अयोध्या: राम नगरी अयोध्या के दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामलला का दर्शन कर जन्मभूमि पथ स्थित श्री राज गोपुरम द्वार का अनावरण विधि विधान पूर्वक वैदिक रीति रिवाज से किया. इस दौरान दक्षिण भारत से आये वैदिक आचार्य के द्वारा मन्त्रोंच्चारण के साथ गोपुरम द्वारा को लेकर चल रहे अनुष्ठान को संपन्न किया गया.
सुग्रीव किला मंदिर के प्रवेश द्वार श्री राज गोपुरम कहा जाता है. इसका बुधवार को मुख्यमंत्री ने लोकार्पण वैदिक विधान से किया गया. सनातन परंपरा में गोपुरम द्वार का विशेष महत्व बताया गया है. मंदिर की परंपरा है कि द्वारपाल और विभिन्न देवताओं की अनुमति के बाद ही मंदिर में प्रवेश होता है. इसके बाद ही ठाकुर जी के दर्शन प्राप्त होते है.
51 फीट ऊंची बने इस गोपुरम द्वार के चारों तरफ देवी देवताओं की मूर्तियां बनी हुई हैं. इसके उद्घाटन के लिए दक्षिण भारत से भी आचार्य और गुरु जन पधारे थे. मंदिर के आचार्य मुकुंद दास ने बताया कि आने वाले श्रद्धालु जब प्रभु श्री रामलला का दर्शन करने के लिए इस मार्ग से प्रवेश करेंगे, तो सबसे पहले सुग्रीव किला का यह गोपुरम द्वार पड़ेगा. यहां प्रवेश द्वार पर श्रीराम जानकी के दर्शन होंगे.
अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि परिसर के पास मौजूद सुग्रीव किला का अयोध्या की पुनः स्थापना के दौरान महाराजा विक्रमादित्य ने इस किले का जीर्णोद्धार कराया था. इस मंदिर में भगवान श्री राम, मां सीता, लक्ष्मण, भरत और शत्रुहन के साथ राजा सुग्रीव की भी पूजा होती है.
बताया जाता है कि इस प्राचीन किले का निर्माण त्रेतायुग में महाराजा भरत ने भगवान श्री राम के लंका पर विजय करके अयोध्या वापस लौटने पर करवाया था. इसके बाद अयोध्या के राजा श्री राम ने इस स्थान को महाराजा सुग्रीव को अयोध्या में रहने के लिए के लिए दे दिया था. तब से इस स्थान को सुग्रीव किला के नाम से जाना जाता है.
राम नगरी अयोध्या के दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान गढ़ी और राम मंदिर में रामलला के दर्शन किए. वो मंदिर परिसर में हुए कार्यक्रम में भी शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर ट्रस्ट ने वैदिक रीति रिवाज से स्वागत किया.
इस प्रोग्राम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्री राम मंदिर के निर्माण का काम 500 साल से रुका हुआ था. इसके लिए न जाने कितनी पीढ़ियां बलिदान हो गईं. वो केवल सनातनियों के एकजुट होने मात्र से दो वर्ष में ही पूरा हो गया. अगर 500 साल पहले हमने एकता दिखाई होती, तो गुलामी का सामना नहीं करना पड़ता.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी स्मृतियां हमें समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं. जब भी हम एकता का परिचय देंगे, तो दुनिया की कोई ताकत हमें कमजोर नहीं कर सकेगी. 500 साल का लंबा इंतजार समाप्त हो गया. रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने का सपना पूरा हो गया. कोई भी समस्या जो समाज और राष्ट्र को कमजोर करती हो, हमें उससे खुद को अलग करना होगा. ऐसे तत्वों को बेनकाब कर समाज से अलग-थलग करना धर्म का कार्य होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुग्रीव किले का संबंध देवरहा बाबा से भी रहा है. यह स्थल श्रीराम के वनवास काल से जुड़ा है, जब भरत जी ने इसे श्रीराम के निवास के लिए तैयार किया था. पहले इस किले तक पहुंचने का मार्ग संकरा था, लेकिन अब इसे चौड़ा और सुगम बना दिया गया है. अयोध्या अब न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण का केंद्र है, बल्कि विश्व की सबसे सुंदर नगरी के रूप में भी विकसित हो रही है.
सीएम योगी ने कहा कि यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है, जो अयोध्या को वैश्विक स्तर पर जोड़ने में मदद करेगा. संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या को श्रीराम के आदर्शों वाली नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने संत पुरुषोत्तमाचार्य महाराज के योगदान का भी उल्लेख करते हुए उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की.
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