नई दिल्ली : कांग्रेस ने भाजपा सदस्यों द्वारा राहुल गांधी पर लगातार किए जा रहे मौखिक हमलों पर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया और कहा कि इस तरह के हमलों से नेता प्रतिपक्ष को कोई फर्क नहीं पड़ता, जो नफरत के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए पूरे देश में घूमे हैं. कांग्रेस, भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा राहुल गांधी को निशाना बनाए जाने से नाराज थी, क्योंकि हाल ही में राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी सरकार की आलोचना की थी.
भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह द्वारा राहुल गांधी को सार्वजनिक रूप से धमकी देने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ‘आतंकवादी नंबर एक’ करार दिया. जबकि शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता की जीभ काटने वाले को एक लाख रुपये देने का वादा किया. लोकसभा सांसद और पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने ईटीवी भारत से कहा कि रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी टिप्पणियों पर शर्म आनी चाहिए.
राहुल गांधी ने अनुभवहीन होने के बावजूद उन्हें तीन बार सांसद बनाया. उन्होंने कहा कि बिट्टू ने कांग्रेस छोड़ दी और लुधियाना से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में शामिल हो गए, जहां वह मुझसे हार गए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह राहुल गांधी को गाली दे रहे हैं जिनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. हमारे नेता ने अपने परिवार के सदस्यों को खोने का दर्द झेला, लेकिन फिर भी उनके हत्यारों को माफ़ कर दिया. मुझे पता है कि बिट्टू अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह हमें परेशान नहीं करता है, लेकिन इस तरह की टिप्पणी उन्हें देशद्रोही के रूप में दिखाती हैं. वहीं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में राहुल गांधी पर इस तरह के मौखिक हमले देखे हैं. यह एक योजना की तरह लगता है. भाजपा और उनके सहयोगी दल के सदस्य इस तरह की टिप्पणी करने में सक्षम हैं क्योंकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यह प्रधानमंत्री मोदी के मौन समर्थन को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के जनता के नेता हैं और उन्हें एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं.
बिट्टू की टिप्पणी से पता चलता है कि मोदी कैबिनेट में किस तरह के निम्न स्तर के लोग मंत्री बन गए हैं. मैं बिट्टू को सालों से जानता हूं और राहुल गांधी के बारे में उसने जो कहा उससे मैं हैरान हूं. तिवारी ने ईटीवी भारत से कहा कि यह केवल उनका अपमान करता है. पंजाब ने लोकसभा चुनावों में भाजपा को आईना दिखाया, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा है. राहुल गांधी को इस तरह के निशाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. वह देश की उम्मीद हैं और लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे उठा रहे हैं.
इसी क्रम में एआईसीसी पदाधिकारी गुरदीप सिंह सप्पल ने मंत्री रवनीत बिट्टू की आलोचना करते हुए कहा कि मंत्री को राहुल गांधी को आतंकवादी कहने से बचना चाहिए था, क्योंकि उनके दादा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को आतंकवाद के दिनों में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा, 'इस देश को आतंकवाद के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा है और रवनीत बिट्टू को पता होना चाहिए कि इस खतरे से लड़ने के लिए हजारों परिवारों ने बलिदान दिया है.' बिट्टू के दादा को आतंकवादियों ने मार डाला था. राहुल गांधी ने पंजाब में पदयात्रा की और शांति के लिए अमृतसर में सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल स्वर्ण मंदिर में तीन दिनों तक सेवा की. सप्पल ने कहा, 'इस उद्देश्य के लिए वह कश्मीर में भी घूमे थे. ऐसे नेता को आतंकवादी कहना सस्ती बात है. बिट्टू यह सब भगवा पार्टी के नेतृत्व के इशारे पर कर रहे हैं.'
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