गांधीनगर: गुजरात विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र का आज आखिरी दिन था. सत्र के आखिरी दिन सदन में हंगामा में जमकर हंगामा हुआ. वडगाम से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने राजकोट जिले के जसदण में बच्ची से दुष्कर्म की घटना सदन में उठाई तो हंगामा मच गया. बहस के दौरान हंगामा करने और सदन के वेल में घुसने के लिए स्पीकर शंकर चौधरी के निर्देश पर मेवाणी को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया.
दरअसल, गुजरात पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की जब्ती पर सदन में बहस चल रही थी. इस दौरान मेवाणी ने खड़े होकर भाजपा सरकार को दुष्कर्म जैसे अन्य 'ज्वलंत' मुद्दों पर बहस करने की चुनौती दी. गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मेवाणी वेल में आ गए और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को राजकोट गेम जोन अग्निकांड, मोरबी पुल हादसा और वडोदरा नाव हादसे जैसी घटनाओं पर लाइव टेलीविजन पर बहस करने की चुनौती दी.
स्पीकर ने कांग्रेस विधायक मेवाणी से संसदीय परंपरा और शिष्टाचार बनाए रखने का अनुरोध किया, लेकिन मेवाणी अपनी सीट के पास खड़े होकर जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस की मांग करते रहे और वेल में चले गए. जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया.
स्पीकर शंकर चौधरी के मेवाणी के व्यवहार की निंदा की
मेवाणी के व्यवहार की निंदा करते हुए स्पीकर शंकर चौधरी ने कहा कि कांग्रेस विधायक ने अपने संसदीय व्यवहार से संविधान का अपमान किया है. भाजपा विधायक रमनलाल वोरा, जीतू वघानी और मंत्री रुशिकेश पटेल ने भी मेवाणी के व्यवहार की निंदा की और इसे अस्वीकार्य बताया. भाजपा नेताओं ने कहा कि मेवाणी केवल मीडिया कवरेज पाने के लिए ऐसा करते हैं.
15 दिनों में 850 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं बरामद
वहीं, मादक पदार्थों की जब्ती पर चर्चा के दौरान संघवी ने सदन को बताया कि पुलिस ने पिछले 15 दिनों में गुजरात के समुद्री तट से 850 करोड़ रुपये की लावारिस नशीली दवाएं बरामद की हैं. मंत्री ने कहा कि पुलिस की कड़ी निगरानी के कारण तस्करों द्वारा समुद्र में फेंके जाने के बाद नशीली दवाओं के पैकेट बहकर किनारे आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों के व्यापार में शामिल 431 लोगों को गिरफ्तार किया और 5,640 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त कीं.
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