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महाराष्ट्र, झारखंड में भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने रणनीति बदली - CONGRESS TWEAKS STRATEGY

Congress tweaks strategy, कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

congress party
कांग्रेस पार्टी (file photo-ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Oct 19, 2024, 5:11 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनावी राज्य महाराष्ट्र और झारखंड में भारतीय ब्लॉक को मजबूत करने के लिए सीटों की मांग को कम करके अपनी रणनीति में बदलाव किया है. रणनीति में यह बदलाव हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए चुनावों में मिली हार के बाद किया गया है, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा था. इसका उद्देश्य भगवा पार्टी का मुकाबला करने के लिए चुनाव वाले राज्यों में सहयोगी दलों को सहज बनाना है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के नेताओं ने महाराष्ट्र में कुछ महीने पहले 288 सीटों में से 125 सीटों की अपनी मांग को घटाकर 105-110 कर दिया है. साथ ही पार्टी अपने सहयोगी दलों शिवसेना, एनसीपी-एसपी और सपा के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत कर रही है. इसका उद्देश्य न केवल सपा को समायोजित करना था, जो 4 सीटें मांग रही थी, बल्कि शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-सपा दोनों को सकारात्मक संकेत भेजना भी था. झारखंड में, कांग्रेस ने पिछले हफ्तों में हुए परामर्श के दौरान 81 में से 33 सीटों की अपनी मांग को घटाकर 29 करने पर सहमति व्यक्त की थी, जबकि 2019 में उसने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

समझौते के अनुसार, झामुमो को 43 सीटों पर चुनाव लड़ना था, जो 2019 के चुनावों के समान ही था तथा राजद को 2019 में 7 के बजाय 5 सीटें दी गईं जिससे भाकपा-माले को समायोजित किया जा सके, उसे 4 सीटें दी गईं. हालांकि, झामुमो अब पूर्व भाजपा विधायक केदार हाजरा और पूर्व आजसू विधायक चंदन कियारी, जो हाल ही में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए थे, के लिए दो और सीटें मांग रहा था, इससे कांग्रेस नेताओं पर दबाव बढ़ रहा था. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को आदिवासी राज्य के अपने दौरे के दौरान झामुमो नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे को सुलझा सकते हैं.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को सोरेन ने राजद नेता तेजस्वी यादव और भाकपा-माले नेता अरूप चटर्जी और बबलू महतो के साथ गठबंधन पर चर्चा की. झारखंड के प्रभारी एआईसीसी सचिव सप्तगिरि उलाका ने ईटीवी भारत से कहा, "सीट बंटवारे से पहले ही गठबंधन सरकार की उपलब्धियों को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा था. सत्तारूढ़ गठबंधन ने पिछले कुछ दिनों में गरीबों के हित में कई कदम उठाए हैं और उन्हें प्रचारित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन को अस्थिर करके आदिवासी गौरव को ठेस पहुंचाने की कोशिश की थी, लेकिन हम एकजुट रहे."

वहीं महाराष्ट्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप दिया. राज्य में विशेषकर राजधानी मुंबई और विदर्भ क्षेत्र की कुछ सीटों के बंटवारे को लेकर अटका हुआ था, जहां कांग्रेस वर्षों से मजबूत है. इस संबंध में महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने ईटीवी भारत को बताया, "कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 20 अक्टूबर को होगी. इस दौरान लगभग 60 उम्मीदवारों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है. उसी दिन पहली सूची भी घोषित की जा सकती है." कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है और कुछ दिनों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी. उसके बाद, पूरा ध्यान राज्य भर में संयुक्त अभियान चलाने पर केंद्रित होगा. संदीप ने कहा, "कांग्रेस विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में मजबूत है, जहां हमें कई सीटें जीतने की उम्मीद है. हालांकि विचार यह है कि सभी इंडिया ब्लॉक पार्टनर अलग-अलग क्षेत्रों में एक-दूसरे की ताकत से लाभ उठाएं और मिलकर भाजपा को हराएं."

