महोबा: सितंबर में ट्रेनों को बेपटरी करने की तमाम साजिशें सामने आ चुकी हैं. अब एक ही दिन में तीन जगहों पर ट्रेन पलटाने का प्रयास किया है. बलिया, मिर्जापुर और महोबा में 28 सितंबर को ही ट्रेनों को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई है. हालांकि सजगत के कारण अनहोनी बच गई. महोबा में झांसी मानिकपुर पैसेंजर ट्रेन पलटाने की कोशिश में पुलिस ने एक किशोर को गिरफ्तार किया है.
इस माह ट्रेनों को हादसे का शिकार बनाने की पहली घटना कानपुर में 8 सितंबर को हुई. यहां कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की कोशिश की गई. इसके बाद 22 सितंबर को एक मालगाड़ी के सामने सिलेंडर रखने की घटना सामने आई. इसके बाद 28 सितंबर को मिर्जापुर में जीवनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई.
देश के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश: मंत्री जयवीर सिंह
फिरोजाबाद में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह रविवार को पहुंचे. महोबा में रेलवे ट्रैक पर सीमेंट का गार्डर रखकर रेलगाड़ी को पलटने की कोशिश के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह देश के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है. कुछ लोग षडयंत्र के तहत ऐसी हरकत कर रहे हैं. इन लोगों के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है. वो जैन समाज के राजा का ताल गांव में हुए क्षमावाणी कार्यक्रम में शामिल हुए.
महोबा में रेल ट्रैक पर रख दिया सीमेंट का पिलर: 28 सितंबर शनिवार की दोपहर महोबा के कबरई रेलवे स्टेशन के पास गांव में किशोर चरवाहे ने एक बड़ा सा सीमेंट का पिलर रेलवे ट्रैक पर रख दिया. झांसी मानिकपुर पैसेंजर के लोको पायलट ने जब पत्थर देखा तो उसने ट्रेन खड़ी कर दी. साथ ही इसकी सूचना रेलवे के पदाधिकारियों को दी. रेलवे के अधिकरियों ने आनन-फानन में स्थानीय पुलिस को घटना से अवगत कराया. सूचना पर रेलवे ट्रैक पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने 16 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी कबरई थाना क्षेत्र का ही रहने वाला है. बांदा में तैनात रेल पथ निरीक्षक राजेश कुमार की शिकायत पर कबरई पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. सीओ सदर दीपक दुबे ने बताया कि रेलवे विभाग से ट्रैन पर पत्थर रखने की शिकायत आयी थी. सूचना आधार पर कबरई पुलिस मौके पर पहुंची और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने ट्रैक पर पत्थर रखने की बात स्वीकारी है.
कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस पलटाने की साजिश: इसके पहले 8 सितंबर रविवार की रात कानपुर के शिवराजपुर में में अराजकतत्वों ने अनवरगंज-कासगंज रूट पर रेलवे पटरी पर गैस सिलेंडर रख दिया. गैस सिलेंडर से ट्रेन टकरा गई, जिससे तेज धमाका हुआ. यात्री समेत आसपास के लोग सहम गए. चालक ने मौके पर ही ट्रेन रोक दी. जानकारी मिलते ही रेलवे के तमाम अफसरों समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने पटरी से कुछ दूरी पर सिलेंडर के अवशेष और पेट्रोल से भरी बोतल समेत अन्य संदिग्ध चीजें बरामद की हैं. पुलिस के अनुसार ट्रेन पलटाने की साजिश के तहत सिलेंडर को रेलवे लाइन पर रखा गया था.
कानपुर में ही दोबारा साजिश: कानपुर-प्रयागराज के बीच 22 सितंबर को रविवार तड़के 5:50 बजे के आसपास एक मालगाड़ी प्रयाराज की ओर जा रही थी. कानपुर से करीब 35 किमी दूर प्रेमपुर स्टेशन पर मालगाड़ी रुकने वाली थी. लिहाजा चालक ने स्पीड कर रखी थी. इस बीच लोको पायलट देवेंद्र गुप्ता ने रेलवे लाइन पर 5 किलो का गैस सिलेंडर पड़ा देखा. इस पर उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर मालगाड़ी रोक दी. इसके बाद रेलवे अफसरों को घटना की जानकारी दी.
बलिया में ट्रैक पर रखे गए पत्थर: इसके बाद 28 सितंबर को बलिया में लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की गई. ट्रेन छपरा की तरफ जा रही थी. तभी रेलवे इंजन के सेफ्टी गार्ड किसी पत्थर से टकरा गया. इसके निशान मिले हैं. जांच के बाद ट्रेन को छपरा के लिए रवाना कर दिया गया.
मिर्जापुर में मालगाड़ी को डीरेल करने का प्रयास: 28 सितंबर को ही शनिवार बह 5:00 बजे जीवनाथपुर रेलवे स्टेशन के अप और डाउन लाइन से मालगाड़ी गुजर रही थी. अप लाइन के मालगाड़ी जब जीवनाथपुर से आगे निकली तो गार्ड ने डाउन लाइन के ट्रैक पर एक अग्निशमन यंत्र पड़ा देखा और इसकी सूचना जीवनाथपुर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर संतोष को दी. सहायक स्टेशन मास्टर ने वॉकी टॉकी से डाउन लाइन के मालगाड़ी के लोको पायलट को सूचना दी. लोको पायलट ने सूचना मिलते ही तत्काल आपात ब्रेक लगाकर ट्रेन को अग्निशमन यंत्र के पहले ही रोक लिया.