वाराणसीः शहर के साइबर थाने की पुलिस को रिटार्यड शिक्षिका से 3 करोड़ 55 लाख की साइबर ठगी के मामले में बड़ी सफलता मिली है. इस पूरे मामले में शामिल हाउस अरेस्टिंग गैंग का अन्तर्राष्ट्रीय सरगना टाइगर व उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में अब तक 15 गिरफ्तारी हो चुकी हैं. वहीं तीन और लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्तों के पास से भारी मात्रा में एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल, चेक बुक, नगदी बरामद की है. बताया जा रहा है कि दो आरोपी पहले निजी बैंक में भी काम कर चुके हैं. कहा जा रहा है कि किसी एक व्यक्ति के साथ यह अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी है.
ऐसे अंजाम दी गई पूरी ठगी
दरअसल, सिगरा थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली रिटार्यड शिक्षिका शम्पा रक्षित ने पुलिस को सूचना दी थी कि आठ मार्च को अनजान नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने खुद को टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉर्टी का बताया और कहा कि दो घंटे में आपका फोन बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा. इसके बाद फोन आया और फोन करने वाले शख्स ने खुद को महाराष्ट्र के विले पार्ले पुलिस स्टेशन से विनय चौबे बताया. कहा कि घाटकोपर से यह नंबर आपने लिया है, यह पूरी तरह से अवैध है. कहा कि आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट है. गिरफ्तारी की धमकी देकर घऱ पर ही रहने और किसी को कुछ न बताने के लिए कहा. इसेक बाद बैंक खाते का पूरा ब्यौरा ले लिया और कहा कि ये पैसा आरबीआई को ट्रांसफर करना पड़ेगा. जांच के बाद पैसा लौटा दिया जाएगा. इस पर उन्होंने बताए गए खाते में पहले तीन करोड़ और फिर 55 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. बाद में पता चला कि उनके साथ तो ठगी हुई है. इसके बाद पुलिस को इसकी सूचना दी.
डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीना ने बताया कि बीती 8 मार्च को रिटार्यड शिक्षिका शम्पा रक्षित ने साइबर थाने में शिकायत की थी कि उनके साथ 3 करोड़ 55 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई है. इस मामले में 15 अभियुक्तों को जेल भेजा जा चुका है. आज इस मामले में गिरफ्तार 3 अभियुक्तों को जेल भेजा जा रहा है. ये तीनो अभियुक्त राजस्थान के केकड़ी जिला के रहने वाले है. इनमें मुख्य अभियुक्त टाइगर (हिमांशु वर्मा), वकील अनंत जैन और अभियुक्त दीपक वासवानी शामिल है.
1200 यूजर्स के खाते में ट्रांसफर कराई गई रकम
डीसीपी ने बताया कि इनके पास से 18 मोबाइल, 20 सिमकार्ड, 32 एटीएम कार्ड, कई चेकबुक और 1 लाख 20 हज़ार नगद व एक कार जिसकी अनुमानित कीमत 20 लाख रुपये है, बरामद की गई है. उन्होंने बताया कि गैंग के सदस्यों ने बताया है कि वे पहचान छिपाकर साइबर अपराध अंजाम देते थे. वे जिसे ठगते थे उसके बैंक खाते, सिम कार्ड आदि से जुड़ी जानकारी साइबर अपराधियों तक पहुंचा देते थे. उन्होंने बताया कि ठकी की रकम उन्होंने बेटिंग / लाटरी / गेमिंग एपलिकेशन जैसे तिरंगा लाटरी व दमन आदि के पेमेन्ट गेटवे से जुड़े 1200 यूजर्स के खातों में ट्रांसफर करा दी ताकि पुलिस भ्रमित हो जाए. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच हो रही है.
अलर्ट रहें और ये ध्यान रखें
- फोन पर किसी से भी बैंक डिटेल साझा न करें
- किसी के भी डराने पर घबराएं नहीं बल्कि पुलिस को सूचना दें
- अपने परिचितों की आवाज में पैसे ट्रांसफर करने वालों से सावधान रहें, अन्य नंबरों से इसकी जांच करें
- व्हाट्स ऐप के नए अनजान ग्रुपों में यदि कोई शामिल करता है तो तुरंत ब्लॉक कर दें.
- यदि फोन पर कोई खुद को बैंक कर्मी, पुलिस कर्मी या फिर कोई और कर्मी बता निजी जानकारी मांगें तो न दें.
- फोन पर आने वाले स्पैम मेल, मैसेज आदि पर क्लिक न करें बल्कि इन्हें तुरंत डिलीट कर दें.
- अगर फोन बच्चों के हाथ में है तो यह जरूर ताकीद कर दें कि किसी भी मैसेज में क्लिक न करें.
- किसी भी अनजान ऐप जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं है उसे न डाउनलोड करें.