बेंगलुरु: शहर की एक अदालत ने राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ कथित तौर पर गलत जानकारी पोस्ट करने के मामले में यह निर्देश दिया गया है.
42वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) ने सोशल मीडिया पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ कथित तौर पर गलत जानकारी पोस्ट करने के लिए हाई ग्राउंड स्टेशन पुलिस को शिवकुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया.
अदालत ने भाजपा कानूनी प्रकोष्ठ के संयोजक योगेन्द्र होदाघट्टा द्वारा दायर एक निजी शिकायत पर सुनवाई की. कोर्ट ने पुलिस को डीके शिवकुमार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख बीआर नायडू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है और सुनवाई 30 मार्च तक के लिए टाल दी है.
जनवरी 2024 के पहले हफ्ते में हुबली पुलिस ने 31 साल पुराने मामले में 60 साल के हिंदू कार्यकर्ता श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया था. इसकी निंदा करने के लिए राज्य भाजपा इकाई द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा, पूर्व मंत्री सुनील कुमार, केएस ईश्वरप्पा, सांसद प्रताप सिम्हा, सीटी रवि और कई अन्य नेताओं ने 'मैं कारसेवक हूं, मुझे गिरफ्तार करो' लिखी तख्तियां ले रखी थीं.
कांग्रेस पार्टी जिसने इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया था और उन्हें अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया था, उनमें से एक में बीवाई विजयेंद्र की एक तस्वीर थी जिसमें उन्होंने एक तख्ती पकड़ रखी थी, जिस पर लिखा था, 'मैंने आरटीजीएस के माध्यम से 40,000 करोड़ रुपये की रिश्वत ली है, मुझे गिरफ्तार करें.' बीजेपी की शिकायत में कहा गया, 'कांग्रेस का आरोप बेबुनियाद है. कांग्रेस ने नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच नफरत को बढ़ावा दिया है. इस पोस्ट को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हजारों लोगों ने देखा है. वे ऐसी हरकतें करते रहेंगे और दोबारा इसी तरह की हरकतों में शामिल होंगे. इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.'