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रामनवमी पर कहां से निकलेगा देश का सबसे बड़ा महावीरी पताका! जानिए, कैसी चल रही लोगों की तैयारी - Ram Navami 2024

Ram Navami's largest flag in Ranchi. रामनवमी की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस बार रांची की रामनवमी खास होने वाली है क्योंकि राजधानी की सड़कों पर देश का सबसे बड़ा महावीरी पताका लहराने वाला है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए, इसको लेकर और क्या कुछ होगा खास.

Countrys largest flag being made in Ranchi for Ram Navami 2024
रामनवमी पर रांची के धुर्वा से निकलेगा देश का सबसे बड़ा महावीरी पताका
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 15, 2024, 7:57 PM IST

रांची में लहराएगा देश का सबसे बड़ा महावीरी पताका!

रांची: रामनवमी को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. पूरे देश के लोग 17 अप्रैल को निकलने वाले जुलूस में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. इसको लेकर हर कोई भगवान राम और महावीर हनुमान के नाम का झंडा बनाने में जुटा हुआ है. कुछ ऐसा ही माहौल रांची में देखने को मिल रहा है.

रांची की रामनवमी काफी प्रसिद्ध है. आसपास के जिलों से लोग रामनवमी का मेला देखने के लिए रांची आते हैं. इस बार अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिमा होने के बाद लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रही है. इस बार की रामनवमी को और खास बनाने के लिए धुर्वा स्थित शिव मंदिर रामनवमी पूजा समिति द्वारा 1 हजार 501 मीटर का झंडा बनाया जा रहा है. समिति का कहना है कि ये महावीरी पताका देश का सबसे बड़ा झंडा होगा.

पिछले वर्ष की रामनवमी पर भी धुर्वा के शिव मंदिर रामनवमी पूजा समिति ने ही देश का सबसे बड़ा झंडा अपने जुलूस में शामिल किया था, जो 1100 मीटर का था. इस भी देश का सबसे बड़ा झंडा के निर्माण को लेकर समिति के लोगों में काफी उत्साह है. कारीगर रंजीत कुमार बताते हैं कि इस झंडे को बनाने के लिए जनवरी में ही ऑर्डर दे दिया गया था, करीब चार महीने की मेहनत के बाद ये झंडा तैयार हो पाया है. उन्होंने बताया कि इस झंडे को बनाने में प्रतिदिन 15 से 20 लोग काम कर रहे थे तब जाकर समय पर झंडा पूरा हो पाया.

वही रंजीत कुमार के भतीजे दीपक रजक ने बताया कि इस झंडे को बनाने में परिवार के लोगों का भी विशेष सहयोग रहा है. क्योंकि कई बार झंडे की देख-रेख भी बड़ी समस्या होती है. शिव मंदिर रामनवमी पूजा समिति के वरिष्ठ सदस्य बिट्टू मिश्रा बताते हैं कि इसके निर्माण में एक लाख से डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं, जो समिति से जुड़े सदस्य और धुर्वा के टंकी साइड रहने वाले लोग चंदे के रूप में देते हैं. ये झंडा काफी विशाल होता है, इसके लिए 250 से 300 फीट की बांस का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके लिए कई बांसों को जोड़ा जाता है.

समिति के सदस्य रंजन कुमार बताते हैं कि रामनवमी के जुलूस के दिन धुर्वा के राम मंदिर से मोहल्ले के लोग झंडा लेकर निकलते हैं. इस दौरान झंडे को उठाने के लिए पांच सौ से ज्यादा की लोगों की आवश्यकता होती है. झंडे की लंबाई चौड़ाई कई सौ मीटर में होते हैं. इसलिए झंडा जमीन पर ना सटे इसके लिए क्रेन मशीन भी मंगाए जाते हैं. क्योंकि कई बार झंडे को संभालने के लिए सैकड़ों लोग भी कम पड़ जाते हैं.

