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कांग्रेस ने पूर्व पीएम नेहरू को उनकी 60वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी - Nehru death anniversary - NEHRU DEATH ANNIVERSARY

Congress pays tribute to former PM Jawaharlal Nehru: पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आज 60वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शांति वन में उनके स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.

Congress pays tribute to former PM Jawaharlal Nehru
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी (ANI VIDEO)
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By ANI

Published : May 27, 2024, 9:15 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी 60वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली के शांति वन स्थित उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा सांसद अजय माकन ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की.

एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने कहा,' आधुनिक भारत के शिल्पकार, भारत को वैज्ञानिक, आर्थिक, औद्योगिक व विभिन्न क्षेत्रों में आगे ले जाने वाले, लोकतंत्र के समर्पित प्रहरी, स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री व हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू के अतुलनीय योगदान के बिना भारत का इतिहास अधूरा है. 'हिन्द के जवाहर' की पुण्यतिथि पर उन्हें हमारी विनम्र श्रद्धांजलि.

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने कहा था- 'देश की रक्षा, देश की उन्नति, देश की एकता ये हम सबका राष्ट्रीय धर्म है. ये हम अलग अलग धर्म पर चलें, अलग-अलग प्रदेश में रहें, अलग भाषा बोलें, पर उससे कोई दीवार हमारे बीच खड़ी नहीं होनी चाहिए. सब लोगों को उन्नति में बराबर का मौका मिलना चाहिए. हम नहीं चाहते कि हमारे देश में कुछ लोग बहुत बड़े अमीर हों और अधिकतर लोग गरीब हों.' आज भी कांग्रेस पार्टी उसी 'न्याय' के रास्ते पर चल रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज भी कांग्रेस पार्टी 'न्याय' के उसी रास्ते पर चल रही है. उन्होंने कहा, 'जवाहरलाल नेहरू एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने.' नेहरू 16 वर्षों से अधिक समय तक इस पद पर रहे और 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.

उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला. नेहरू को भारत के गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का अग्रदूत माना जाता है. बच्चों के प्रति उनके प्रेम के कारण उन्हें 'चाचा नेहरू' भी कहा जाता है और 14 नवंबर को उनकी जयंती को भारत में हर साल बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें- बच्चों से क्यों लगाव रखते थे चाचा नेहरू, बाल दिवस पर जानिए उनसे जुड़ी रोचक बातें

नई दिल्ली: कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी 60वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली के शांति वन स्थित उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा सांसद अजय माकन ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की.

एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने कहा,' आधुनिक भारत के शिल्पकार, भारत को वैज्ञानिक, आर्थिक, औद्योगिक व विभिन्न क्षेत्रों में आगे ले जाने वाले, लोकतंत्र के समर्पित प्रहरी, स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री व हमारे प्रेरणास्रोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू के अतुलनीय योगदान के बिना भारत का इतिहास अधूरा है. 'हिन्द के जवाहर' की पुण्यतिथि पर उन्हें हमारी विनम्र श्रद्धांजलि.

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने कहा था- 'देश की रक्षा, देश की उन्नति, देश की एकता ये हम सबका राष्ट्रीय धर्म है. ये हम अलग अलग धर्म पर चलें, अलग-अलग प्रदेश में रहें, अलग भाषा बोलें, पर उससे कोई दीवार हमारे बीच खड़ी नहीं होनी चाहिए. सब लोगों को उन्नति में बराबर का मौका मिलना चाहिए. हम नहीं चाहते कि हमारे देश में कुछ लोग बहुत बड़े अमीर हों और अधिकतर लोग गरीब हों.' आज भी कांग्रेस पार्टी उसी 'न्याय' के रास्ते पर चल रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज भी कांग्रेस पार्टी 'न्याय' के उसी रास्ते पर चल रही है. उन्होंने कहा, 'जवाहरलाल नेहरू एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने.' नेहरू 16 वर्षों से अधिक समय तक इस पद पर रहे और 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.

उनके बाद लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला. नेहरू को भारत के गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का अग्रदूत माना जाता है. बच्चों के प्रति उनके प्रेम के कारण उन्हें 'चाचा नेहरू' भी कहा जाता है और 14 नवंबर को उनकी जयंती को भारत में हर साल बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

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