पटना: इस साल बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है. जिस तरह से हाल के दिनों में इंडिया गठबंधन के चेहरे लेकर बहस छिड़ी हुई है, वैसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आज के पटना दौरे पर सबकी नजर रहेगी. वह बापू सभागार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके बाद सदाकत आश्रम में भी वह कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. चर्चा इस बात की भी है कि क्या राहुल आज लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलेंगे?
लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का पटना दौरा: राहुल गांधी 23 जून 2023 को पटना में आयोजित विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल होने के लिए पटना आए थे. हालांकि लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी कई चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए बिहार आए थे. 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद वे फिर से किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना आ रहे हैं. राहुल गांधी के पटना दौरे को लेकर यह सवाल उठ रहा कि क्या इस दौरे में लालू प्रसाद और राहुल गांधी की मुलाकात होगी या नहीं?
आज आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक: 18 जनवरी को राजधानी पटना में दो बड़े राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं. राहुल गांधी का बापू सभागार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन और सदाकत आश्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं का संबोधन होना है. वहीं आज ही पटना के होटल मौर्या में राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक होनी है. जिसमें लालू यादव, तेजस्वी यादव समेत तमाम बड़े नेता शामिल होंगे. इस बैठक में 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी की तरफ से घोषणा की जा सकती है.
आरजेडी और कांग्रेस में कैसा संबंध?: भले ही लालू प्रसाद ने कांग्रेस विरोध से अपने राजनीति की शुरुआत की हो लेकिन 1998 के बाद कांग्रेस और आरजेडी के संबंध खट्टे मीठे रहे हैं. 2000 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और आरजेडी की दोस्ती अभी तक चल रही है. एक समय यह कहा जा रहा था कि आरजेडी और कांग्रेस की दोस्ती सबसे भरोसेमंद साथी के रूप में होती रही है. यूपीए-1 की सरकार में लालू यादव की गिनती सबसे ताकतवर मंत्री के रूप में होती थी.
राहुल और लालू के राजनीतिक संबंध: राहुल गांधी और लालू यादव के बीच में कई मौकों पर मधुर संबंध देखने को मिले हैं. 23 जून 2023 को पटना में महागठबंधन की पहली बैठक हुई थी. नीतीश कुमार के बुलावे पर अनके विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे. इसी बैठक के बाद प्रेस वार्ता में राहुल को शादी करने का ऑफर किया था. यहां तक कि वे बारात में जाने की भी बात कही थी. 2 सितंबर 2023 को राहुल के साथ मीसा भारती के आवास पर चंपारण मटन बनाते दिखे. हालांकि लोकसभा चुनाव परिणाम अनुकूल नहीं होने के बाद इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच आपस में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई.
इंडिया गठबंधन में विवाद: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ इंडिया गठबंधन बनाया. हालांकि इस गठबंधन की नींव बिहार की राजधानी पटना में ही पड़ी थी. नीतीश कुमार के बुलावे पर देश के अनेक विपक्षी दल के नेता पटना में एकजुट हुए थे. विपक्षी दलों के गठबंधन में मुख्य भूमिका के रूप में लालू यादव भी बड़े चेहरे के रूप में दिखे. विपक्ष के चेहरा के तौर पर राहुल गांधी को सामने रखा गया लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद धीरे-धीरे विपक्षी दलों के गठबंधन की गांठ ढीली होने लगी.
कांग्रेस और आरजेडी में मतभेद!: कई दल अब विपक्षी दलों के गठबंधन के औचित्य पर ही सवाल उठने लगे हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरजेडी का आम आदमी पार्टी को 'समर्थन' इस मतभेद को और आगे बढ़ाता है. वहीं, तेजस्वी यादव का वह बयान भी सुर्खियों में रहा कि इंडिया गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बना था. तेजस्वी के बयान के बाद बिहार में इंडिया गठबंधन या महागठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे.
दिल्ली में आप को समर्थन: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया. खुद तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा करते हुए यहां तक कह दिया था कि इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था. तेजस्वी ने इंडिया गठबंधन पर भी सवाल उठा दिए थे लेकिन कांग्रेस की नाराजगी के बाद तेजस्वी ने अपने बयान से यू टर्न लिया और उन्होंने कहा था कि बिहार में महागठबंधन पहले से ही मजबूत है और एक साथ चुनाव लड़कर यहां सरकार बनाएगी.
