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प्रियंका गांधी के लोकसभा भाषण में पहले भाषण से कांग्रेस उत्साहित - PRIYANKA GANDHI LOK SABHA SPEECH

हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीतीं प्रियंका गांधी ने पहले लोकसभा भाषण में सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोला.

Priyanka Gandhi address in Lok Sabha
लोकसभा में प्रियंका गांधी का संबोधन (संसद टीवी)
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By Amit Agnihotri

Published : 4 hours ago

Updated : 44 minutes ago

नई दिल्ली : कांग्रेस ने लोकसभा में प्रियंका गांधी के पहले भाषण की सराहना करते हुए कहा कि पहली बार सांसद बनने के नाते उनका संयम और सत्ता पक्ष पर तीखा हमला इस बात का संकेत है कि इस पुरानी पार्टी में लोगों की एक शक्तिशाली आवाज उभर रही है.

एआईसीसी पदाधिकारी और छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने पर एक बहस के दौरान वायनाड सांसद के बोलने के तुरंत बाद ईटीवी भारत को बताया, "वह पहली बार के लिए बहुत प्रभावशाली थीं. वह आत्मविश्वास से भरी थीं, उनमें धैर्य था और उन्होंने तथ्यों के आधार पर सत्ता पक्ष पर तीखा हमला किया और प्रमुख मुद्दों को नहीं छोड़ा." उन्होंने कहा, "मुझे खास तौर पर वह बात पसंद आई जिसमें राजा को भेस पसंद था, लेकिन वह किसी भी तरह की आलोचना सुनने को तैयार नहीं थे.

उन्होंने संविधान को बचाने की जरूरत को भी बहुत अच्छे से व्यक्त किया." प्रियंका ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की है, लेकिन वह पिछले एक दशक से विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करती रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह कांग्रेस के भीतर लोगों की एक शक्तिशाली आवाज के रूप में उभरीं और निश्चित रूप से सदन में पार्टी की उपस्थिति में इजाफा करेंगी." सिंह देव ने कहा, "वह उन कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेंगी जो हाल ही में तीन राज्यों में हुए चुनावी नतीजों से थोड़े निराश हैं. हरियाणा में खासकर हम सभी के लिए यह वाकई चौंकाने वाला था."

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, प्रियंका ने संविधान के मुद्दे पर एनडीए को कड़ा संदेश दिया. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चुनावी राजनीति में प्रियंका के प्रवेश से कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी है क्योंकि वह कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए लड़ने के लिए जानी जाती हैं." उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने देश भर में हो रही सभी घटनाओं के बारे में बात की, जिसमें भाजपा से संविधान को खतरा और संभल में हाल की सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है.

महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने संदेश दिया कि कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी. वह लंबे समय से संसद के बाहर इन मुद्दों पर बात करती रही हैं, लेकिन आज उन्होंने सदन के अंदर बात की, जिससे यह भाषण महत्वपूर्ण हो गया.'' उन्होंने कहा, "इसके अलावा, वह एक स्वाभाविक वक्ता हैं और हिंदी में उनकी धाराप्रवाहता निश्चित रूप से सदन के अंदर कांग्रेस की ताकत बढ़ाएगी और भगवा पार्टी के लिए एक प्रभावी जवाब होगी." संदीप के अनुसार, कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है और चुनावी जीत या हार से अप्रभावित होकर उसने अपना काम जारी रखा है.

उन्होंने कहा, "कांग्रेस कभी भी चुनाव में हार से निराश नहीं होती और जीत के बाद कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होती. हम अपना काम करते रहते हैं और लोगों के मुद्दे उठाते रहते हैं. कांग्रेस के दोनों नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे उठाते रहे हैं." पिछले दिनों प्रियंका ने सत्तारूढ़ पार्टी के आचरण पर सवाल उठाया था क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया था कि संसद के दोनों सदनों को संबंधित आसनों द्वारा जानबूझकर तुच्छ मुद्दों पर स्थगित किया जा रहा है, ऐसे समय में जब पूरा विपक्ष दबाव वाले मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है. संदीप ने कहा, "यह थोड़ा अजीब है कि सरकार बहस से बच रही थी, लेकिन सदन में व्यवधान के लिए विपक्ष को दोषी ठहरा रही थी."

