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रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 52 लाख रुपए की ठगी, साइबर ठगों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर किया खेल - Cyber ​​fraud of 52 lakhs Rishikesh - CYBER ​​FRAUD OF 52 LAKHS RISHIKESH

Online Scam, Uttarakhand Cyber ​​Crime, Dehradun Cyber ​​Crime: देहरादून जिले में साइबर ठगी का मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर 52 लाख रुपए की ठगी की है. पीड़ित रिटायर्ड बैंक मैनेजर है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2024, 6:39 PM IST

ऋषिकेश: साइबर ठगों ने मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 52 लाख रुपए की ठगी कर ली. पीड़ित ने साइबर पुलिस थाने में शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और ठगी गई रकम वापस दिलाने की मांग की है.

पीड़ित योगेश श्रीवास्तव ने साइबर थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी. जिसके आधार पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. अपनी शिकायत में पीड़ित ने बताया कि 13 सितंबर को व्हाट्सएप पर कॉल आई. कॉलर ने खुद को तिलक नगर शाखा मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया. कथित पुलिस अधिकारी ने पीड़ित से कहा कि उनके आधार कार्ड से केनरा बैंक मुंबई में एक खाता खोला गया है, जिसके खिलाफ 17 लोगों ने शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराई है. इसकी जांच शुरू की गई है. 2 दिन में तिलक नगर ब्रांच मुंबई आकर संपर्क करें.

इसके बाद आरोपियों ने मुबंई में दर्ज हुई एफआईआर की जानकारी पीड़ित के मोबाइल नंबर पर भेजी, जिसे सच मानकर पीड़ित काफी डर गया. इसके बाद साइबर ठगों ने अपनी अलगी जाल चली. साइबरों ठगों ने पीड़ित को एक अकाउंट नंबर दिया, जिसमें पीड़ित ने 52 लाख 50 हजार रुपए डाल दिए.

पीड़ित का कहना है कि रुपए डालते ही आरोपियों ने व्हाट्सएप पर की गई चैटिंग को धीरे-धीरे डिलीट करना शुरू कर दिया. इसके बाद ही पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. आखिर में तो व्हाट्सएप नंबर पर कॉल उठाना भी बंद हो गया.

साइबर थाना प्रभारी देवेंद्र नबियाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. मामले में जांच शुरू कर दी गई है. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसे आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

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ऋषिकेश: साइबर ठगों ने मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर रिटायर्ड बैंक मैनेजर से 52 लाख रुपए की ठगी कर ली. पीड़ित ने साइबर पुलिस थाने में शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और ठगी गई रकम वापस दिलाने की मांग की है.

पीड़ित योगेश श्रीवास्तव ने साइबर थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी. जिसके आधार पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. अपनी शिकायत में पीड़ित ने बताया कि 13 सितंबर को व्हाट्सएप पर कॉल आई. कॉलर ने खुद को तिलक नगर शाखा मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया. कथित पुलिस अधिकारी ने पीड़ित से कहा कि उनके आधार कार्ड से केनरा बैंक मुंबई में एक खाता खोला गया है, जिसके खिलाफ 17 लोगों ने शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराई है. इसकी जांच शुरू की गई है. 2 दिन में तिलक नगर ब्रांच मुंबई आकर संपर्क करें.

इसके बाद आरोपियों ने मुबंई में दर्ज हुई एफआईआर की जानकारी पीड़ित के मोबाइल नंबर पर भेजी, जिसे सच मानकर पीड़ित काफी डर गया. इसके बाद साइबर ठगों ने अपनी अलगी जाल चली. साइबरों ठगों ने पीड़ित को एक अकाउंट नंबर दिया, जिसमें पीड़ित ने 52 लाख 50 हजार रुपए डाल दिए.

पीड़ित का कहना है कि रुपए डालते ही आरोपियों ने व्हाट्सएप पर की गई चैटिंग को धीरे-धीरे डिलीट करना शुरू कर दिया. इसके बाद ही पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ. आखिर में तो व्हाट्सएप नंबर पर कॉल उठाना भी बंद हो गया.

साइबर थाना प्रभारी देवेंद्र नबियाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. मामले में जांच शुरू कर दी गई है. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसे आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

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