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यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी से कांग्रेस हैरान, कदाचार के आरोपों की जांच की मांग - UPSC Chairman Resignation

Congress on UPSC Chairman Manoj Soni Resignation: प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की जांच और कई अन्य मामलों में भी परीक्षा की पवित्रता पर सवाल के बीच यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनीके इस्तीफे से कांग्रेस हैरान है.

Congress on UPSC Chairman Manoj Soni Resignation
यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी - पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Jul 20, 2024, 11:05 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन मनोज सोनी के अचानक इस्तीफे पर चिंता जताई है और मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट को मामले की जांच करनी चाहिए. दरअसल, भर्ती परक्षी आयोजित करने वाली देश की शीर्ष संस्था यूपीएससी पर कदाचार के आरोप लगे हैं.

मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 तक था, लेकिन पांच साल पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2022 में सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि यूपीएससी में भाजपा और आरएसएस का हस्तक्षेप है. सोनी के इस्तीफे से कांग्रेस भी हैरान है, क्योंकि यह यूपीएससी द्वारा प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की जांच और कई अन्य मामलों में भी परीक्षा की पवित्रता से समझौता किए जाने के आरोपों के बीच आया है.

पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है. यूपीएससी की परीक्षा प्रणाली खत्म होती दिख रही है. हाल के दिनों में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं और अब चेयरमैन ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वह कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं, लेकिन इससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो गया है. मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस मामले में कोई जांच कराएगी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को खुद से संज्ञान लेना चाहिए और मामले की जांच करनी चाहिए. ताकि शीर्ष भर्ती परीक्षा निकाय की पवित्रता बहाल हो सके.

उन्होंने कहा कि सिविल सेवा को देश को चलाने वाला मजबूत तंत्र (स्टील फ्रेम) कहा जाता है और अगर इस प्रणाली की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है. लाखों छात्र प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन केवल मुट्ठी भर ही सफल हो पाते हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सिविल सेवक अजय कुमार ने भी यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी और ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी अजय कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जब भी हम सरकार से सवाल करते हैं, तो वे मीडिया में एक नई कहानी प्रसारित करना शुरू कर देते हैं. पूजा खेडकर को मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर कैसे भर्ती किया गया. मैंने भी यूपीएससी परीक्षा दी है. यूपीएससी में या तो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या जीबी पंत अस्पताल का मेडिकल सर्टिफिकेट स्वीकार्य था. यह यूपीएससी का मानक नियम था.

उन्होंने कहा, मैं आपको बता रहा हूं, आपको पता चल जाएगा कि आरएसएस-बीजेपी गठबंधन क्या धोखाधड़ी कर रहा है. आप सभी रिश्तेदारों के साक्षात्कार के अंक देखें, जिसमें वह सज्जन भी शामिल हैं जो अभी लोकसभा में हैं. सभी राजनेताओं के रिश्तेदारों के सभी अंक जान सकते हैं और यह आरटीआई के तहत उपलब्ध है. उन्हें आपको भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के सभी रिश्तेदारों के इंटरव्यू के अंक देने होंगे और आप देखेंगे कि उन्होंने किस तरह से सिस्टम में हेराफेरी की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि संस्थाओं में अनुचित हस्तक्षेप के जरिए व्यवस्था को खोखला किया जा रहा है.

कुमार ने कहा कि जब आईएएस और आईपीएस सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर क्या बचा है. राहुल गांधी संस्थाओं में हस्तक्षेप की बात करते रहे हैं. अगर आप ऐसे नामों की सूची बना लें, तो आपको पता चल जाएगा कि किस तरह के आईएएस और आईपीएस अधिकारी चुने जा रहे हैं और कैसे व्यवस्था खोखली होती जा रही है. एक ही परीक्षा थी जिस पर हम सब भरोसा करते थे और भाजपा की वजह से अब वह भी खत्म हो गई है.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि ऐसे समय में जब देश की शीर्ष भर्ती संस्था यूपीएससी प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर प्रकरण के बाद जांच के घेरे में है, इसके संस्था के चेयरमैन मनोज सोनी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा वर्ष 2029 में उनके कार्यकाल की समाप्ति से पांच साल पहले है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार आरएसएस द्वारा नियुक्त लोगों द्वारा भारतीय संस्थाओं को खोखला किए जाने का मुद्दा उठाते रहे हैं.