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पहले लोकसभा भाषण के दौरान महिला देवी शक्ति का प्रतिनिधित्व किया और कहा कि उन्होंने वंचितों, मूक कार्यकर्ता, कोमल देखभाल करने वाले और भयंकर योद्धा के लिए बात की.

ये भी पढ़ें- लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला भाषण, बोलीं- 'एक ही व्यक्ति को क्यों दिए जा रहे सारे संसाधन, देश फिर उठेगा'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने लोकसभा में प्रियंका गांधी के पहले भाषण की सराहना करते हुए कहा कि पहली बार सांसद बनने के नाते उनका संयम और सत्ता पक्ष पर तीखा हमला इस बात का संकेत है कि इस पुरानी पार्टी में लोगों की एक शक्तिशाली आवाज उभर रही है.

एआईसीसी पदाधिकारी और छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने पर एक बहस के दौरान वायनाड सांसद के बोलने के तुरंत बाद ईटीवी भारत को बताया, "वह पहली बार के लिए बहुत प्रभावशाली थीं. वह आत्मविश्वास से भरी थीं, उनमें धैर्य था और उन्होंने तथ्यों के आधार पर सत्ता पक्ष पर तीखा हमला किया और प्रमुख मुद्दों को नहीं छोड़ा." उन्होंने कहा, "मुझे खास तौर पर वह बात पसंद आई जिसमें राजा को भेस पसंद था, लेकिन वह किसी भी तरह की आलोचना सुनने को तैयार नहीं थे.

उन्होंने संविधान को बचाने की जरूरत को भी बहुत अच्छे से व्यक्त किया." प्रियंका ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की है, लेकिन वह पिछले एक दशक से विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करती रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वह कांग्रेस के भीतर लोगों की एक शक्तिशाली आवाज के रूप में उभरीं और निश्चित रूप से सदन में पार्टी की उपस्थिति में इजाफा करेंगी." सिंह देव ने कहा, "वह उन कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेंगी जो हाल ही में तीन राज्यों में हुए चुनावी नतीजों से थोड़े निराश हैं. हरियाणा में खासकर हम सभी के लिए यह वाकई चौंकाने वाला था."

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, प्रियंका ने संविधान के मुद्दे पर एनडीए को कड़ा संदेश दिया. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चुनावी राजनीति में प्रियंका के प्रवेश से कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी है क्योंकि वह कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए लड़ने के लिए जानी जाती हैं." उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने देश भर में हो रही सभी घटनाओं के बारे में बात की, जिसमें भाजपा से संविधान को खतरा और संभल में हाल की सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है.

महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने संदेश दिया कि कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी. वह लंबे समय से संसद के बाहर इन मुद्दों पर बात करती रही हैं, लेकिन आज उन्होंने सदन के अंदर बात की, जिससे यह भाषण महत्वपूर्ण हो गया.'' उन्होंने कहा, "इसके अलावा, वह एक स्वाभाविक वक्ता हैं और हिंदी में उनकी धाराप्रवाहता निश्चित रूप से सदन के अंदर कांग्रेस की ताकत बढ़ाएगी और भगवा पार्टी के लिए एक प्रभावी जवाब होगी." संदीप के अनुसार, कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है और चुनावी जीत या हार से अप्रभावित होकर उसने अपना काम जारी रखा है.

उन्होंने कहा, "कांग्रेस कभी भी चुनाव में हार से निराश नहीं होती और जीत के बाद कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होती. हम अपना काम करते रहते हैं और लोगों के मुद्दे उठाते रहते हैं. कांग्रेस के दोनों नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दे उठाते रहे हैं." पिछले दिनों प्रियंका ने सत्तारूढ़ पार्टी के आचरण पर सवाल उठाया था क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया था कि संसद के दोनों सदनों को संबंधित आसनों द्वारा जानबूझकर तुच्छ मुद्दों पर स्थगित किया जा रहा है, ऐसे समय में जब पूरा विपक्ष दबाव वाले मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है. संदीप ने कहा, "यह थोड़ा अजीब है कि सरकार बहस से बच रही थी, लेकिन सदन में व्यवधान के लिए विपक्ष को दोषी ठहरा रही थी."

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने पहले लोकसभा भाषण के दौरान महिला देवी शक्ति का प्रतिनिधित्व किया और कहा कि उन्होंने वंचितों, मूक कार्यकर्ता, कोमल देखभाल करने वाले और भयंकर योद्धा के लिए बात की.

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Last Updated : 44 minutes ago
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