गुवाहाटी: कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर दिए गए विवादित बयान के बाद उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'असम के मुख्यमंत्री को बहुत कम उम्र में ही भूलने की बीमारी हो गई है.' असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शुक्रवार को राहुल गांधी पर मुस्लिम अल्पसंख्यकों की जनसंख्या नियंत्रण के लिए ब्रांड एंबेसडर बनने का आरोप लगाया था.
सरमा की विवादास्पद टिप्पणी पर शनिवार को कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. गौरव गोगोई ने शनिवार को सीएम हिमंत बिस्वा को याद दिलाने की कोशिश की कि पिछले संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान वे अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में नाच रहे थे.
गौरव ने कहा कि 'असम के मुख्यमंत्री को बहुत कम उम्र में ही भूलने की बीमारी हो गई है. लेकिन इस बार असम में मुख्यमंत्री की धार्मिक राजनीति विफल हो जाएगी.' गोगोई ने यह भी कहा कि यह भाजपा के सांप्रदायिक राजनीति पर निर्भर होने का उदाहरण है, खासकर चुनावों में.
क्या थी हिमंत बिस्वा सरमा की राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी: हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि 'मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि को रोकने में कांग्रेस की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है. अगर राहुल गांधी जनसंख्या नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर हैं, तो इसे नियंत्रित करना संभव होगा, क्योंकि समुदाय केवल उनकी बात सुनता है.'
उन्होंने कहा था कि 'अगर राहुल गांधी कल से जनसंख्या नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर बन जाते हैं, तो मुसलमानों की जनसंख्या नियंत्रण 'फटफट' होगी, भले ही वह 'खटखट' न हो. क्योंकि जब आप असम के किसी मुस्लिम गांव में जाते हैं, तो मेरा या मोदी और राहुल गांधी का नाम लिया जाता है. वे राहुल गांधी की बात सुनेंगे. क्योंकि वे मुझे या मोदी को अपना दुश्मन मानते हैं, इसलिए राहुल गांधी मुस्लिम आबादी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.'
हिमंत बिस्वा सरमा के विवादित बयान पर गौरव का करारा जवाब: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिकता की आड़ में काम कर रही है. गोगोई ने आज कहा कि 'मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हर शब्द से हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं. असम में विधानसभा चुनाव होने में अभी डेढ़ साल बाकी है. इस डेढ़ साल में आप मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को हिंदू-मुस्लिम की बात करते देखेंगे.'
उन्होंने कहा कि 'अगर युवा कहते हैं कि हमें रोजगार दो, तो असम के मुख्यमंत्री हिंदू-मुस्लिम कहते हैं. मेडिकल आशा कार्यकर्ताओं के मामले में, अगर वे कहते हैं कि हमें वेतन दो, तो फिर मुख्यमंत्री हिंदू-मुस्लिम की बात करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने में विफल रहे हैं. असम में भी हिमंत बिस्वा सरमा की हिंदू-मुस्लिम राजनीति विफल होगी.'
गौरव गोगोई ने स्पष्ट किया कि हिमंत बिस्वा सरमा ने 2026 में होने वाले असम विधानसभा चुनाव के संदर्भ में इस तरह की सांप्रदायिक टिप्पणी की है. गोगोई ने पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांप्रदायिक व्यवहार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणापत्र और मंगलसूत्र आदि की खराब राजनीति की बात की, जो भारत में विफल रही, हिमंत बिस्वा सरमा असम में भी विफल होंगे.'