यह भी पढ़ें- UPSC चेयरमैन मनोज सोनी ने दिया इस्तीफा, बताई यह वजह, अभी बचा है इतना कार्यकाल

नई दिल्ली: कांग्रेस ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के चेयरमैन मनोज सोनी के अचानक इस्तीफे पर चिंता जताई है और मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट को मामले की जांच करनी चाहिए. दरअसल, भर्ती परक्षी आयोजित करने वाली देश की शीर्ष संस्था यूपीएससी पर कदाचार के आरोप लगे हैं.

मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 तक था, लेकिन पांच साल पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2022 में सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि यूपीएससी में भाजपा और आरएसएस का हस्तक्षेप है. सोनी के इस्तीफे से कांग्रेस भी हैरान है, क्योंकि यह यूपीएससी द्वारा प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर की उम्मीदवारी की जांच और कई अन्य मामलों में भी परीक्षा की पवित्रता से समझौता किए जाने के आरोपों के बीच आया है.

पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है. यूपीएससी की परीक्षा प्रणाली खत्म होती दिख रही है. हाल के दिनों में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं और अब चेयरमैन ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वह कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं, लेकिन इससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो गया है. मुझे नहीं लगता है कि सरकार इस मामले में कोई जांच कराएगी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को खुद से संज्ञान लेना चाहिए और मामले की जांच करनी चाहिए. ताकि शीर्ष भर्ती परीक्षा निकाय की पवित्रता बहाल हो सके.

उन्होंने कहा कि सिविल सेवा को देश को चलाने वाला मजबूत तंत्र (स्टील फ्रेम) कहा जाता है और अगर इस प्रणाली की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है. लाखों छात्र प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन केवल मुट्ठी भर ही सफल हो पाते हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सिविल सेवक अजय कुमार ने भी यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी और ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी अजय कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जब भी हम सरकार से सवाल करते हैं, तो वे मीडिया में एक नई कहानी प्रसारित करना शुरू कर देते हैं. पूजा खेडकर को मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर कैसे भर्ती किया गया. मैंने भी यूपीएससी परीक्षा दी है. यूपीएससी में या तो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या जीबी पंत अस्पताल का मेडिकल सर्टिफिकेट स्वीकार्य था. यह यूपीएससी का मानक नियम था.

उन्होंने कहा, मैं आपको बता रहा हूं, आपको पता चल जाएगा कि आरएसएस-बीजेपी गठबंधन क्या धोखाधड़ी कर रहा है. आप सभी रिश्तेदारों के साक्षात्कार के अंक देखें, जिसमें वह सज्जन भी शामिल हैं जो अभी लोकसभा में हैं. सभी राजनेताओं के रिश्तेदारों के सभी अंक जान सकते हैं और यह आरटीआई के तहत उपलब्ध है. उन्हें आपको भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के सभी रिश्तेदारों के इंटरव्यू के अंक देने होंगे और आप देखेंगे कि उन्होंने किस तरह से सिस्टम में हेराफेरी की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि संस्थाओं में अनुचित हस्तक्षेप के जरिए व्यवस्था को खोखला किया जा रहा है.

कुमार ने कहा कि जब आईएएस और आईपीएस सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर क्या बचा है. राहुल गांधी संस्थाओं में हस्तक्षेप की बात करते रहे हैं. अगर आप ऐसे नामों की सूची बना लें, तो आपको पता चल जाएगा कि किस तरह के आईएएस और आईपीएस अधिकारी चुने जा रहे हैं और कैसे व्यवस्था खोखली होती जा रही है. एक ही परीक्षा थी जिस पर हम सब भरोसा करते थे और भाजपा की वजह से अब वह भी खत्म हो गई है.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि ऐसे समय में जब देश की शीर्ष भर्ती संस्था यूपीएससी प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर प्रकरण के बाद जांच के घेरे में है, इसके संस्था के चेयरमैन मनोज सोनी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा वर्ष 2029 में उनके कार्यकाल की समाप्ति से पांच साल पहले है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार आरएसएस द्वारा नियुक्त लोगों द्वारा भारतीय संस्थाओं को खोखला किए जाने का मुद्दा उठाते रहे हैं.

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