नई दिल्ली : कांग्रेस ने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिर जाने के मुद्दे पर अपना अभियान तेज कर दिया है. पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस घटना के पीछे भ्रष्टाचार को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाएगी. इस संबंध में महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत से कहा कि छत्रपति शिवाजी सबसे बड़े प्रतीक हैं और पूरे राज्य में उनका सम्मान किया जाता है. उनकी प्रतिमा महज नौ महीने में कैसे गिर सकती है.
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से, निर्माण की खराब गुणवत्ता में भ्रष्टाचार शामिल है. हम इस मुद्दे का विरोध करेंगे. बता दें कि सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थित इस प्रतिमा का उद्घाटन दिसंबर 2023 में पीएम मोदी द्वारा सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार की मौजूदगी में किया गया था. 35 फीट ऊंची यह प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी. कांग्रेस नेता दुआ ने सरकार के इस तर्क की आलोचना की कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण प्रतिमा गिरी. उन्होंने कहा कि 1956 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रतापगढ़ किले में स्थापित शिवाजी की एक अन्य प्रतिमा बरकरार है और 1993 में मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर समाज सुधारक लोकमान्य तिलक की प्रतिमा भी खड़ी है.
दुआ ने कहा कि जब आप किसी चीज का श्रेय लेते हैं, तो आपको उसके गलत होने पर जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि शिवाजी की प्रतिमा गिरने से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. पटोले ने ईटीवी भारत से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पर एफआईआर होनी चाहिए. ठेकेदार के अलावा सरकारें भी इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, 'हम चुनाव से पहले राज्य सरकार में इसके अलावा अन्य भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
उन्होंने कहा कि लोग इस सरकार से तंग आ चुके हैं. पटोले ने बताया कि इसी तरह प्रधानमंत्री द्वारा पूर्व में उद्घाटन किए गए अटल सेतु में भी दरारें आ गई थीं, जो इस विशाल बुनियादी ढांचा परियोजना में शामिल भ्रष्टाचार को दर्शाता है. महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख के अनुसार, कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी भी शिवाजी की प्रतिमा गिरने से आहत हैं और वे इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. पटोले ने कहा, 'शिवाजी की मूर्ति में हुए भ्रष्टाचार को लेकर 1 सितंबर को मुंबई में बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा. हम इस मामले को राज्य भर के लोगों तक ले जाएंगे.'
दुआ के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के मन में महाराष्ट्र के इस प्रतीक के प्रति कोई सम्मान नहीं है और इसी कारण से कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने संसद परिसर के अंदर शिवाजी की प्रतिमा को मोदी सरकार द्वारा 'प्रेरणा स्थल' कहे जाने वाले एक अस्पष्ट कोने में स्थानांतरित करने का भी विरोध किया था, जहां अन्य नेताओं के अलावा महात्मा गांधी की प्रतिष्ठित प्रतिमा भी स्थित थी. उन्होंने कहा, 'जब विपक्ष ने संसद भवन के प्रवेश द्वार पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया, तो इससे हमारी लोकतांत्रिक परंपरा का परिचय हुआ.' दुआ ने कहा, 'अब इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से बचने के लिए उस मूर्ति को एक कोने में रख दिया गया है, लेकिन विपक्ष हार मानने वाला नहीं है.' वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि पार्टी ने जुलाई में महायुति सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया था और कहा था कि अपराध और नशीली दवाओं का खतरा बढ़ गया है, जबकि भ्रष्टाचार सभी क्षेत्रों में व्याप्त है.
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