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सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव कामरेड अतुल अंजान का निधन, कैंसर से पीड़ित थे, लखनऊ में चल रहा था इलाज - Atul Anjan passed away

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव कामरेड अतुल अंजान का आज सुबह लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह कैंसर से पीड़ित थे. काफी समय से उनका इलाज चल रहा था.

कामरेड अतुल अंजान का निधन हो गया.
कामरेड अतुल अंजान का निधन हो गया. (फाइल फोटो.)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 3, 2024, 8:39 AM IST

लखनऊ : एक जमाने में वामपंथ का प्रमुख चेहरा रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव कामरेड अतुल अंजान का निधन हो गया है. अतुल अंजान कैंसर से पीड़ित थे. पिछले कुछ दिनों से वह राजधानी लखनऊ के गोमती नगर के निजी अस्पताल में भर्ती थे. वहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांसें लीं. छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक के उनके सफर में लखनऊ से उनका गहरा नाता रहा है.

कामरेड अतुल अंजान लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के 1977 में प्रेसिडेंट भी थे और उसके बाद सक्रिय राजनीति में आए. विश्वविद्यालय से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले अतुल अंजान को वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है. कामरेड अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में ही नेशनल कॉलेज छात्र संघ के प्रेसिडेंट निर्वाचित हुए थे.

छात्रों की समस्याओं को दूर करने और लगातार संघर्ष करने वाले अंजान चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रेसिडेंट निर्वाचित हुए. वह एक प्रभावशाली वक्ता थे. उनको कई भाषाओं की जानकारी थी. अंजान अपने विश्वविद्यालय के समय मे ही के भाकपा के साथ जुड़ गए थे और गरीब-मजदूर किसानों की लड़ाई के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे.

उन्होंने कई चुनाव में भी हिस्सा लिया हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली. वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव थे और वामपंथी राजनीति में उनका एक बड़ा स्थान रहा है. उनके निधन पर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

यह भी पढ़ें : रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी, नामांकन आज, अमेठी से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा मैदान में

लखनऊ : एक जमाने में वामपंथ का प्रमुख चेहरा रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव कामरेड अतुल अंजान का निधन हो गया है. अतुल अंजान कैंसर से पीड़ित थे. पिछले कुछ दिनों से वह राजधानी लखनऊ के गोमती नगर के निजी अस्पताल में भर्ती थे. वहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांसें लीं. छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक के उनके सफर में लखनऊ से उनका गहरा नाता रहा है.

कामरेड अतुल अंजान लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के 1977 में प्रेसिडेंट भी थे और उसके बाद सक्रिय राजनीति में आए. विश्वविद्यालय से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले अतुल अंजान को वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है. कामरेड अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में ही नेशनल कॉलेज छात्र संघ के प्रेसिडेंट निर्वाचित हुए थे.

छात्रों की समस्याओं को दूर करने और लगातार संघर्ष करने वाले अंजान चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रेसिडेंट निर्वाचित हुए. वह एक प्रभावशाली वक्ता थे. उनको कई भाषाओं की जानकारी थी. अंजान अपने विश्वविद्यालय के समय मे ही के भाकपा के साथ जुड़ गए थे और गरीब-मजदूर किसानों की लड़ाई के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे.

उन्होंने कई चुनाव में भी हिस्सा लिया हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली. वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव थे और वामपंथी राजनीति में उनका एक बड़ा स्थान रहा है. उनके निधन पर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

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