लखनऊ : राजधानी के मड़ियांव इलाके में दो सगी बहनों ने 5 युवकों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था. घटना कुछ दिनों पहले की बताई गई थी. आरोप था कि कमरा दिखाने के बहाने दोनों को बुलाया गया था. इस दौरान उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. आरोप था कि शिकायत पर पुलिस ने सुनवाई नहीं की. उन्होंने राज्य महिला आयोग, मुख्यमंत्री एवं गृह सचिव से न्याय की गुहार लगाने की भी बात कही थी. वहीं पुलिस ने जांच शुरू की तो आरोप झूठे पाए गए. युवकों को साजिशन फंसाने की बात सामने आई.
पत्र लिखकर लगाए थे आरोप : रायबरेली की रहने वाली 20 वर्षीय युवती ने अधिकारियों को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि इंदिरा नगर में वह अपने माता-पिता और 15 साल की छोटी बहन के साथ किराए पर रहती है. मकान मालिक के बेटे की शादी होने वाली है. ऐसे में उन्होंने कमरा खाली करने के लिए बोला था. वह छोटी बहन के साथ कमरा तलाश रही थी. इस बीच उसकी मुलाकात एक ब्रोकर से हुई. उसने कम पैसे में कमरा दिलाने की बात कही. कपूरथला चौक के पास अपने तीन साथियों से उनकी मुलाकात कराई. उनमें से एक ने कहा कि 10 हजार रुपये महीने में उसके यहां नौकरी कर लो, कमरा फ्री में मिल जाएगा.
कमरा दिखाने के बहाने बुलाया था : पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे एक ड्राइवर के साथ गाड़ी में फैजुल्लागंज केशवनगर में कमरा दिखाने के लिए बुलाया गया. वह अपनी बहन के साथ वहां पहुंची थी. वहां पहले से ही चार लोग मौजूद थे. उसे कमरा दिखाया गया और फिर बहाने से चाय पिला दी. इसके बाद वह बेहोश हो गई. इससे बाद सभी पांच लोगों ने दोनों बहनों के साथ गैंगरेप किया. इसके बाद होश में आने पर असलहा दिखाकर आरोपियों ने धमकी दी. कहा कि घटना के बारे में किसी को बताया तो जान से मार देंगे. कई बार थाने में शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. मामले में डीसीपी कासिम आब्दी ने बताया कि मामला संज्ञान में हैं. फुटेज संग पीड़िता की CDR और लोकेशन भी खंगाली गई, लेकिन घटना सच साबित नहीं हुई. छानबीन के दौरान पता चला कि युवकों को फंसाने के लिए झूठे आरोप लगाए गए थे. युवती पूर्व में वैश्यावृत्ति के आरोप में जेल भी जा चुकी है. आरोप सच न साबित होने पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
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