इसे भी पढ़ें- रामनवमी जुलूस में दिखा महिला सशक्तिकरण का बेजोड़ नजारा, ओडिशा का ढोल ताशा ग्रुप रहा आकर्षण का केंद्र - Ram Navami procession in Hazaribag

इसे भी पढ़ें- 17 अप्रैल को रांची में निकाली जाएगी रामनवमी की शोभा यात्रा, मेन रोड में वाहनों के परिचालन पर रहेगी रोक - Traffic diversion due to Ram Navami

इसे भी पढ़ें- इस साल रामनवमी के दिन बन रहा बेहद अद्भुत संयोग, इस समय पूजा करने से बरसेगी प्रभु राम की कृपा - Ramnavami 2024

रांची में लहराएगा देश का सबसे बड़ा महावीरी पताका!

रांची: रामनवमी को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. पूरे देश के लोग 17 अप्रैल को निकलने वाले जुलूस में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. इसको लेकर हर कोई भगवान राम और महावीर हनुमान के नाम का झंडा बनाने में जुटा हुआ है. कुछ ऐसा ही माहौल रांची में देखने को मिल रहा है.

रांची की रामनवमी काफी प्रसिद्ध है. आसपास के जिलों से लोग रामनवमी का मेला देखने के लिए रांची आते हैं. इस बार अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिमा होने के बाद लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रही है. इस बार की रामनवमी को और खास बनाने के लिए धुर्वा स्थित शिव मंदिर रामनवमी पूजा समिति द्वारा 1 हजार 501 मीटर का झंडा बनाया जा रहा है. समिति का कहना है कि ये महावीरी पताका देश का सबसे बड़ा झंडा होगा.

पिछले वर्ष की रामनवमी पर भी धुर्वा के शिव मंदिर रामनवमी पूजा समिति ने ही देश का सबसे बड़ा झंडा अपने जुलूस में शामिल किया था, जो 1100 मीटर का था. इस भी देश का सबसे बड़ा झंडा के निर्माण को लेकर समिति के लोगों में काफी उत्साह है. कारीगर रंजीत कुमार बताते हैं कि इस झंडे को बनाने के लिए जनवरी में ही ऑर्डर दे दिया गया था, करीब चार महीने की मेहनत के बाद ये झंडा तैयार हो पाया है. उन्होंने बताया कि इस झंडे को बनाने में प्रतिदिन 15 से 20 लोग काम कर रहे थे तब जाकर समय पर झंडा पूरा हो पाया.

वही रंजीत कुमार के भतीजे दीपक रजक ने बताया कि इस झंडे को बनाने में परिवार के लोगों का भी विशेष सहयोग रहा है. क्योंकि कई बार झंडे की देख-रेख भी बड़ी समस्या होती है. शिव मंदिर रामनवमी पूजा समिति के वरिष्ठ सदस्य बिट्टू मिश्रा बताते हैं कि इसके निर्माण में एक लाख से डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं, जो समिति से जुड़े सदस्य और धुर्वा के टंकी साइड रहने वाले लोग चंदे के रूप में देते हैं. ये झंडा काफी विशाल होता है, इसके लिए 250 से 300 फीट की बांस का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके लिए कई बांसों को जोड़ा जाता है.

समिति के सदस्य रंजन कुमार बताते हैं कि रामनवमी के जुलूस के दिन धुर्वा के राम मंदिर से मोहल्ले के लोग झंडा लेकर निकलते हैं. इस दौरान झंडे को उठाने के लिए पांच सौ से ज्यादा की लोगों की आवश्यकता होती है. झंडे की लंबाई चौड़ाई कई सौ मीटर में होते हैं. इसलिए झंडा जमीन पर ना सटे इसके लिए क्रेन मशीन भी मंगाए जाते हैं. क्योंकि कई बार झंडे को संभालने के लिए सैकड़ों लोग भी कम पड़ जाते हैं.

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