पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी में आज नॉमिनेशन करने वाले हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नॉमिनेशन के कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे लेकिन अचानक पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के निधन के बाद सीएम का कार्यक्रम रद्द हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बनारस नहीं जाएंगे.
नीतीश कुमार ने खोया सच्चा मित्र: बिहार में 2005 में जब एनडीए की सरकार बनी थी उस समय सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. वित्त विभाग जैसी महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी. नीतीश कुमार और सुशील मोदी की जोड़ी तब से लगातार बिहार में चर्चा का केंद्र रहा है. सुशील मोदी के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा भी है कि उन्होंने सच्चा मित्र खो दिया है.
नीतीश कुमार की कराई थी एनडीए में वापसी: बता दें कि 2013 में जब नीतीश कुमार एनडीए से बाहर निकले थे तो 2017 में नीतीश कुमार को फिर से एनडीए में वापसी कराने वाले सुशील मोदी ही थे. उस समय भी सुशील मोदी को फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया गया और वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन 2020 में जब विधानसभा चुनाव में फिर से एनडीए की जीत हुई तब सुशील मोदी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. नीतीश कुमार चाहते थे सुशील मोदी को फिर से डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मिले, लेकिन बीजेपी उसके लिए तैयार नहीं हुई.
2019 में पीएम मोदी के नॉमिनेशन में हुए शामिल: नीतीश कुमार जब फिर से एनडीए से अलग हुए तब उन्होंने कहा था कि सुशील मोदी रहते तो एनडीए से अलग नहीं होते. हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने फिर से एनडीए में वापसी कर ली है. सुशील मोदी के निधन के कारण मुख्यमंत्री का आज सभी कार्यक्रम स्थगित हो गया है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नॉमिनेशन में वाराणसी गए थे और इस बार भी जाने वाले थे लेकिन अब उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया है, इसलिए वो अब नहीं जाएंगे.
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