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लेह में विमान का इंजन फेल होने का खतरा?, दर्जनभर फ्लाइट रद्द, ठंडे रेगिस्तान में गर्मी की मार - Leh Flight Cancel

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 30, 2024, 4:22 PM IST

Leh Flight Cancel: लद्दाख में गर्मी की वजह से दर्जनभर फ्लाइट रद्द हो गई हैं. इस कारण कई लोग लेह हवाई अड्डे पर फंस गए हैं. इस बीच इंडिगो ने भी 31 जुलाई तक लेह की उड़ान बुकिंग रद्द कर दी है.

लेह में गर्मी
लेह में गर्मी (ANI)

नई दिल्ली: भारत के ठंडे रेगिस्तान के रूप में मशहूर लेह-लद्दाख में तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और यहां इतनी गर्मी हो गई है कि कई भारतीय एयरलाइनों ने सामूहिक उड़ानें रद्द करने की घोषणा की है. पिछले तीन दिनों में लेह की लगभग 12 उड़ानें रद्द की गई हैं.

इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स ने बताया कि यात्री लेह हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं. वहीं, इंडिगो एयरलाइन ने भी अपनी वेबसाइट पर 31 जुलाई तक उड़ान बुकिंग रद्द कर दी है.

इंडिगो ने रद्द कीं फ्लाइट
इंडिगो ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में उड़ानों के रद्द होने के कारणों के बारे में पोस्ट किया और अपने यूजर्स से रिफंड का वादा किया. एयरलाइन ने कहा कि लेह में हाई टेंपरेचर और रनवे पर पाबंदी लगने के कारण आज सभी उड़ानों को रद्द करना पड़ा. अगर आप फिर से बुकिंग करना चाहते हैं या रिफंड क्लेम करना चाहते हैं, तो https://bit.ly/3MxSLeE पर जाएं. हमें हुई असुविधा के लिए खेद है.

गौरतलब है कि लेह-लद्दाख में मौसम की चरम स्थितियों के कारण उड़ानें रद्द होना एक आम बात हो गई है, लेकिन दिन के समय असहनीय तापमान के कारण सामूहिक उड़ान रद्द होने का यह पहला मामला है.

क्या फेल हो सकते हैं विमान के इंजन?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लेह जैसे ऊंचाई वाले स्थानों पर कम वायु घनत्व विमान के इंजन की परफोर्मेंस को खराब कर सकता है. ऊंचाई बढ़ने के साथ, हवा का तापमान कम हो जाता है और हवा का दबाव भी कम होने लगता. इससे हवा के अणु फैल जाते हैं और कुल एयर डेंटिसिटी कम हो जाती है. इस दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता कम हो जाती है, यही वजह है कि पर्वतारोही उच्च ऊंचाई पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर रहते हैं.

गौरतलब है कि 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित लेह हवाई अड्डा देश के अन्य स्थानों की तुलना में विमान संचालन को अधिक चुनौतीपूर्ण बनाता है. लेह में, पूरे साल हवा का दबाव स्वाभाविक रूप से कम रहता है. ऐसे में तापमान में कोई भी असामान्य वृद्धि वायु घनत्व को और कम कर सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार, कम वायु घनत्व उड़ान भरने और लैंडिंग के दौरान विमान के इंजन के प्रदर्शन को प्रभावित करता है, क्योंकि इंजन को फ्लोटिंग करने के लिए ज्यादा स्पीड जनरेट करनी पड़ती है. रिपोर्ट के अनुसार, असामान्य तापमान के साथ ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में विमान के इंजन ज्यादा भार ले जाने के लिए पर्याप्त थ्रस्ट डेवलप नहीं कर पाते हैं.

यह भी पढ़ें- अबू धाबी से दिल्ली आ रही इंडिगो की फ्लाइट ओमान डायवर्ट, कंपनी ने कही ये बात

नई दिल्ली: भारत के ठंडे रेगिस्तान के रूप में मशहूर लेह-लद्दाख में तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और यहां इतनी गर्मी हो गई है कि कई भारतीय एयरलाइनों ने सामूहिक उड़ानें रद्द करने की घोषणा की है. पिछले तीन दिनों में लेह की लगभग 12 उड़ानें रद्द की गई हैं.

इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स ने बताया कि यात्री लेह हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं. वहीं, इंडिगो एयरलाइन ने भी अपनी वेबसाइट पर 31 जुलाई तक उड़ान बुकिंग रद्द कर दी है.

इंडिगो ने रद्द कीं फ्लाइट
इंडिगो ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में उड़ानों के रद्द होने के कारणों के बारे में पोस्ट किया और अपने यूजर्स से रिफंड का वादा किया. एयरलाइन ने कहा कि लेह में हाई टेंपरेचर और रनवे पर पाबंदी लगने के कारण आज सभी उड़ानों को रद्द करना पड़ा. अगर आप फिर से बुकिंग करना चाहते हैं या रिफंड क्लेम करना चाहते हैं, तो https://bit.ly/3MxSLeE पर जाएं. हमें हुई असुविधा के लिए खेद है.

गौरतलब है कि लेह-लद्दाख में मौसम की चरम स्थितियों के कारण उड़ानें रद्द होना एक आम बात हो गई है, लेकिन दिन के समय असहनीय तापमान के कारण सामूहिक उड़ान रद्द होने का यह पहला मामला है.

क्या फेल हो सकते हैं विमान के इंजन?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लेह जैसे ऊंचाई वाले स्थानों पर कम वायु घनत्व विमान के इंजन की परफोर्मेंस को खराब कर सकता है. ऊंचाई बढ़ने के साथ, हवा का तापमान कम हो जाता है और हवा का दबाव भी कम होने लगता. इससे हवा के अणु फैल जाते हैं और कुल एयर डेंटिसिटी कम हो जाती है. इस दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता कम हो जाती है, यही वजह है कि पर्वतारोही उच्च ऊंचाई पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर रहते हैं.

गौरतलब है कि 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित लेह हवाई अड्डा देश के अन्य स्थानों की तुलना में विमान संचालन को अधिक चुनौतीपूर्ण बनाता है. लेह में, पूरे साल हवा का दबाव स्वाभाविक रूप से कम रहता है. ऐसे में तापमान में कोई भी असामान्य वृद्धि वायु घनत्व को और कम कर सकती है.

रिपोर्ट के अनुसार, कम वायु घनत्व उड़ान भरने और लैंडिंग के दौरान विमान के इंजन के प्रदर्शन को प्रभावित करता है, क्योंकि इंजन को फ्लोटिंग करने के लिए ज्यादा स्पीड जनरेट करनी पड़ती है. रिपोर्ट के अनुसार, असामान्य तापमान के साथ ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में विमान के इंजन ज्यादा भार ले जाने के लिए पर्याप्त थ्रस्ट डेवलप नहीं कर पाते हैं.

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