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : एमवीए ने सीट बंटवारे की प्रक्रिया तय की

नई दिल्ली : कांग्रेस ने चुनावी राज्य महाराष्ट्र और झारखंड में भारतीय ब्लॉक को मजबूत करने के लिए सीटों की मांग को कम करके अपनी रणनीति में बदलाव किया है. रणनीति में यह बदलाव हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए चुनावों में मिली हार के बाद किया गया है, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा था. इसका उद्देश्य भगवा पार्टी का मुकाबला करने के लिए चुनाव वाले राज्यों में सहयोगी दलों को सहज बनाना है.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के नेताओं ने महाराष्ट्र में कुछ महीने पहले 288 सीटों में से 125 सीटों की अपनी मांग को घटाकर 105-110 कर दिया है. साथ ही पार्टी अपने सहयोगी दलों शिवसेना, एनसीपी-एसपी और सपा के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत कर रही है. इसका उद्देश्य न केवल सपा को समायोजित करना था, जो 4 सीटें मांग रही थी, बल्कि शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-सपा दोनों को सकारात्मक संकेत भेजना भी था. झारखंड में, कांग्रेस ने पिछले हफ्तों में हुए परामर्श के दौरान 81 में से 33 सीटों की अपनी मांग को घटाकर 29 करने पर सहमति व्यक्त की थी, जबकि 2019 में उसने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

समझौते के अनुसार, झामुमो को 43 सीटों पर चुनाव लड़ना था, जो 2019 के चुनावों के समान ही था तथा राजद को 2019 में 7 के बजाय 5 सीटें दी गईं जिससे भाकपा-माले को समायोजित किया जा सके, उसे 4 सीटें दी गईं. हालांकि, झामुमो अब पूर्व भाजपा विधायक केदार हाजरा और पूर्व आजसू विधायक चंदन कियारी, जो हाल ही में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए थे, के लिए दो और सीटें मांग रहा था, इससे कांग्रेस नेताओं पर दबाव बढ़ रहा था. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को आदिवासी राज्य के अपने दौरे के दौरान झामुमो नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे को सुलझा सकते हैं.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को सोरेन ने राजद नेता तेजस्वी यादव और भाकपा-माले नेता अरूप चटर्जी और बबलू महतो के साथ गठबंधन पर चर्चा की. झारखंड के प्रभारी एआईसीसी सचिव सप्तगिरि उलाका ने ईटीवी भारत से कहा, "सीट बंटवारे से पहले ही गठबंधन सरकार की उपलब्धियों को मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा था. सत्तारूढ़ गठबंधन ने पिछले कुछ दिनों में गरीबों के हित में कई कदम उठाए हैं और उन्हें प्रचारित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन को अस्थिर करके आदिवासी गौरव को ठेस पहुंचाने की कोशिश की थी, लेकिन हम एकजुट रहे."

वहीं महाराष्ट्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप दिया. राज्य में विशेषकर राजधानी मुंबई और विदर्भ क्षेत्र की कुछ सीटों के बंटवारे को लेकर अटका हुआ था, जहां कांग्रेस वर्षों से मजबूत है. इस संबंध में महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने ईटीवी भारत को बताया, "कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 20 अक्टूबर को होगी. इस दौरान लगभग 60 उम्मीदवारों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है. उसी दिन पहली सूची भी घोषित की जा सकती है." कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है और कुछ दिनों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी. उसके बाद, पूरा ध्यान राज्य भर में संयुक्त अभियान चलाने पर केंद्रित होगा. संदीप ने कहा, "कांग्रेस विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में मजबूत है, जहां हमें कई सीटें जीतने की उम्मीद है. हालांकि विचार यह है कि सभी इंडिया ब्लॉक पार्टनर अलग-अलग क्षेत्रों में एक-दूसरे की ताकत से लाभ उठाएं और मिलकर भाजपा को हराएं."

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