नई दिल्ली: चिकित्सा संबंधी जांच को लेकर दिल्ली सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. लेकिन, आम आदमी पार्टी की ओर से यह दलील दी जा रही है कि केजरीवाल जीवन के लिए घातक बीमारी से जूझ रहे हैं. इसकी वजह से तिहाड़ में उनका वजन 7 किलो कम हो गया था. इसके आधार पर उन्हें अपनी बीमारी संबंधी जांच करने के लिए कोर्ट से सात दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाई जानी चाहिए.
दरअसल, इस मामले को तूल पकड़ने के बाद तिहाड़ जेल नंबर दो स्थित डिस्पेंसरी में जेल में रहने के दौरान चेक कराए गए केजरीवाल के वजन को लेकर एक लेटर जारी किया गया है. लेटर में बताया गया है कि एक अप्रैल, तीन अप्रैल, आठ अप्रैल, 16 अप्रैल, 29 अप्रैल और नौ मई को उनका वजन चेक कराया गया था. इस दौरान केजरीवाल का वजन क्रमशः 65, 66 और 64 किलोग्राम पाया गया था.
तिहाड़ जेल नंबर दो में स्थित डिस्पेंसरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जेल अधीक्षक को केजरीवाल के वजन से संबंधित रिपोर्ट आज 30 मई को भेजी गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल को एक जून तक अंतिम जमानत दी गई थी. अब केजरीवाल को इसके आधार पर ही 2 जून को जेल में सरेंडर करना है.
आतिशी ने लगाया था ये आरोप: आतिश ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल जब ईडी की हिरासत में थे तब उनका अचानक से वजन घट गया. उन्होंने कोर्ट में 7 दिनों की अंतरिम जमानत की अपील की, ताकि मेडिकल टेस्ट करवा सकें. लेकिन ईडी केजरीवाल के मेडिकल टेस्ट नहीं होने देना चाहती है. आतिशी ने कहा कि केजरीवाल का शुगर लेवल लगातार बढ़ता चला जा रहा है. उन्होंने डॉक्टर से जांच करवाई है. डॉक्टर ने उनको कई मेडिकल टेस्ट प्रिसक्राइब किए हैं, जिनमें ब्लड टेस्ट, कार्डियक टेस्ट और पूरे शरीर का सीटी स्कैन करना आदि शामिल है.
आतिशी ने कहा कि क्यों डॉक्टर ने केजरीवाल को इतने टेस्ट करने के लिए प्रिसक्राइब किया है. इसलिए, क्योंकि अचानक इतना ज्यादा वजन घटने और कीटोन लेवल का बढ़ना किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. कार्डियक प्रॉब्लम का भी कारण बन सकता है, यहां तक की कैंसर का भी इंडिकेटर हो सकता है. इन सभी बीमारियों का जल्द से जल्द पता लगाया जाना बहुत जरूरी है. इन बीमारियों का जितना जल्दी डिक्टेशन होगा, उतना ही सफल ट्रीटमेंट हो सकेगा.
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