनावरण बंजारा हिल्स पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर में शिखा गोयल द्वारा किया गया. उनके साथ एसपी देवेंद्र सिंह और डीएसपी केवीएम प्रसाद, हरिकृष्ण, भीक्षम रेड्डी, वासु और सूर्यप्रकाश भी मौजूद थे.

कंबोडियाई चीनी साइबर अपराध सिंडिकेट

एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कंबोडिया में रहने वाले चीनी नागरिक किस तरह साइबर धोखाधड़ी के लिए भारतीय युवाओं का शोषण कर रहे हैं. नौकरी के अवसरों का वादा करके इन व्यक्तियों को ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से पर्यटक वीजा पर बैंकॉक ले जाया जाता है और बाद में वियतनाम और कंबोडिया ले जाया जाता है. यहां उन्हें साइबर अपराध चलाने के लिए टेलीकॉलर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है.

शिखा गोयल ने बताया कि 30 पीड़ितों को कंबोडिया से सुरक्षित बचाया गया है. इसके अलावा इस रैकेट में शामिल 20 ट्रैवल एजेंट गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें से एक मास्टरमाइंड दाऊद है जो दुबई से काम करता है और हाल ही में पकड़ा गया है.

साइबर अपराध पुलिस स्टेशन और जागरूकता अभियान

तेलंगाना में इस साल 19,653 साइबर अपराध मामले दर्ज किए गए. इनमें 1,057 आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई. जांच में पता चला है कि देशभर में 116421 से अधिक मामलों में उनकी संलिप्तता है. वारंगल, खम्मम, करीमनगर, सिद्दीपेट, रामागुंडम और निजामाबाद कमिश्नरेट में अप्रैल से साइबर अपराध पुलिस स्टेशन चालू हो गए हैं.

बढ़ते खतरे से निपटने के लिए राज्य ने 20,677 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए. जांच के लिए 850 'साइबर वॉरियर' को प्रशिक्षित किया और 1930 साइबर अपराध हेल्पलाइन पर कॉल का प्रबंधन करने के लिए एआई का उपयोग करना शुरू किया.

राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई

तेलंगाना ने राजस्थान में अपना पहला अंतर-राज्यीय साइबर अपराध अभियान चलाया. इसमें देश भर में 2,000 से अधिक मामलों और राज्य के भीतर 189 मामलों में शामिल 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. डेटा विश्लेषण ने साइबर धोखाधड़ी से जुड़े 1,057 व्यक्तियों की पहचान और गिरफ्तारी में मदद की. ब्यूरो ने पूरे भारत में 325 साइबर अपराध हॉटस्पॉट भी मैप किए. इनमें से कोई भी तेलंगाना में नहीं है.

सबसे आम साइबर अपराधों में ये हैं शामिल

निवेश धोखाधड़ी (व्यवसाय/शेयर)

फर्जी जॉब ऑफर

डिजिटल अरेस्ट

कस्टमर केयर बताकर धोखाधड़ी

डेबिट-क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी

सबसे अधिक मामले वाले क्षेत्र

साइबराबाद: 25,112 मामले

हैदराबाद: 20,299 मामले

राचकोंडा: 14,815 मामले

वारंगल: 3,531 मामले

संगारेड्डी: 3,132 मामले

किन्हें बनाया गया निशाना

निजी कर्मचारी: 56फीसदी

स्व-रोजगार वाले व्यक्ति: 10फीसदी

व्यापारी: 9 फीसदी

छात्र: 9प्रतिशत

सरकारी कर्मचारी: 5 फीसदी

गृहिणियाँ: 5 प्रतिशत

अन्य: 6फीसदी

मुख्य बातें

साइबर अपराधों में वृद्धि इस बात को रेखांकित करती है कि इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सतर्कता, मजबूत जागरूकता अभियान और नवीन तकनीकी उपकरणों की आवश्यकता है. तेलंगाना का सक्रिय दृष्टिकोण एक मिसाल है, लेकिन साइबर अपराधियों के खिलाफ लड़ाई निरंतर प्रयास और राष्ट्रव्यापी सहयोग की मांग करती है.

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