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Himachal Rajya Sabha Election: सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग, नतीजों से पहले कांग्रेस में हड़कंप

Himachal Rajya Sabha Election: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग हो चुकी है लेकिन नतीजों से पहले कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. आखिर क्या है हिमाचल में राज्यसभा का गणित और विधानसभा में किसके पास हैं कितने विधायक, पढ़ें

Himachal Rajya Sabha Election
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 3:09 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद सत्ताधारी कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. जिसका फायदा बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को मिल सकता है. मतदान के बाद मुख्यमंत्री का अगर-मगर वाले बयान की भी इस ओर इशारा कर रहे थे, वहीं नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा था कि गणित भले कांग्रेस के साथ है लेकिन गणित बिगड़ते देर नहीं लगती है. इस बीच सूत्रों का कहना है कि निर्दलीय विधायकों समेत 6 से 9 विधायकों कांग्रेस की बजाय बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया है.

राज्यसभा का गणित

68 विधायकों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 40 विधायक कांग्रेस और 25 विधायक बीजेपी के हैं. इसके अलावा 3 निर्दलीय विधायक भी हैं. राज्यसभा उम्मीदवार को जीत के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत है. इस हिसाब से कांग्रेस की झोली में सीट जाना तय लग रहा है लेकिन सूत्रों की मानें तो 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया है. अगर 9 से कम विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है तो कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय है लेकिन अगर 9 विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं और सभी वोट वेलिड माने जाते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के हिस्से में 34-34 वोट आएंगे. ऐसी स्थिति में चुनाव फिर से कराना होगा. क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी कई चीजें खुलकर सामने आ गईं.

करीब 2 घंटे तक सत्ता पक्ष सदन से नदारद

दरअसल इन दिनों हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है जो 29 फरवरी तक चलना है. मंगलवार को सभी 68 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग की और इसके बाद सभी को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होना था. लेकिन करीब 2 बजे तक सत्ता पक्ष का एक भी सदस्य सदन में नहीं पहुंचा. विपक्ष के विधायक 'सत्ताधारी कहां गए' के नारे लगाते रहे. दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर स्पीकर कुलदीप पठानिया सदन में आए. इसके बाद सीएम सुखविंदर सुक्खू समेत अन्य मंत्री भी सदन में पहुंचे. इसके बाद नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सत्ता पक्ष और स्पीकर को लेकर कहा कि "इस आसन को लेकर सम्मान है और इसका अहम रोल होता है. लेकिन सत्ता के प्रभाव में यदि कोई चीज है तो भगवान भी इस सरकार को नहीं बचा सकता और ये शाप लगेगा".

विधानसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित

इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों का हंगामा होता देख स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष की बॉडी लैंग्वेज और फिर सत्ताधारी दल के विधायकों के हंगामे के बाद सदन का स्थगित होना इशारा करता है कि राज्यसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कांग्रेस कहीं ना कहीं बैकफुट पर है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में हो गया 'खेला' ? नतीजों से पहले बीजेपी कॉन्फिडेंट, कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद सत्ताधारी कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. सूत्रों के मुताबिक 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. जिसका फायदा बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को मिल सकता है. मतदान के बाद मुख्यमंत्री का अगर-मगर वाले बयान की भी इस ओर इशारा कर रहे थे, वहीं नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा था कि गणित भले कांग्रेस के साथ है लेकिन गणित बिगड़ते देर नहीं लगती है. इस बीच सूत्रों का कहना है कि निर्दलीय विधायकों समेत 6 से 9 विधायकों कांग्रेस की बजाय बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया है.

राज्यसभा का गणित

68 विधायकों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 40 विधायक कांग्रेस और 25 विधायक बीजेपी के हैं. इसके अलावा 3 निर्दलीय विधायक भी हैं. राज्यसभा उम्मीदवार को जीत के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत है. इस हिसाब से कांग्रेस की झोली में सीट जाना तय लग रहा है लेकिन सूत्रों की मानें तो 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया है. अगर 9 से कम विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है तो कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत तय है लेकिन अगर 9 विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं और सभी वोट वेलिड माने जाते हैं तो बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों के हिस्से में 34-34 वोट आएंगे. ऐसी स्थिति में चुनाव फिर से कराना होगा. क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है. विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी कई चीजें खुलकर सामने आ गईं.

करीब 2 घंटे तक सत्ता पक्ष सदन से नदारद

दरअसल इन दिनों हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है जो 29 फरवरी तक चलना है. मंगलवार को सभी 68 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग की और इसके बाद सभी को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होना था. लेकिन करीब 2 बजे तक सत्ता पक्ष का एक भी सदस्य सदन में नहीं पहुंचा. विपक्ष के विधायक 'सत्ताधारी कहां गए' के नारे लगाते रहे. दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर स्पीकर कुलदीप पठानिया सदन में आए. इसके बाद सीएम सुखविंदर सुक्खू समेत अन्य मंत्री भी सदन में पहुंचे. इसके बाद नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सत्ता पक्ष और स्पीकर को लेकर कहा कि "इस आसन को लेकर सम्मान है और इसका अहम रोल होता है. लेकिन सत्ता के प्रभाव में यदि कोई चीज है तो भगवान भी इस सरकार को नहीं बचा सकता और ये शाप लगेगा".

विधानसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित

इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों का हंगामा होता देख स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष की बॉडी लैंग्वेज और फिर सत्ताधारी दल के विधायकों के हंगामे के बाद सदन का स्थगित होना इशारा करता है कि राज्यसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कांग्रेस कहीं ना कहीं बैकफुट पर है.

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