नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता सामाजिक कल्याण की गारंटी, बदलाव और मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के साथ सकारात्मक अभियान पर भरोसा कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव के पहले चरण में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. पहले चरण के लिए बुधवार को शाम पांच बजे प्रचार अभियान थम गया और शुक्रवार 19 अप्रैल को 102 सीटों पर वोटिंग होगी. कांग्रेस इस चरण में करीब 50 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
महाराष्ट्र के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हमारा प्रचार अभियान सकारात्मक रहा है. हमने अपने घोषणापत्र में 25 सामाजिक गारंटी का वादा किया है, जो देश में बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं का समाधान करेगी. लोगों से हमारे अभियान को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. इसके उलट, भाजपा के घोषणापत्र के बारे में जनता के बीच बहुत कम चर्चा हो रही है. सच्चाई यह है कि मोदी सरकार के 10 वर्षों के बाद लोग भाजपा की नीतियों से नाराज हैं, इससे भी हमें मदद मिल रही है. हमें उम्मीद है कि हम पहले चरण में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस लोकसभा चुनाव में रैलियों और रोड शो के पारंपरिक तरीके और प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से अपना अभियान चला रही है. पिछले दो हफ्तों में, देश की सबसे पुरानी पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहले चरण की कई सीटों पर चुनावी रैली और रोड शो किया और अभियान को सकारात्मक बनाए रखा.
आशीष दुआ ने कहा कि हमारे मुद्दे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं. हमने अपनी राज्य सरकारों के ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर चुनावी वादे किए हैं, जिन्होंने सामाजिक गारंटी को सफलतापूर्वक लागू किया है. कांग्रेस महासचिव के अनुसार, कथित टैक्स मामले में आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस के बैंक खातों को सील करने से उत्पन्न संसाधन संकट सबसे पुरानी पार्टी के लिए वरदान साबित हुआ. दुआ ने कहा कि संसाधनों की कमी के कारण हमें मतदाताओं तक अपना घोषणापत्र पहुंचाने के लिए घर-घर जाकर अभियान का सहारा लेना पड़ा. हमारे उम्मीदवारों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं के साथ-साथ घर-घर जाकर प्रचार भी किया. ये कदम हमारे लिए कम लागत वाले और प्रभावी विकल्प साबित हुए.
सामाजिक कल्याण गारंटी के अलावा, कांग्रेस प्रचार अभियान ने ईवीएम और चुनावी बॉन्ड योजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठा रही है. कांग्रेस इस बात को उजागर कर रही है कि मतदाता बदलाव चाहते हैं. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों ने अपने चुनावी भाषणों और बयानों में ईवीएम की भूमिका पर चिंता व्यक्त की.
गुजरात के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव बीएम संदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि हाल ही में एक इंटरव्यू में, पीएम मोदी ने चुनावी बॉन्ड से चुनावी फंडिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाने का श्रेय लेने की कोशिश की. मैं केवल यह बताना चाहता हूं कि चुनावी बॉन्ड योजना को जानबूझकर अपारदर्शी बनाया गया था. पारदर्शिता के बारे में यह सारी चर्चा तब शुरू हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को असंवैधानिक घोषित कर दिया और एसबीआई को दाताओं और प्राप्तकर्ताओं से संबंधित डेटा जारी करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अदालत के आदेश बाद भी एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड का डेटा जारी करने में देरी करने की कोशिश की थी. वे इसे चुनाव के बाद देना चाहते थे.
संदीप कुमार ने कहा कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन का समन्वय कर रही है. पहले चरण में पूरे अभियान के दौरान हमारे नेताओं ने विपक्षी गठबंधन को आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ रहा है.
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