लालू-राहुल की मुलाकात की संभवना कम: बिहार प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि राहुल गांधी एक सिविल सोसाइटी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना आ रहे हैं. इसी कार्यक्रम के बीच में उन्होंने एक घंटे का समय सदाकत आश्रम के लिए निकला है. राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव के बीच मुलाकात के सवाल पर उनका कहना था कि दोनों बड़े नेता हैं, कभी भी मुलाकात हो सकती है.
"राहुल गांधी जी और लालू यादव जी बड़े नेता हैं. दोनों नेता जब चाहेंगे, मुलाकात हो जाएगी. वैसे राहुल गांधी के मिनट टू मिनट का कार्यक्रम अभी नहीं आया है लेकिन जितनी देर के लिए राहुल जी पटना आ रहे हैं. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की संभावना कम दिख रही है."- राजेश राठौड़, प्रवक्ता, बिहार कांग्रेस
'इंडिया गठबंधन बिहार में मजबूत': राजेश राठौर का कहना है कि आरजेडी और कांग्रेस की दोस्ती बहुत पुरानी है. बिहार में इंडिया गठबंधन अटूट है. राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में यह अलग रूप है लेकिन राज्य में पूरी मजबूती के साथ आगामी विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेगी. बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के रिश्ते को लेकर तेजस्वी यादव ने भी तय कर दिया है कि उनका गठबंधन यहां रहेगा.
क्या बोले आरजेडी प्रवक्ता?: पटना में राहुल गांधी के कार्यक्रम को लेकर आरजेडी का कहना है कि यह कांग्रेस का अपना कार्यक्रम है. प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि जिस संविधान बढ़ाने की मुहिम को लेकर राहुल गांधी आ रहे हैं, इस संविधान बचाने को लेकर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव लगातार बिहार में मुहिम चला रहे हैं. बिहार में लालू यादव के रहते हुए कोई भी संवैधानिक व्यवस्था पर चोट नहीं पहुंचा सकता.
"राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव की मुलाकात दो बड़े नेताओं की आपसी सहमति का मामला है. यदि राहुल गांधी लालू जी से मिलना चाहते हैं तो वह मिल सकते हैं लेकिन आज ही राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी बैठक है. इस कार्यक्रम के कारण लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव व्यस्त रहेंगे लेकिन यदि राहुल जी चाहेंगे कि इन दोनों नेताओं से मिले तो वह इसे मिल सकते हैं."- एजाज अहमद, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल
क्या कहते हैं जानकार?: वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के अंदर इंडिया गठबंधन के भीतर आपसी और सहमति सामने आ रही है. यह गठबंधन अब टूट की कगार पर चलने लगा है. राहुल गांधी पटना आ रहे हैं लेकिन इस यात्रा में लालू प्रसाद यादव और राहुल गांधी की मुलाकात की संभावना बहुत कम है, क्योंकि उसी दिन आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है. वह कहते हैं कि संभव है कि जानबूझकर किसी राजनीति के तहत दोनों कार्यक्रम एक दिन तय किए गए हैं.
कांग्रेस जमीनी स्तर पर कांग्रेस कमजोर: सुनील पांडेय का कहना है कि लालू प्रसाद और राहुल गांधी की निकटता कई बार सामने आ चुकी है. कभी लालू यादव उनकी शादी तय करवा रहे थे तो कभी मटन की रेसिपी समझ रहे थे. सब कुछ हंसी खुशी चल रहा था लेकिन यह स्थिति अब दोनों दलों के नेताओं के बीच नहीं है. बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों राजनीतिक दल एक दूसरे को बार्गेन कर रहे हैं. राहुल गांधी के इस दौर से कई चीजें स्पष्ट हो जाएगी.
"बिहार विधानसभा के होने वाले चुनाव में दोनों दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस की ताकत के साथ बिहार में चुनाव लड़ेगी इस बात को लेकर अभी भी सांसद है क्योंकि कांग्रेस की बिहार में स्थिति उतनी मजबूत नहीं है. भले ही सड़कों पर बैनर और पोस्टर दिख रहे हो लेकिन जमीनी स्तर पर कांग्रेस का संगठन कहीं नहीं दिख रहा. राजद के साथ चुनाव मिलकर लड़ती है तो उसको कुछ राजनीतिक लाभ मिल जाता है लेकिन उसे स्थिति में भी अपर हैंड लालू प्रसाद यादव का ही रहेगा"- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
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