जयपुर. बीते 10 साल से 'मैं आई माय सेल्फ' हो रहा है, जो किसी इंडिविजुअल व्यक्ति से जुड़ा है. ऐसे में अब आप विपक्ष को वोट दीजिए. जब सरकार में आएंगे, तब विपक्ष के नेता के बारे में बताएंगे. ये बातें कांग्रेस नेता व सांसद शशि थरूर ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में डेमोक्रेसी पर आधारित सेशन में अपनी बातें रखने के दौरान कही. आगे उन्होंने देश की संवैधानिक संस्थाओं की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए ईडी, सीबीआई को रबर स्टांप करार दिया. साथ ही कहा कि पहले 80 फीसदी बिल संसदीय समिति के पास जाते थे, लेकिन 2014 के बाद 16 फीसदी जाने लगे और सरकार के दूसरे टेन्योर में तो और भी कम हो गए.
विपक्ष के नेता के सवाल पर बोले थरूर : जेएलएफ के चारबाग में हुए सत्र में शशि थरूर के साथ ही इंद्रजीत राय भी मौजूद रहे, जिनके साथ निधि राजदान ने बात की. इस दौरान शशि थरूर ने डेमोक्रेसी को लेकर कहा कि जिस डेमोक्रेसी को सही तरह से लागू करने के लिए पिछली सरकारों ने काफी मेहनत की, लेकिन अब हालात बदल गए है. वहीं, एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि आप विपक्ष को बहुमत दीजिए. इसके बाद हमारा नेता कौन होगा, ये बता देंगे.
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संसद में विपक्ष को बोलने तक नहीं दिया जाता : इस दौरान थरूर ने न्यायपालिका और मीडिया पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मीडिया केवल सरकार का नेरेटिव सेट करने का काम कर रही है. सीएए को लेकर देश में बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ. दिल्ली के शाहीन बाग जाने वाले वो खुद पहले नेता थे. भारत रत्न अंबेडकर ने देश को संविधान दिया, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद विपक्ष के नेताओं को संसद में बोलने का मौका तक नहीं दिया जा रहा. वो यहां एक नेता का नाम लेकर विवाद खड़ा नहीं करना चाहता है.
विपक्ष को वोट कीजिए : हमारे पास पार्लियामेंट्री सिस्टम है, जो काफी खराब है. हमारा पार्लियामेंट्री सिस्टम प्रेसिडेंशियली चलाया जा रहा है, जो डेमोक्रेटिक संस्थान के लिए सही नहीं है. 2014 में चुनाव का स्लोगन 'मैं नहीं हम' होना चाहिए था, लेकिन बीते 10 साल में 'मैं आई माय सेल्फ' हो रहा है, जो किसी इंडिविजुअल व्यक्ति से जुड़ा है. हालांकि, इस पर नहीं जाना चाहेंगे कि उन्होंने सभी समस्याओं को खत्म किया या नहीं, लेकिन इन सब के बीच में अल्टरनेटिव लीडरशिप को भी मौका मिलना चाहिए. जहां एक्सपीरियंस्ड क्वालीफाई लीडर मौजूद हैं, जो आपको इंसानियत के साथ सुनेंगे. अपने बारे में नहीं, आपके बारे में बात करेंगे. आप की क्या समस्या है और क्या जरूरत है? हालांकि, इस पर मॉडरेटर ने पूछा कि ये सब इंडिया गठबंधन में कैसे चलेगा, जिस पर थरूर ने कहा कि ये ही एकमात्र तरीका है. अगर आपके पास वोट करने के लिए उपयुक्त कोई नहीं है तो विपक्ष को वोट करके देखिए.
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इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में बहुत सारी पॉलिटिकल पार्टियां हैं, जो हर राज्य के हिसाब से चल रही हैं. इसी बात से डर लगता है कि देश किस तरह से चल रहा है, क्योंकि हर राज्य की अपनी राजनीति है और अपना इतिहास है. जिस तरह से उनके राज्य केरल और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में है. वहां एक जैसी पॉलिटिकल पार्टियां हैं, लेकिन दोनों की अलग-अलग राजनीति है.