पलामू: चेरो राजवंश का इतिहास करीब 400 वर्ष रहा है. चेरो राजवंश की महानता का पलामू किला स्मारक है. विश्व आदिवासी दिवस पर पलामू किला पर कॉमिक्स जारी किया गया है. कॉमिक्स के शीर्षक का नाम दिया गया है ताई और पलामू किला. कॉमिक्स के माध्यम से पलामू किला के बारे में अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश की गई. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क एवं पलामू किला में घूमने वाले पर्यटकों को यह कॉमिक्स उपलब्ध करवाई जाएगी.
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बेतला में आयोजित एक समारोह में स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह, पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना के मौजूदगी में कॉमिक्स का विमोचन किया गया.
पलामू किला के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए चेरो समुदाय से जुड़े युवाओं को टूरिस्ट गाइड बनाया जाएगा. 15 युवाओं का चयन किया जाएगा जिन्हें पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन ट्रेनिंग देगी. दरअसल पलामू का ऐतिहासिक महत्व है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रदेश प्रजेशकांत जेना ने बताया कि पलामू किला पर कॉमिक्स जारी किया गया है साथ ही साथ चेरो समुदाय के युवाओं को टूरिस्ट गाइड बनाने का निर्णय लिया गया है.
ऐतिहासिक पलामू की लातेहार के बेतला के इलाके में मौजूद है और 680 एकड़ में फैला हुआ है. दो पलामू किला है एक नया पलामू किला के नाम से जाना जाता है जबकि एक पुराना किला के नाम से जाना जाता है. इतिहास में पुराना पलामू किला कब बनाया गया था इसका कहीं भी ठोस प्रमाण नहीं है. चेरो वंश के महान शासक राजा मेदिनीराय ने 1663 में नया पलामू किला के नींव रखी थी.
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