वाराणसी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर शुक्रवार को ही यूपी में प्रवेश कर गए थे. शनिवार की सुबह यात्रा वाराणसी पहुंची. यहां राहुल गांधी सबसे पहले सर्व सेवा संघ आश्रम गए और किसान नेता योगेंद्र यादव से मुलाकात की. इसके बाद उनका कारवां वाराणसी की सड़कों की ओर बढ़ चला.
राहुल गांधी को बनारस में मिला अपार समर्थन: यात्रा में राहुल गांधी को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है. इस बीच उनका कारवां जब काशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ पहुंचा तो राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. महंत पंडित राजेंद्र तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि राहुल गांधी ने षोडशोपचार विधि से पूजन किया है. इस विधि में 16 प्रकार के पूजन सामग्रियों को मंत्रों के साथ भगवान को अर्पित किया जाता है. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने देश में एकजुटता, भाईचारे और भारत जोड़ने का संकल्प लिया है.
राहुल गांधी ने महंत से की बात: राजेंद्र तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने उनसे देश के वर्तमान हालात और धर्म को लेकर दो हिस्से में इसे बांटे जाने पर गंभीर चिंता भी व्यक्त की. महंत ने बताया कि राहुल गांधी ने धर्म को एक बहुत बड़ा विषय बताया. कहा कि यह एक बड़ा विषय है. इस पर मैं आपसे बातचीत भी करना चाहता हूं.
काशी के महंत को राहुल गांधी ने दिल्ली आने का दिया न्योता: उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने उन्हें दिल्ली आने का न्योता दिया है. दिल्ली बुलाकर मुझसे बातचीत भी करना चाह रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने पर्सनल सेक्रेटरी से मेरा नंबर भी नोट करने के लिए कहा. पंडित राजेंद्र तिवारी का कहना है कि राहुल गांधी ने विधिवत दर्शन पूजन करने के साथ ही बाबा विश्वनाथ को नमन किया और वहां से रवाना हुए हैं.
कोई बाहरी पूजा नहीं करवा सकताः विश्वनाथ मंदिर में महंत राजेंद्र तिवारी के द्वारा पूजा पाठ कराए जाने को लेकर विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने एक पत्र जारी किया है. विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से जारी पत्र में न्यास या मंदिर में महंत नाम का कोई पद नहीं होने की जानकारी दी गई है. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट में महंत नाम का कोई पद नहीं है. वह खुद से महंत हैं. उनका कहना है कि ट्रस्ट में जब कोई ऐसा पद नहीं है तो कोई भी बाहरी व्यक्ति किसी की पूजा या पाठ नहीं करवा सकता ना कोई बयान जारी कर सकता है, यदि ऐसा कोई करता है तो हमारी नजर में वह ठग माना जाएगा और हम उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाते हैं. वहीं, इस मामले में महंत राजेंद्र तिवारी का कहना है कि यह प्रशासन और सरकार निश्चित नहीं करेगी कि कौन महंत है. कौन नहीं हम साथ पुस्तकों से महंत हैं और महंती रहेंगे अधिग्रहण मंदिर का हुआ है, महंत परिवार का नहीं.